November 21, 2024
India-Russia together brought new BRICS notes New BRICS Finance System Takes Aim at US Dollar
 #Finance

India-Russia together brought new BRICS notes New BRICS Finance System Takes Aim at US Dollar #Finance


रिसेंटली 20224 ब्रिक्स सम्मेलन एकटी वीडियो ते स्पष्ट देखा गछ ज व्लादिमीर पुतिन हाते एकटी नोट धोरे जेटीर वीडियो

सोशल मीडिया द्रुत यरल होए जाय ए दृश्य सोशल मीडिया तुमुल आलोचना तैरी करछ आले ए समय रशिया प्रेसिडेंट व्लादिमीर

पुतिन जे छटी यरल होए सेखाने स्पष्ट देखा जा तिनी हाते एकटी नोट धरे अनाद जानि रखी ए छबी संप्रति रशिया अनुष ब्रिक्स

सम्मेलन समय ए सम्मेलन भारत चीन ब्राजील सह प्राय 30 टी देश प्रतिनिधि और नेता अंश ग्रहण लेन पुतिन हाते थाका ए नोट कोन

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आधिपत्य काण बेशर भाग अंतर्जातीय लेनदेन एवं पेमेंट सिस्टम डॉलर व्यवहार अपरिहार्य होए उठे फले विभिन्न देश के

इंटरनेशनल बाज्य एवं आमदनी रतनी क्षेत्रे बाध्यता मूलक भा डॉलर ऊपरे निर्भर थकते हय किंतु एन पुतिन जखन ब्रिक्स

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बंधुरा आई एनएन रिपोर्ट अनुजाई ब्रिक्स जद सत्य ता निस्व मुद्रा चालू करे तब टा मार्कन डॉलर ऊपर नेक बड़ प्रभाव फेलते

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कमोडिटी मार्केट प्राय 80 पर ट्रेड डॉलर होय जेटी पेट्रो डॉलर सिस्टेम माध्यमे आ शक्तिशाली होए उठेचे ए मॉडल देश गुली

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सस्ता होए जाय तब रतनी खरच नेक टा बेड़े जाय ज अमेरिका ट्रेड घटती ढाय न्य दिके उन्नयन शल देश गुली डॉलर ऋण नय कम सुदर

सुविधा पते किंतु डॉलर दाम ढले ए ऋण परिशोध करा आ कठिन होए पड़े फॉर एग्जांपल नेक आफ्रिकन एवं लटन अमेरिक देश बर्तमान

ता ऋण परि सेवाय संकटे रए कारण डॉलर दाम बृद्धि ता अर्थनीति रे विशाल चाप तैरी करछ साप प्रतिक बरते रशिया चीन एवं भारत

सह ब्रिक्स देश गुली डॉलर विकल्प खजर चेष्टा करछ किछु देश तो इति मध्य स्थानीय मुद्रा लेनदेन शुरू करछ एवं 2023 साले

विश्वव्यापी तेलर प्राय 20 पर ट्रेड मार्कन डॉलर छड़ा अन्य मुद्रा संपन्न होए ही परिवर्तन डॉलर के कमजोरी कर देवार

एकटी इंगित जयो डॉलर एनो वर्ल्ड इकोनॉमिक्स से प्रभाव रए ग गवेषणा देखा ग ज 2024 सालर मध्य मार्कन डॉलर एनो वैश्विक

लेनदेन मुख्य भूमिका पालन करछ किंतु नन अर्थनीति जोट गुली धीरे धीरे ए प्रभाव कमानो चेष्टा करछ विश्वव्यापी प्राय 80 %

बाणिज्य मार्कन डॉलर ओपरे निर्भर शल किंतु नेक देश ए डॉलर निर्भरता दादागरी थे मुक्ति पते चाय तरा आ मार्कन डॉलर

बाणिज्य करते चाय ना कारण ए सपूर्ण नियंत्रण तो अमेरिक हाते ज कोन देश के था माते हय तखन अमेरिका से देशर विरुद्ध डॉलर

निर्भर ट्रेंड किछु निषेधा का आरोप ते ओ देशर अर्थनीति एवं बाणिज्य बड़ समस्या तैरी हय एवं सेही देश आ डॉलर व्यवहार

न्य देशर संगे बाणिज्य करते पारे ना जमन रशिया एवं ईरान ए निषेधा कारणे सरासरी अनेक तिर सखन होए और ईरान तो गत कयक बछर

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तृतीय पक्षे निषेध भय छाई किंतु फाइनली अनेक प्रचे पर अवशेष एकटी समाधान पावा ग एवं एर फलाफल एटाई विषयक जे पश्चिमा

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पताका एवं तार प्रतीक जमन भारते ताजमहल एवं चीने ड्रैगन देखा गछ नोटर ए डेमो डिजाइन मीटिंग उपस्थित सकल देशे

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ब्रिक्स देश गुली विश्व 45 पर जनसंख्या प्रतिनिधित्व करे एवं वैश्विक 35 पर इकोनॉमी नियंत्रण करे अर्थात नुतन मुद्रा

