December 18, 2024
Value Research Dhanak: Tech has transformed finance industry | Digital finance can change life!
 #Finance

Value Research Dhanak: Tech has transformed finance industry | Digital finance can change life! #Finance


सावधान रहने के लिए आपके नियम दो चार हैं जिसको जो कि आपको कभी भी वायलेट नहीं करना चाहिए आपके बैंक में कितना पैसा

पड़ा है पहले यह जानकारी मिल जाए आपके इन्वेस्टमेंट का क्या वैल्यू है यह पता चल जाए अगर ग्राहकों का जान की जानकारी

अगर चोरी हुई तो उसके लिए आप जिम्मेवार हैं और आपको हरजाना भरना पड़ेगा नमस्कार और स्वागत है आपका निवेश का बड़ा सवाल

में जब हम भारत में पर्सनल फाइनेंस की बात करते हैं तो पिछले कुछ सालों में मार्केट ने तेजी से रफ्तार पकड़ी है और

जानकारी का प्रसार एक नई क्रांति के रूप में उभर कर सामने आया लोगों तक वित्तीय जागरूकता पहुंचाना आज के दौर में बहुत

अहम हो गया है क्योंकि अभी पूरी दुनिया में वर्ल्ड इन्वेस्टर्स वीक बनाया जा रहा है तो आज हम चर्चा करेंगे कि कैसे

टेक्नोलॉजी और फाइनेंस का डिजिटलीकरण निवेशकों की जिंदगी में एक नया आयाम और आकार लेकर आया है [संगीत] धीरेंद्र सर

स्वागत है आपका आज पर्सनल फाइनेंस में टेक्नोलॉजी की एंट्री ने निवेशकों के लिए कई बड़े फायदे लाए आपने तो कई सालों

में मार्केट और टेक्नोलॉजी को साथ बढ़ते हुए इस सफर को देखा है तो आपसे जानना चाहेंगे सर कि आपकी नजर में इस बदलाव ने

किस तरह से निवेशकों के लिए संभावनाओं के द्वार खोले हैं टेक्नोलॉजी तो बिल्कुल जादू की तरह काम किया है और खासकर

पर्सनल फाइनेंस में या ओवरऑल फाइनेंस में अगर आप देखें कि जिस तरह से जानकारी मूव करती है फाइनेंस के लिए जरूरी है कि

आपको आपके बैंक में कितना पैसा पड़ा है पहले यह जानकारी मिल जाए आपके इन्वेस्टमेंट का क्या वैल्यू है यह पता चल जाए

पहले हम पोस्टमैन का इंतजार किया करते थे तीन महीने में एक बार क्लोजन फंड का एनवी कैलकुलेट होता था अब ओपन एंड फंड का

रोज एनवी आता है स्टॉक ब्रोकर के पास अगर आप शेयर खरीदने जाते हैं तो यह जानकारी वो आगे किसी को देता था वह आगे जाकर के

ट्रेडिंग रिंग में लोग एक दूसरे के साथ सौदा करते थे फिर एक कागज पर नोट एक डायरी में नोट पैड पर नोट किया जाता था फिर

आपके पास ये जानकारी आती थी कितनी सही थी कितनी गलत थी या कितना ट्रांसपेरेंट था इसका कोई ट्रेल नहीं रहता था अब आपका

पहले जिस तरह से आप डी मटर के पहले अगर आप शेयर खरीदते थे तो शेयर के पीछे एक ट्रांसफर डीड होता था जिसको आप साइन करके

भेजते थे और फिर आपके सिग्नेचर मैच किया तो आपको आपके नाम से ट्रांसफर हो जाएगा नहीं मैच किया तो यह बैड डिलीवरी हो

जाएगा आपका पैसा फस जाएगा तो जिस जादुई तरीके से एसेट्स का और या इनके बारे में जो जानकारी है जिस रफतार से आप तक

पहुंचता है यह अपने आप में जादुई है दूसरा कि जिस तरह से आप अपना पैसा एक अपने खाते से किसी दूसरे को ट्रांसफर कर पाते

हैं पहले आप किसी को बैंक में पहले आप किसी को चेक लिखते थे या ड्राफ्ट बना के भेजते थे और उसके बाद वह अपने बैंक में जमा

करता था वह क्लीयरिंग में जाता था फिर आपके उसके खाते में यह पैसा आता था अब आप अभी निर्धारित करते हैं आप कहीं पर खाना

खा रहे होते हैं आपके पास पैसा कम हो गया तो आपके घर से पैसा चला आता है और आप यूपीआई से पे कर देते हैं क्यूआर कोड देख के

पे कर जाते हैं तो ये तो एक बहुत ही बड़ा रिवोल्यूशन री है बिल्कुल ही जादू ही है जिस तरह से आप एक दूसरे को हम पैसा दे जिस

रफ्तार से भेज पाते हैं और 24 घंटे भेज पाते हैं और तीसरा चीज कि जिस कॉस्ट पे हम कर पाते हैं पहले अगर आपको किसी को पैसा

