October 3, 2024
What is International Finance |  International Finance in details
 #Finance

What is International Finance | International Finance in details #Finance


हेलो फ्रेंड वेलकम टू माय उसका आंसर दे पाओ तो फ्रेंड विदाउट वेस्टिंग टाइम हम स्टार्ट करते हैं तो फ्रेंड फर्स्ट

ऑफ ऑन तो हम देखेंगे कि इंटरनेशनल जो फाइनेंस है वो है क्या तो यहां पे मैं तो आपको सबसे पहले एक एग्जांपल के थ्रू

एक्सप्लेन करूंगी आफ्टर दैट हम लोग ये पॉइंट्स को डिस्कस करेंगे तो फ्रेंड्स सिंपल सा आप क्या बोल सकते हो जब भी दो या

दो से ज्यादा देशों में या फिर कंट्रीज के बीच में ट्रेड होता है या फिर पैसों का लेनदेन होता है तो वहां पे इंटरनेशनल

फाइनेंस होता है अभी इंटरनेशनल फाइनेंस क्यों होता है वो यहां पे समझिए बिकॉज़ यहां पे हमारे जो ट्रेडिंग एक्टिविटीज

हो रही है फिर जो भी पैसों का लेन देन हो रहा है वो विथ इन अ कंट्री नहीं हो रही है वो दो या दो से ज्यादा इट मींस अलग

कंट्रीज के साथ हो रही है तो वहां पे इंटरनेशनल फाइनेंस आता ही है और एग्जांपल आपको कोई बिजनेस स्टार्ट करना है तो लोन

पर्पस के लिए आप डेफिनेटली क्या देखोगे कौन सी ऐसी कंट्री है या फिर कौन सा ऐसा बैंक है जो आपको क्या करें लोन भी दे दे

एंड इजी वे में लोन भी प्रोवाइड कर दे और इंटरेस्ट रेट भी क्या हो कम है तो क्या बोल सकते हो फॉर द पर्पस ऑफ लोन भी बोल

सकते हो या तो फिर आप अपनी कंट्री में ना ना बिजनेस ओपन करके आप किसी और कंट्री में बिजनेस ओपन करना चाहो या फिर आप किसी

और कंट्री में इन्वेस्टमेंट करना चाहो फॉर प्रॉफिट मोटिव तो ये सारे एक्टिविटीज में अगर आपको एट द एंड अगर आपको

प्रॉफिट अर्न हो रहा है तो उस प्रॉफिट का बेनिफिट लेने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा फर्स्ट अपऑन बिकॉज़ आप डील किसके

साथ कर रहे हो अलग-अलग कंट्रीज के साथ कर रहे हो तो आपको फर्स्ट अपऑन वहां की करेंसी को वहां के एक्सचेंज को आपको

कन्वर्ट करना पड़ेगा अपनी करेंसी में देन आप उसको यूटिलाइज कर सकते हो तो यह क्या होता है हमारा इंटरनेशनल फाइनेंस

सिस्टम ऐसे वर्क करता है आई होप आपको यहां पे ये चीजें क्लियर है अब हम इसको थोड़ा सा डिटेल में देख लेते हैं तो फ्रेंड

फर्स्ट ऑफ ऑन आप यहां पे क्या बोल सकते हो जो हमारा इंटरनेशनल फाइनेंस है तो किसके साथ और कैसे डील करता है मैनेजमेंट

ऑफ फाइनेंस हमारे फाइनेंस को मैनेज करता है और कैसे मैनेज करता है अगेन आपको फोकस करना है ये क्या है इंटरनेशनल है इट

मींस डोमेस्टिक नहीं आएगा यहां पे वो ग्लोबल बिजनेस के ऊपर क्या कर रहा है आपके वो ग्लोबली वर्क कर रहा है या फिर

ग्लोबल बिजनेस इट मींस आप होल वर्ड बोल सकते हो देन वो आपको इसके साथ-साथ ये भी एक्सप्लेन कर रहा है कि आप इंटरनेशनल

