October 3, 2024
Financial Management & Corporate Finance | Antim Prahar 2024 |🔥8/14🔥| Important Questions Answer
 #Finance

Financial Management & Corporate Finance | Antim Prahar 2024 |🔥8/14🔥| Important Questions Answer #Finance


हाय दोस्तों कैसे हैं आप सभी मैं डॉक्टर आन व्यास फिर से अपने youtube0 प्रहार की तैयारी कर रहे हैं ऑलरेडी आपने डिटेल

वीडियोस देख लिए हैं न्यूमेरिकल की सीरीज भी एक ऑलरेडी मैंने बना दी है है ना जिसमें एक अलग से पूरी की पूरी प्लेलिस्ट

अवेलेबल है आप वहां से भी सारा न्यूमेरिकल्स देख सकते हैं इसके अलावा मैं आ चुका हूं एट मोस्ट इंपोर्टेंट क्वेश्चन के

ऊपर तो जल्दी से आठवा क्वेश्चन शुरू करते हैं क्या है डिविडेंड मॉडल के बारे में बात हो रही है वाल्टर और गॉर्डन साहब

के मॉडल के बारे में बात हो रही है देखिए डिविडेंड में से एक क्वेश्चन आना लगभग फिक्स रहेगा रिलेवेंट थ्योरी रिलेवेंट

थ्योरी हमेशा से आती रही है थोड़ी सी इससे पहले रिलेवेंट थ्योरी के बात करी थी वाल्टर और गॉर्डन जो है ये रिलेवेंट

थ्योरी से संबंधित है अब सर ये रिलेवेंट और रिलेवेंट क्या होता है देखो थ्योरी अपनी जगह पहले समझ लेते हैं देखो अ मोदी

साहब जो थे हमारे मोदी गिलानी वाली एमएम थ्योरी वो रिलेवेंट इर रिलेवेंट थ्योरी के अंदर थी उनका ये कहना था कि

डिविडेंड का कोई लेना देना होता नहीं है मतलब कि वैल्यू ऑफ द फर्म से डिविडेंड का कोई लेना देना नहीं होता डेप्ट

डिविडेंड इसका कोई लेना देना नहीं होता सब अपने हाल में मस्त रहते हैं कोई उसका ऑप्शन नहीं है और वो प्राइस कम हो जाती

है वो भी मैंने पॉइंट बताया था यहां पे वाल्टर और गोर्डन कह रहे हैं नहीं नहीं ऐसा नहीं है कैसा है कि ये जो डिविडेंड है

इसका तो डायरेक्ट रिलेशन है भाई साहब बोले कैसे रिलेशन है क्योंकि इंसान जो है वो करंट की चीज देखता है इंसान क्या

देखता है करंट की चीज देखता है कि अभी मार्केट में क्या चल रहा है अभी कौन डिविडेंड डिक्लेयर कर रहा है तो इन दोनों

थ्योरी ने बेसिकली यह कहा कि यदि अ करंट में यदि कंपनी डिविडेंड डिक्लेयर करेगी तो कंपनी की वैल्यू बढ़ेगी उसकी शेयर

प्राइस बढ़ेगा ना कि कम होगा क्यों क्योंकि इससे कंपनी की गुडविल बढ़ेगी इससे कंपनी इन्वेस्टर को ज्यादा से ज्यादा

उसकी डिमांड बढ़ेगी कि यह पर्टिकुलर कंपनी अपना डिविडेंड डिक्लेयर कर रही है इसके शेयर बाय करने चाहिए जब बाय करने

चाहिए डिमांड बढ़ेगी तो स्टॉक प्राइस बढ़ जाएगा जब स्टॉक प्राइस बढ़ेगा तो कंपनी की वैल्युएशन बढ़ जाएगी यह सिंपल सी

रिलेवेंट थ्योरी का मूल फंडा है इन्होंने कॉस्ट ऑफ कैपिटल से कंपेयर करके बताया कि यदि कॉस्ट ऑफ कैपिटल कम आ रही है

रिटर्न ज्यादा आ रहा है तो आप अपना जो पेआउट है उसको जीरो रखिए और अगर यह रिवर्स में है तो पेआउट 100% कर दीजिए और इक्वल है