भेजना होता था तो कोई कमीशन लगता था कोई चार्जेस लगता था कोई आप र का चेक चेक लीफ होता है वो आगे जाता था वह कहीं पर आप

किसी बॉक्स में डालते थे वहां से वह क्लीयरिंग हाउस में जाता था वहां पर देखा जाता था कि उसके खाते में यह पैसा है कि

नहीं है कोई वेरीफाई करता था कि सिग्नेचर मैच कर रहा है तो पैसा मूव करना इसका कॉस्ट एफिशिएंटली होना और जानकारी का मूव

करना इसकी वजह से जो असर हुआ है पहले जब मैं म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करता था तो मेरी इन्वेस्टमेंट की जानकारी एक दो

पन्ने के फॉर्म पर भरी जाती थी उस पर मैं साइन करता था अब यह सब कुछ मैं डिजिटली कर पाता हूं और मेरा सिग्नेचर मेरे आधार

कार्ड से वैलिडेट हो जाता है दूसरा कि जब मैं पहले एसआईपी करता था तो मुझे 12 पोस्ट रेटेड चेक देना होता था और वो मेरा

म्यूचल मेरी म्यूचुअल फंड कंपनी के लोग हर महीने बैंक में जमा करते थे वो क्लीयरिंग में जाता था पैसा वापस होता था तो

इनके इसका जो खर्चा है जिस तरह से यह होता था यह जो कन्वीनियंस है तो यह तो बिल्कुल ही मैजिकल है अभी आप 50 का एक एसआईपी कर

सकते हैं किसी भी फंड में कर सकते हैं और अभी आप अभी अगर निर्धारित करते हैं और आपके पास सेलफोन है और ऑनलाइन बैंक

अकाउंट का एक्सेस है तो 15 मिनट में यह शुरू हो जाएगा तो यह सब चीज तो जादुई है एक व्यक्ति अगर 00 लगाता है 000 लगाता है 5 करोड़

रुप लगाता है 50 करोड़ रुप लगाता है सबके लिए जिस तरह का कस्टमाइजेशन संभव है जिस तरह का पर्सनलाइजेशन संभव है अगर आप 00

लगाते हैं और अगले 20 साल के लिए लगाना चाहते हो और इससे एक बड़ी पूंजी इकट्ठा करना चाहते हैं तो जो आपके पास विकल्प

उपलब्ध है जितनी आसानी से आप उसमें पार्टिसिपेट कर पाते हैं अगर आप 100 इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं और आप देखना चाहते हैं

कि सबका स्थिति कैसा है तो बिना जितनी आसानी से आप इन चीजों को मॉनिटर कर पाते हैं पर्सनलाइज कर पाते हैं कोई आदमी आपको

यह सलाह दे सकता है कोई ऑटोमेटेड तरीके से आपको सलाह दे सकता है और काफी कुछ आज आपको वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन पर उपलब्ध है

अगर आपने पिछले 10 साल में 15 साल में 25 जगह से अलग-अलग शहरों में आपका नौकरी था ट्रांसफर होता रहा आप अलग-अलग जगह इन्वेस्ट

करते रहे आपके पैन नंबर से आपके सारे निवेश एक जगह पर कोलेट हो जाएंगे वैल्यू रिसर्च में एक बार अपना पैन नंबर डालिए

अपना फोन नंबर डालिए और आपके पास एक ओटीपी आएगा जिसमें आप उसको अनुमति दे रहे होंगे कि हां मेरी जानकारी हर जगह से

इकट्ठा कर लीजिए और इसके बाद आपके पास कौन सा शेयर्स है कहां-कहां पे है कौन सा म्यूचुअल फंड है कौन सा एनपीएस है आप एक

जगह पर देख पाएंगे आपके पास एक 360 डिग्री व्यू अपने निवेश का हो पाएगा और यह मुझे लगता है कि पहले अगर आप यह करना चाहते तो

यह तीन महीने का काम होता आपको अलग-अलग जाकर पता करना पड़ता आप बहुत सारी चीजें भूल गए होते और शायद आप कुछ आपका निवेश खो

जाता है और यह सब चीज आज के दिन ट्रैक कर पाना पर्सनलाइज कर पाना मॉनिटर कर पाना देख पाना कि आपको क्या बेच देना चाहिए

देख पाना कि क्या आपको हम नहीं बेचना चाहिए यह सब चीज काफी थोड़ा ध्यान लगा कर के थोड़ा थोड़ा नजर रखना सब चीज बहुत आसान

हो गया और इसका सबसे बड़ा फायदा हुआ है कि समाज के सबसे गरीब आदमी भी आज उसके लिए यह सब चीज उपलब्ध है अगर आप एनपीएस का

अकाउंट खोलना चाहते हैं आप ₹ 00 महीना बचा सकते हैं तो यह भी कर पाना आपके लिए संभव है आपका रिटायरमेंट अकाउंट ऑनलाइन

डिजिटली खुल सकता है जिंदगी भर आप बचा सकते हैं और इससे आपका आप जिस तरह का फाइनेंशियल इंक्लूजन आज संभव हो पाया है जन