मार्केट में कैसे ट्रेड करोगे एंड अगर आप ट्रेडिंग कर रहे हो तो डेफिनेट आप फॉरेन एक्सचेंज करेंसी लाइक फॉरेन करेंसीज

को आप कैसे एक्सचेंज करने वाले हो एंड प्रॉफिट होगा तो आप उसका कैसे बेनिफिट लेने वाले हो ये सारी चीजें हमारी किस में

आती है इंटरनेशनल फाइनेंस में आती है देन एक और इंपॉर्टेंट चीज आप यहां पे क्या बोल सकते हो जो हमारा नेशनल फाइनेंस है

वो सेक्शन है या फिर पार्ट है किसका फाइनेंशियल इकोनॉमिक का एंड ये हमारी जो फाइनेंशियल इकोनॉमिक है वो किसके साथ डील

कर रही है माइक्रो इकोनॉमिक माइक्रो इट मींस क्या होता है होल इकोनॉमी एंड रिलेशन किसके बीच में है दो कंट्री के बीच

में है एंड अगर दो कंट्री के बीच में रिलेशन है है तो वहां पे उनके मॉनेटरी ट्रांजैक्शंस भी होंगे तो फ्रेंड आई होप

आपको यहां पे इंटरनेशनल फाइनेंस क्लियर है एंड जो भी डील होता है या फिर जो भी ट्रांजैक्शन एक्टिविटीज है इन टर्म्स ऑफ

बोल सकते हो आपके लाइक इंटरेस्ट रेट हो सकता है एक्सचेंज रेट के थ्रू या फिर फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट या फिर क्या

बोल सकते हो आप यहां पे फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के थ्रू तो फ्रेंड फर्स्ट ऑफ ऑन तो मैं आपको यहां पे ये सारी

चीजों को एक्सप्लेन करना चाहूंगी सो दैट आप इसको अच्छे से समझ पाओ तो पहला यहां पे देखिए क्या है इंटरेस्ट रेट तो यहां

पे मैं आपको बताना चाहूंगी कि जैसे कोई भी कंट्री है वो किसी और कंट्री के गवर्नमेंट से क्या करना चाह रही है लोन लेना

चाह रही है कुछ फंड रेज करना चाह रही है सेम एज इट इज कोई कंपनी अगर लोन के लिए रिक्वेस्ट करती है किसी और कंट्री से तो

फर्स्ट अपऑन वो सारे क्या कंडीशन देखना चाहेगी तो यही देख देखना चाहिए कितने इजी वे में उसको लोन मिल जाए और उसका जो

इंटरेस्ट रेट है उसकी कंट्री यानी डोमेस्टिक कंट्री के कंपेयर में कम चार्जेस वो करें तो इस बेस पे लाइक इस बेस पे वो

क्या करती है इंटरनेशनल फाइनेंस में जाती है या फिर इंटरनेशनल मार्केट में जाती है तो इंटरेस्टेड आपको आई होप यहां पे

क्लियर है नेक्स्ट क्या है एक्सचेंज रेट तो यहां पे आप डेफिनेटली आपको समझना हो कि अगर आप किसी और कंट्री के साथ डील कर

रहे हो तो बेसिकली फर्स्ट ऑफ ऑल यू नीड यू नीड टू अंडरस्टैंड उस कंट्री का एक्सचेंज रेट या फिर एक्सचेंज वैल्यू के बारे

में आपको समझना होगा फॉर एग्जांपल अगर आप यूएस कंट्री के साथ डील कर रहे हो तो आपको देखना पड़ेगा कि वहां की जो यूएस की

जो करेंसी है डॉलर का जो रेट है कंपेयर आपको इंडिया में या फिर अपनी डोमेस्टिक कंट्री में उसकी क्या वैल्यू चालू है तो