तो आपकी मर्जी क्या करना है तो यही ल्टर और गडन मॉडल है ठीक है अब वाल्टर मॉडल पे अब एक-एक करके पॉइंट बात समझ जाते हैं

मैंने मूल सिद्धांत आपको समझा दिया वाल्टर मॉडल क्या कह रहा है ये भी वाल्टर ई वाल्टर ने 1963 में डेवलप करा था अच्छा यहां

पे सिन रखना यह लिखना है इनका पूरा नाम लिखना जेम्स सी वाल्टर एग्जाम में इसका अच्छा इफेक्ट आता है ठीक है इन्होंने कहा

कहा प्रोपोर्शन ऑफ द अर्निंग नॉट पेड आउट द डिविडेंड एंड इज रिटर्न टू द इक्विटी द की एजमन ऑफ दिस मॉडल इज कंपनी

वैल्युएशन इज डायरेक्टली रिलेटेड टू एबिलिटी टू रिइन्वेस्ट अर्निंग एज अ रेट ऑफ इक्वल टू द आरई यानी कॉस्ट ऑफ कैपिटल

से इन्होंने डायरेक्टली रिलेशनशिप इसके साथ बताया था ये इसका एक नॉर्मल फार्मूला है वोल्टर और गर्डन मॉडल का ठीक है

अभी फॉर्मूले के ऊपर अपन जाएंगे नहीं अपन इसके अंश के ऊपर जाएंगे पहले गॉर्डन मॉडल भी देख लेते हैं उसके बाद दोनों के

अंश के ऊपर जाते हैं अंपन क्या कह रहा है अंपन यही कहता है मैं आपको याद ही करवा देता हूं है ना नहीं भी उसके अंदर आपको

थ्योरी में समझ में आए तो वोल्टर मॉडल का अंपन यह कह रहा है कि आपका जो मार्केट है उसके अंदर जो शेयर होल्डर्स हैं वो

इतने भी रैशनल नहीं है जितने हैं मतलब शेयर होल्डर्स आर नॉट रैशनल ये आपको फर्स्ट पॉइंट समझना चलना है ठीक है

डायरेक्टली प्रोपोर्शन होती है कॉस्ट ऑफ कैपिटल और आपके डिविडेंड से आपकी वैल्यू ऑफ द फॉर्म ये इसका दूसरा अजमन है

तीसरा अजमन इसके अंदर कह रहा है कि आपका जो पेआउट रेशो है वो डायरेक्टली किस पे इफेक्ट कर रहा है आपकी वैल्यू पे या आपके

इक्विटी शेयर्स के ऊपर ठीक है और आपकी गुडविल इफेक्ट करती है आपके डिविडेंड को यह इन्होंने इसे मान के चला है तब जाके

यह थ्योरी इंप्लीमेंट हो पाती है ठीक है हां द मॉडल एज्यूम द डिविडेंड रिमन कांस्टेंट और हां एक और मेन अजमन इसका क्या

है थोड़ा सा यहां पे लाइटिंग का इशू आ रहा होगा एक अजमन यह भी है कि डिविडेंड हमेशा रहने वाला है मतलब डिविडेंड है कंपनी

कांस्टेंट रेट से डिविडेंड पेड करती है कभी भी वो स्टेबल डिविडेंड वाला इनकी पॉलिसी अडॉप्ट करती है और एंड दैट द

रिटेंशन रेशो सेम और रिटेंशन रेशो भी इसके अंदर सेम होता है और स्टेबल ग्रोथ यानी कि हमेशा आप कमाओगे आज भी कमाओगे कल

भी कमाओगे परसों भी कमाओगे आज कल परसों का मतलब इस साल अगले साल और उसके अगले साल आप कमाओगे ये बेसिक इसके तीन चार अजमन

है और उसी से इन्होंने काम किया है अब गॉर्डन मॉडल भी यही कह रहा है गॉर्डन मॉडल उसी का ही एक्सटेंशन है किसका अपने

वोल्टर मॉडल का का वोल्टर मॉडल में इसमें डिस्काउंटिंग मॉडल को भी इन्होंने ऐड कर दिया है इसमें डिटरमाइंड बाय फ्यूचर

