नमस्कार बंधु आजरा क दीपावली गली दीपाली को कहा बहुत मजदार से जा निश्चित सु कहानी हो राजर राज भवनेश रही फाइनेंस
कंपनी जब कर दिवाली छरे चने र को फ रे विधवा भज दीपाली बाघर मात्र द वर्ष पर ई एक्सीडेंट मृत्य जाला से ब को तो भाज आ मास
प्र ले ता पर त पला और से तही सबन कोने पड़ रले कोने नहीं किंतु त दे जला परिवा सते ते जवान बसरे सेवा गले मात्र को 26 र्ष त
दे बा म त आज प दे म किंतु राज सब को परात कर दिवाली छरे राज घर कोसता र सारा बाना और फटका नहीं और सनज सब दिन अल जाले सब दिन
से थ किंतु से दिन टे सिंथेटिक साड़ी कलरफुल और से ंडी परा फटी बर आजी से टके में कब तले राज को देखी पूरा दीवाना [संगीत]
जाला और दीपाली भाज म बहुत दिनर देहर को और मनर सनी बोती राज मरे मरे र को से प दीपाली बहुत थ को को टा कर किंतु राज फस फनी
न की राजन थला किंतु सेडरला काले घरे के जा किछ असुविधा किंतु थरा दिवाली [संगीत] रे ले घरे और राज राज सारा ला सांग ले और
बाना फोटो फोटो हटात बानरो जाई दीपाली सफन पड़ी गला आ राज दपा ब को जा सेन सा कोनी ला और राति अंधकार मलिम मलाइट रा रंग
बरंगा लाट भज से अपूर्व सुंदर और बस भया देहा सत जमिति कामदेव निसी राज को को चती आरी कर नाराज ोव शब्द पटे मन घर कोला जा
र के रेस्ट नहीं जाओ दीपाली समते साया बला संग रूम कोला दिपा सो पड़ राज दीपारा खाली दे देखी निज को सन राने परा ट स और
दपा भी धीरे धीरे गम निश्वास भर को आरंभ कर आरी न [संगीत] करी राज दीपाली रखला अ त को म कोरला ता धीरे धीरे ला छती दीपाली
रा सारा देह को राज ली चमारे चमारे ता दे सारा अ दे असमारी प्रेम दपा रा बहु दिनरा भकला देह राजर गर्म स्पर्श भाई स ह से
मध्या ज सल पर रास को पकेला अत को अता बलि दे लि को [संगीत] देला धीरे धीरे ने से राज पला अता को सा धीरे धीरे [संगीत] ला राज
र दिपाली राज जीवन अनुभूति केला काता गलफ्रेंड ले समस्ते बिना एक्सरिस वाला और दीपाली भाज फली एक्सरिस से राज बंड
कोती राज का स्वर्ग सुख जा कि समय परे पटे आज खली ंग मारी धीरे धीरे सला सला करवा आरंभ कर दे कुछ समय पर दीपाली कला राज
कनली हा तु मोटा मस करो नकरी राज दपाल को सला अता द ग कोट की ंड कु र लला पर धीरे धीरे स्ट्रोक मारला को कष्ट काना बहुत दिन
सेला कट भी आनंद अनु करला प राज धीरे धीरे रा परा सा को दीपाली करला औरता परपा हो राज बर कर लगला राज आजन सब सु नला को तु
संत करलो राज राला और कुछ समय परे तर माल ब समय सला से पचाला बा को ड़ पाली कला बाहर ड़ ना सुविधा ता राज र काला राज दीपाली
को कुक कर को कला दपा पूरा राजला राजपा को कुक करी प प ंड कर कोल हा ब ल दीपाली भाज दपा भजर सेही बड़ ंडी और बड़ बड़ द राज
सुनु करला को धीरे धीरे और दिपाली राज आज म नहीं आज सारा रात म चलो नप आज कर दिया और आजन करी चलीला चलीला टाइ ला और दिपाली
परा शति गला राज भी रत ले और सो गले सख उठी राजपा को बचाला भाज काली तम के लगला दपा कला राज लगला को बनला को पानी आ कन दरक
तु सब दिन राज कला हा तु चिंता करना आज तुरा सब प्रकार आवश्यकता करवा मो दव पर राज सब रविवार दिन घर को से को गही शांति कर
पु फरी जाए m
CashNews, your go-to portal for financial news and insights.