उस हिसाब से आप एक्सचेंज रेट भी देखोगे नेक्स्ट क्या होता है फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट अभी फॉरेन डायरेक्ट

इन्वेस्टमेंट मींस आप क्या बोल सकते हैं यहां पे हम क्या करते हैं किसी भी कंट्री में जाकर डायरेक्टली इन्वेस्टमेंट

करते हैं या फिर मर्ज कर लेते हैं या फिर वहां पे कुछ एक्वायर कर लेते हैं तो ये सारी चीजों में ये सारी चीजों करने के

पहले वी नीड टू अंडरस्टैंड या फिर एनालाइज मार्केट कंडीशन आपको मार्केट कंडीशन एनालाइज करना होगा वहां का पॉलिटिकल

एनवायरमेंट को देखना पड़ेगा वहां पर कल्चर क्या है वो सारी चीजें आपको अंडरस्टैंड करनी पड़ेगी तभी तो आप डायरेक्ट

इन्वेस्टमेंट करोगे फॉर एग्जांपल आपको वहां का कल्चर नहीं पता है आपको वहां का पॉलिटिकल एनवायरमेंट नहीं पता है वहां

के लोगों का इंटरेस्ट नहीं पता है और आपने कोई ऐसा बिजनेस सेटअप किया जो कुछ महीने चला फिर आपको लॉस हो गया आपको बंद

करना पड़े तो वो सारी चीजें हमको यहां पे देखनी पड़ती है देन लास्ट क्या है हमारा एफपीआई एफपीआई मैंने आपको क्या बताया

था फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट तो यहां पे आप क्या बोल सकते हो कि लाइक किसी और कंट्री के कंपनी के सिक्योरिटी को

अगर आप परचेस कर रहे हो या फिर डील कर रहे हो या फिर उनको पोचेस या सेल कर रहे हो तो इट मींस नथिंग बट आप क्या कर रहे हो

पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट कर रहे हो तो यहां पे आप सिंपल सा क्या बोल सकते हो कि ऐसे सिचुएशन में अगर आपको उसके

सिक्योरिटी को बाय करना है तो अगेन यू नीड टू अंडरस्टैंड कि उस कंट्री का एक्सचेंज रेट क्या है एक्सचेंज रेट मतलब

कितना वैल्यू आपको मिलने वाला है न बि हाफ पे प्रॉफिट होगा या फिर जो भी चीज होगी आपको उसका कितना वैल्यू मिलने वाला है

तो वो सारी चीजों को अंडरस्टैंड करने के लिए या फिर हेल्प करने के लिए आपको यहां पे किसकी जरूरत होती है इंटरनेशनल

फाइनेंस की जरूरत होती है या फिर हम उसको क्या बोलते हैं इंटरनेशनल फाइनेंस कहते हैं तो फर को यहां पे इंटरनेशनल

फाइनेंस आपको यहां पे क्लियर है सिंपल सा आप बोल सकते हो इंटरनेशनल है इट मींस आप अपनी कंट्री में ना करके किसी और

कंट्री के साथ क्या कर रहे हो डील कर रहे हो और वो डील इन टर्म्स ऑफ हो सकता है आप इंटरेस्ट रेट के लिए कर रहे हो एक्सचेंज

रेट के लिए कर रहे हो एफडीआई के लिए या फिर एफपीआई के लिए आई होप आपको यहां पे ये कांसेप्ट क्लियर हो गए हैं कि इंटरेस्ट

रेट क्या है एक्सचेंज रेट क्या है एंड एफपीआई क्या है देन फ्रेंड यहां पे देखिए क्या है करेंसी प्रीवेलिंग तो यहां पे

करेंसी प्रीवेलिंग आपके जो प्रीवेलिंग एक्सचेंज रेट होता है उसका मतलब क्या है कि लाइक ऑन द स्पोट जो भी एक्सचेंज रेट