डिविडेंड यानी इनका तो और ये कहना है कि भाई आज के करंट डिविडेंड से तो आपकी फर्म तो डिसाइड होगी आपकी वैल्यू लेकिन

फ्यूचर में कितना अनाउंस करने वाले हो उससे भी डिविडेंड के उससे भी आपकी वैल्यू ऑफ़ द फर्म डिसाइड होगी तो सर ये बात तो

समझ में आई के आज डिविडेंड मिल रहा है तो कंपनी की वैल्यूएशन बढ़ेगी या कम होगी है ना नहीं मिलेगा तो कम होगी मिलेगा तो

बढ़ेगी लेकिन फ्यूचर डिविडेंड से कैसे होगा अब मान लो कि कोई कंपनी अनाउंस कर देती है कि मैं दिसंबर के अंदर ₹ डिविडेंड

देने वाली हूं तो कंपनी अनाउंस करेगी जब डिविडेंड के अंदर ₹10 इंटरम डिविडेंड देने वाली है या फाइनल डिविडेंड या स्पेशल

डिविडेंड देने वाली तो कंपनी की और ज्यादा इन्वेस्टर अट्रैक्ट होंगे जब ज्यादा इन्वेस्टर अट्रैक्ट होंगे तो ज्यादा

डिमांड होगी और ज्यादा डिमांड होगी तो क्या होगा आपकी वैल्यू बढ़ेगी ये गॉर्डन सा आपका कहना है कि भाई करंट से तो फर्क

पड़ेगा ही पड़ेगा फ्यूचर से भी फर्क पड़ेगा और अगर आप फ्यूचर में डिविडेंड नहीं दोगे तो क्या होगा इन्वेस्टर अट्रैक्ट

नहीं होंगे डिमांड नहीं बढ़ेगी डिमांड नहीं बढ़ेगी तो अ शेयर प्राइस स्टेबल रहेगा शेयर प्राइस डाउन भी जा सकता है और

वैल्यू ऑफ़ द फर्म डाउन हो सकता है यही बेसिकली इसमें भी वही बात करी है ग्रोथ जो है वो कांस्टेंट है डिविडेंड जो है वो

कांस्टेंट है और कॉस्ट ऑफ कैपिटल की बात करी गई है ठीक है बोथ मॉडल आर लिमिटेशंस इसकी लिमिटेशंस तो बेसिकली यही है

क्योंकि मार्केट जो होता है वो फ्लकचुएटिंग होता है और उसका किस जगह क्या करना है मतलब फ्यूचर क्या होगा वो किसी को पता

नहीं ठीक है और इसके अंदर एक दोनों मॉडल के अंदर एक बहुत ही कॉमन अजमन है यह सबसे ज्यादा कि और कोई ऑप्शन नहीं है कंपनी

के पास कि कंपनी अपनी रिटेन अर्निंग को इन्वेस्ट करती है कंपनी अपने कहीं से ना तो डेप्ट ले सकती है ना वो प्रेफरेंस

शेयर इशू कर रही है ना इक्विटी इशू कर रही है वो क्या अपनी रिटर्न अर्निंग से ही आगे बढ़ेगी क्योंकि ग्रोथ है हर साल बढ़

रहा है तो ग्रोथ है तो अपने ही पैसे लगा के वह आगे बढ़ेगी यह इनका अजमन है क्लियर हो गया यह कौन सी थ्योरी है रिलेवेंट

थ्योरी के अंदर रिलेवेंट का मतलब ही यही है डिविडेंड दे रहा हू ना उसका मतलब है तो वो रिलेवेंट थ्योरी और मोदी गिलानी

वाली जो थ्योरी थी अपनी एमएम थ्योरी वो रिलेवेंट थ्योरी के अंदर आ जाती जब मैंने आपको डेप डिविडेंड का कोई लेना देना

नहीं है वह बताया था क्लियर हो गया तो यह दोनों थ्योरी अच्छे से याद कर लेना आगे बढ़ते हैं सीरीज आगे बढ़ाते हैं जय

हिंद

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