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जखन चीन भारत एवं रशिया पश्चिम देश गु संगे बाणिज्य करते ह और एमन होले कल्पना करुन जे डॉलर आधिपत्य तख कटा कमे जाब तब

ब्रिक्स मुद्रा चालु होले ए जोट एटाई शक्तिशाली होए उठबे जे न्य कोन देश सहजे तार विरुद्ध किछु बोलते साहस देखाब ना

एमन की भविष्यत पश्चिमा देश गुली ब्रिक्स मुद्रा लेनदेन करते आग्रह होते पारे ए मुद्र बायरे सापक राशिर शीर्ष

सम्मेलन ब्रिक्स एकटी नन डिजिटल पेमेंट सिस्टेम प्रदर्शन करा होए मीटिंग चला कालीन विभिन्न बारकोड एवं प्रोमो कोड

देखानो होए छलो जा व्यवहार कर चा कॉफी एवं जे कोनो आइटम केना संभव जद एटी एकटी डेमो लो ते बोनो होए ज शीघ्र ही ए पेमेंट

सिस्टेम अनुष्ठा निक भावे चालू करा हवे ए सिस्टेम माध्यमे ब्रिक्स देश गुली नागरिक न्य देशे भ्रमण समय लोकल करेंसी

एवं एक्सचेंज झमेला छाही लेनदेन करते पब धरा जाक एकजन भारतीय नागरिक चीने भ्रमण करलो से नन पेमेंट सिस्टेम दिए खुब

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डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के मूल फोकस करा ह टी सदस्य देश गुर मधे इंपोर्ट एक्सपोर्ट सहज तर करते साज्य करब कारण लोकल

करेंसी डिजिटल पेमेंट माध्यमे सरासरी रूपांतरित होवे जेतु भविष्य बाणिज्य डिजिटली ह ताई ए उद्योग समय उपयोगी तब जत

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जीडीपी प्राय 35 पर नियंत्रण करे एर फले तरा मल्टीपोलर अर्थन किक काठा मो तैरी करते संभव ज मार्कन डॉलर आधिपत्य एकटी

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जद ब्रिक्स तद निस्व डिजिटल मुद्रा चालू करे बा स्थानीय मुद्रा बाणिज्य के आरो प्रसारित करे एख आर्थिक व्यवस्था

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42 thoughts on “India-Russia together brought new BRICS notes New BRICS Finance System Takes Aim at US Dollar #Finance

  1. জাতিসংঘ বা ব্রিকস মুসলিম রাষ্ট্রের কন এসথাই সদস্য নাই। এদের থেকে সাবধান মুসলিম রাষ্ট্র গুলো। এরা লাল কুকুর শিয়ালের ভাই

  2. ভারতের এত মুরত নাই ব্রিকস তৈরি করবে তোদের বাবা আছে না বাবা রাশিয়া রাশিয়া বাবা তৈরি করছে 😂

  3. এসিয়া আমেরিকা আলাদা হোক। এই অঞ্চলে আমেরিকার আগ্রাসন বন্ধ হওয়া জরুরী

  4. ভারত আমেরিকার কেনা গোলাম।ভারতের জন্যই এটা আলোর মুখ দেখবে না।তাছাড়া চীন রাশিয়া ভারত সারা দুনিয়ায় বেশি সে দেশের নোট ছাপায় তাই তাদের নিজেদের মধ্যেই সন্দেহ আছে 😂ভারত আর চীন তারা তাদের কত মুদ্রা ছাপায় কেও সেটা জানে না।আমার কথা সন্দেহ হলে গুগল অথবা ইউটিউবে দেখতে পারেন।

  5. ওটাতেও কয়েক শত বছরের বাবরী মসজিদের ছবি ও ইতিহাস আছে এবং তাজ মহল যা পৃথিবীর সাত আশ্চর্য এর একটি।

  6. ব্রিকস কারেন্সি এতদিনে চালু করে দেওয়া দরকার ছিল অনেক দেরী হয়েগেছে তাই।
    ব্রিকস মুদ্রা চালু হলেও ডলারের সমকক্ষ হতে( ডলারের 80% দখল করা স্থান) কমকরে 10-15 বছর সময় লাগদে পারে।
    যদিও সৌদীআরব যোগ দিলে তেলের বাজার থেকে ডলার নির্ভরতা কমে যাবে বা আদৌ নির্ভরতা থাকবেনা, তখন ডলার তলানিতে ঠেকতে পারে, তবে আমেরিকা সহজে মানতে পারবেনা, কি কুট চাল চালে কে জানে।

  7. ডলার এর বিপক্ষে অন্য কোন মুদ্রা দাড় করাতে পারলে ভালো হত কিন্তু এটা যে আকাশ কুসুম কল্পনা মাত্র এ ছাড়া কিছু ই না। ইনকিলাব জিন্দাবাদ।

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