हो रहा है ऑफ द रिलेवेंट करं का इन द लोकल एंड ग्लोबल मार्केट जो भी चेंजेज है उसको हम लोग क्या बोलते हैं करेंसी

प्रीवेलिंग तो फ्रेंड आई होप आपको यहां पे इंट्रोडक्शन क्लियर है अब हम इसका छोटा सा मीनिंग देख लेते हैं तो फ्रेंड

मीनिंग में आपके एग्जाम में क्वेश्चन पूछ सकता है कि इंटरनेशनल फाइनेंस को हम लोग और क्या बोलते हैं तो यहां पे आप क्या

बोल सकते हो जो इंटरनेशनल फाइनेंस है उसको हम लोग इंटरनेशनल मॉनेटरी इकोनॉमिक भी बोलते हैं या फिर इंटरनेशनल माइक्रो

इकोनॉमिक भी बोलते हैं किसको बोलते हैं इंटरनेशनल फाइनेंस को देन ये यहां पे वही चीजें है जो मैंने आपको अभी

एक्सप्लेन किया कि जो हमारा इंटरनेशनल फाइनेंस क्या है अ ब्रांच ऑफ फाइनेंशियल इकोनॉमिक है ब्रॉडली कंसर्न विद

किसके साथ कंसर्न है मॉनेटरी एंड माइक्रो इकोनॉमिक माइक्रो इट मींस क्या हुआ होल इकोनॉमिक के साथ एंड रिलेशनशिप

किसके बीच में है दो दो या फिर दो से ज्यादा कंट्रीज के बीच में है एंड उसके मोनेटरी ट्रांजैक्शन भी उनके बीच में होते

हैं फड आई होप आपको यहां पे मीनिंग क्लियर है अब हम इसके कुछ इंपोर्टेंट ऑब्जेक्टिव डिस्कस कर लेते हैं तो फ्रेंड यहां

पे देखिए फर्स्ट ऑब्जेक्टिव क्या है इंटरनेशनल फाइनेंस का टू रिड्यूस ग्लोबल पॉवर्टी ये क्या हो रहा है पॉवर्टी को कम

कर रहा है ओनली डोमेस्टिक कंट्री में नहीं ग्लोबल लेवल पे क्या कर रहा है पॉवर्टी को कम कर रहा है एंड क्या कर रहा है

लोगों के बीच में जो उनकी लिविंग कंडीशन है या फिर जो स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग है उसको भी इंप्रूव कर रहा है देन आप और क्या

बोल सकते हो जो हमारा इंटरनेशनल फाइनेंस है वो क्या कर रहा है सस्टेनेबल इकोनॉमी को सपोर्ट कर रहा है एंड सोशल एंड

इंस्टीट्यूशंस में डेवलपमेंट भी लेके आ रहा है देन यहां पे और क्या कर रहा है टू प्रमोट रीजनल कॉरपोरेशंस एंड

इंटीग्रेशन रीजन के बीच में भी क्या कर र है वो कॉरपोरेशंस एंड इंटीग्रेशंस को प्रमोट कर र है द लास्ट ऑब्जेक्टिव का

देखिए क्या है ट लेजन पॉवर्टी एंड प्रमोट द लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट ऑफ द इकोनॉमिक अगर किसी भी कंट्री में पॉवर्टी है तो

पॉवर्टी के साथ आपको कैसे सरवाइव करना है या फिर लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट के बारे में आपको कैसे सोचना है वो सारी चीजें

इसके क्या है ऑब्जेक्टिव है किसके ऑब्जेक्टिव है इंटरनेशनल फाइनेंस के फ्रेंड आई होप आपको यहां पे ऑब्जेक्टिव्स

क्लियर है अब हम इसके कुछ इंपॉर्टेंट फीचर डिस्कस कर लेते हैं तो फ्रेंड अगर आपको एग्जाम में नेचर ऑफ इंटरनेशनल