धन अकाउंट से एनपीएस से और या म्यूचुअल फंड में भी आप जिस तरह जितने कम रकम में आप एसआईपी कर सकते हैं एक बड़ी छोटी रकम

से एक बड़ी पूंजी इकट्ठा कर सकते हैं और यह सबके लिए उपलब्ध है एक और चीज मुझे ख्याल आता है म्यूचुअल फंड के संदर्भ में

कि अगर आपने आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर रहे हैं जो भी रकम कर रहे हैं और आपके पास दो चार 5 लाख अगर इकट्ठा हो गया है

और अचानक कोई इमरजेंसी होता है आपको अचानक ₹ लाख र चाहिए और आप या तो अपने किसी रिश्तेदार के पास जाइए किसी मित्र के पास

जाइए और उम्मीद करिए कि वह आपको यह रकम उधार दे दे लेकिन अगर आपके पास यह पूंजी है और रात में अगर आपको जरूरत पड़े तो ऐसा

संभव है कि आप अपने निवेश पर लियन लगा कर के अगर आपके पास आपको 0000 की जरूरत है आपका निवेश दो च लाख रप का है लाख रप के निवेश

को तुरंत आप मॉर्गेज कर सकते हैं उसपे आप उसको आप ब्लॉक कर सकते हैं जो आप बेच नहीं पाएंगे लेकिन आपके बैंक खाते में 0000

का उधार आ जाएगा और जैसे आप इसको रिपे कर देंगे वो आपका लिएन हटाया जा सकता है और इतने दिनों के उधार के लिए ही आपको केवल

ब्याज देना पड़ेगा तो अगर आपके पास पूंजी है तो इमरजेंसी को टाइड ओवर करने के लिए आज आपके पास बहुत ही सुविधाजनक विकल्प

आपके पास उपलब्ध है और यह डिजिटाइजेशन की वजह से संभव है अच्छा सर हर चीज के फायदे के साथ कुछ चुनौतियां भी आती हैं तो

अंत में हमसे आप यह साझा कर दीजिए कि फाइनेंस इंडस्ट्री के डिजिटलीकरण से जुड़े क्या-क्या रिस्क है जिनका ध्यान

निवेशकों को रखना चाहिए जी हां डिजिटाइजेशन का एक बहुत बड़ा रिस्क पहले अगर आपसे पैसा किसी को अगर लूटना होता तोव

बंदूक लेकर आता डाका डालने आता अब व आपको फोन पर धमका करके आपका ओटीपी चोरी करके या आपके फोन पर कोई मैलवेयर इंस्टॉल

करके वह आपका पैसा लूट लेता है आपके बैंक खाते से ही लूट लेता है आपको पता भी नहीं चलता है कि वह कौन है और उसके लिए आपको

बहुत सावधान रहना चाहिए उसके लिए सावधान रहने के लिए आपके नियम दो चार है जिसको जो कि आपको कभी भी वायलेट नहीं करना

चाहिए एक तो अनजान जगह से आपके पास कभी मैसेज जाए आप उसको खोलिए ही मत और यह अगर आप डिसिप्लिन बिल्ड कर पाते हैं तब आप बच

पाएंगे दूसरा आपको कभी किसी को ओटीपी बताना ही नहीं है चाहे वह कोई भी हो कभी किसी को ऑनलाइन बैंक की जानकारी ना दे और

इसके लिए मुझे लगता है कि आरबीआई म्यूचुअल फंड बाकी सारी बड़ी कंपनियां जिसके जरिए आप हम निवेश करते हैं उनको उनको

मुझे लगता है कि पेनलाइज करना चाहिए सरकार को उनके पीछे पड़ना चाहिए कि अगर आपके यहां से निवेशकों का ग्राहकों का की

जानकारी अगर चोरी हुई तो आपको बड़ा हरजाना भरना पड़ेगा क्योंकि अधिकतर जो यह डिजिटल फ्रॉड है उसके पीछे होता है कि कभी

मेरे पास कोई आदमी का फोन आया व उसको उसके पास मेरी काफी जानकारी होती है उसके पास मेरा फोन नंबर होता है उसके पास मेरा

बैंक अकाउंट का डिटेल्स होता है उसे यह जानकारी होती है कि मैंने कहां इन्वेस्ट किया है मैंने जब कभी डी डी मैट अकाउंट

खोला है तब मेरे पास इंदौर से फोन आना शुरू हो जाता है जो अपनी कोई स्टॉक से रिलेटेड कोई सेवा बेच रहा तो इससे बचना चाहिए

बहुत-बहुत धन्यवाद सर इस पूरी जानकारी को इतनी आसान भाषा में हम लोगों को समझाने के लिए तो देखिए निवेश में सजगता और

सतर्कता दोनों आवश्यक है और इसीलिए हम आपसे बार-बार कहते हैं कि अपने निवेश से जुड़ा अपने इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग

से जुड़ा कोई भी सवाल मन में है तो बिना संशय के वह सवाल हम तक पहुंचाए और अपने प्रश्नों के उत्तर के लिए धनक को आज और अभी

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