फाइनेंस पूछे या फिर फीचर ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस पूछे तो फ्रेंड इसमें आप कंफ्यूज मत होइए आप दोनों के लिए सेम आंसर दे

सकते हैं तो फ्रेंड फर्स्ट फीचर यहां पे देखिए क्या है एक्सपेंडेड अपॉर्चुनिटी टू बिजनेस तो यहां पे आप क्या बोल सकते

हो विद द हेल्प ऑफ द इंटरनेशनल फाइनेंस आप क्या कर सकते हो अपने बिजनेस को एक्सपें कर सकते हो या फिर आपके पास बहुत

अच्छी अपॉर्चुनिटी होती है अपने बिजनेस को एक्सपें करने के लिए कैसे बिकॉज यहां पे आप ओनली डोमेस्टिक कंट्री में नहीं

डोमेस्टिक मार्केट में नहीं बल्कि आप इंटरनेशनल मार्केट में क्या कर रहे हो अपने बिजनेस को डील कर रहे हो अपने बिजनेस

को और बढ़ावा दे रहे हो एंड ऐसी चीजों में बहुत सारी ऐसे भी डेवलप कंट्री होती है जो अंडर डेवलपिंग कंट्रीज को बोलती है

कि व उनकी कंट्रीज में आके अपने बिजनेस को टैब्लिक्स को स्टार्ट करें सो दैट उस कंट्री को इन्वेस्टमेंट भी मिलेगा एंड

उस कंट्री का इकोनॉमिक पोर्टफोलियो भी क्या होता है अच्छा होता है एंड इससे आपको भी अच्छी अपॉर्चुनिटी मिलती है इवन

कुछ ऐसे भी बैंक्स होते हैं वो क्या करते हैं अगर आपके पास पैसे कम है तो आपको कम फंड में क्या करते हैं आपको आपसे जीरो

इंटरेस्ट रेट चार्ज करके आपके इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देते हैं आपके इंडस्ट्रीज को मौका देते हैं कि आप वहां पर अच्छे

से अपने इंडस्ट्रीज को ग्रोथ करता है ओनली आपका इंडस्ट्री या फिर जो बिजनेस है वो अच्छा होना चाहिए तो आई होप आपको यहां

पे फर्स्ट फीचर क्लियर है सेकंड फीचर यहां पे देखिए क्या है फॉरेन एक्सचेंज रेट तो यहां पे आप क्या बोल सकते हो जो

इन्वेस्टर है जो पर्सन अपना बिजनेस कहीं और सेट अप करना चाहते हैं उनको फॉरेन एक्सचेंज रिस्क के बारे में भी लर्न करना

बहुत ही इंपॉर्टेंट होता है बिकॉज यहां पे आप इंटरनेशनल डील कर रहे हो इंटरनेशनल डील करना इट मीस वहां पे फॉरेन

एक्सचेंज तो आएगा लाइक आपको अपना बिजनेस कहीं पे सेट अप करने के पहले फर्स्ट ऑफ ऑन आपको देखना पड़ेगा कि वहां की करेंसी

का कन्वर्जन क्या है उसका रेट क्या मिल रहा है वहां के लोगों का इंटरेस्ट क्या है वहां पर जो पॉपुलेशन है वो लोग ज्यादा

क्या डिमांड कर रही हैं वो सारी चीजों को देख के ही आपको क्या करना पड़ेगा फर्स्ट ऑफ ऑल इन्वेस्टर को थोड़ा सा स्टडी

करना पड़ेगा एनालाइज करना पड़ेगा तब आपको कहीं पे वहां पे इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा तो आई होप आपको ये फीचर्स भी

क्लियर है नेक्स्ट यहां पे देखिए क्या है पॉलिटिकल रिस्क तो पॉलिटिकल रिस्क भी यहां पे होता है बिकॉज हमेशा गवर्नमेंट

के कुछ न नए रूल्स कुछ एक्ट्स आते हैं तो अल्टीमेटली इसके वजह से क्या होता है कि सपोज जो भी गवर्नमेंट थी उसके कुछ

रूल्स एंड रेगुलेशन अलग थे उन्होंने कुछ अलग ही एक्ट लाया एंड आफ्टर दैट जैसे ही वो गवर्नमेंट चेंज होती है तो उनके कुछ

अलग ही अपने डिसीजन हो है तो इस वजह से पॉलिटिकल रिस्क का भी सामना करना पड़ सकता है इन्वेस्टर्स को तो लॉन्ग टर्म के

लिए फर्स्ट अपऑन उनको वहां पे जो स्टडी करना चाहिए कि वहां का पॉलिटिकल कंडीशंस कैसा है वहां का एनवायरमेंट कैसा है उस

कंट्री के रूल्स एंड रेगुलेशंस क्या है आपके बिजनेस को आपके आपके ट्रेड को लेके तो वो सारी चीजों के बाद ही आपको वहां

पे इन्वेस्टमेंट करना जी तो इस वजह से पॉलिटिकल रिस्क भी वहां पे है नेक्स्ट यहां पे देखिए क्या है मार्केट

इंपरफेक्शन तो फ्रेंड मार्केट इंपरफेक्शन तो आएगा बिकॉज़ इसके पहले आप कहां पे डील कर रहे थे डोमेस्टिक मार्केट में

या फिर अपनी कंट्री में डील कर रहे थे बट अब आप डोमेस्टिक मार्केट के साथ-साथ कहां पे डील कर रहे हो इंटरनेशनल

मार्केट्स में इंटरनेशनल कंट्रीज में डील कर रहे हो तो डेफिनेटली जैसे डोमेस्टिक मार्केट या फिर हमारी कंट्री के जो

रूल्स एंड रेगुलेशंस है वो अलग होंगे टैक्सेशन पॉलिसी अलग अलग होंगे बिजनेस को लेके उनके मॉड्यूस या फिर उसके

रिगार्डिंग जो उनके टर्म्स एंड कंडीशंस क्या होंगे अलग होंगे कंपेयर टू अदर कंट्री तो इसके वजह से यहां पे क्या होगा

मार्केट इंपरफेक्शन आता ही है तो यहां पे इन्वेस्टर्स को फर्स्ट ऑफ ऑन अगर आपको कहीं पे इन्वेस्टमेंट करना है तो आपको

उस म उसके वहां के मार्केट्स का भी एनालाइज करना होगा पोर्टफोलियो को देखना होगा कि आप किस तरह से लाइक कहां पे

इन्वेस्टमेंट करोगे और आपको कितना प्रॉफिट मिलने वाला है वहां का टर्म्स एंड कंडीशंस क्या है वहां के टैक्सेशन

पॉलिसी क्या है ये सारी चीजें आपको वहां पे देखना पड़ेगा इसलिए यहां पे क्या है मार्केट इंपरफेक्शंस भी है तो फ्रेंड

आई होप आपको यहां पे इंटरनेशनल फाइनेंस के फीचर्स भी यहां पे आपको क्लियर है तो फ्रेंड आज के लिए इतना ही मिलते हैं हम

अपने नेक्स्ट वीडियो में एंड फ्रेंड मैं आपको बता दूं नेक्स्ट वीडियो में हम लोग डिस्कस करने वाले हैं स्कोप एंड

इंपॉर्टेंस ऑफ इंटरनेशनल फिनेंस फ्रेंड एट द एंड मैं आपसे रिक्वेस्ट करना चाहूंगी अगर आपको मेरा आज का वीडियो अच्छा

लगा तो फ्रेंड प्लीज आप मेरे इस वीडियो को लाइक एंड मेरे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करिए एंड फ्रेंड डोंट फॉरगेट टू हिट द

बेल आइकन सो दैट आपको मेरे लेटेस्ट वीडियो का नोटिफिकेशन मिलता रहे थैंक यू फ्रेंड h [संगीत]

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