November 28, 2024
(V181) (Finance Commission under Article 280 of Indian Constitution) M. Laxmikanth Polity (IAS/PCS)
 #Finance

(V181) (Finance Commission under Article 280 of Indian Constitution) M. Laxmikanth Polity (IAS/PCS) #Finance


कि नमस्कार दोस्तों एक और वीडियो में आपका स्वागत है यहां पर फाइनेंस कमिशन ऑफ इंडिया के बारे में बात करेंगे जो कि

आर्टिकल 280 ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन माता एक ही वीडियो में यह टॉपिक खत्म हो जाएगा आपका तो इंट्रोडक्शन टो फाइनेंस

कमिशन आफ इंडिया थे आर्टिकल 280 और आर्टिकल 281 में फाइनेंस कमिशन की बात कि यह कंपोजिशन मतलब कौन कौन होता फाइनेंस कमिशन

आफ इंडिया में फाइनेंस कमिशन आफ्टर के फंक्शंस क्या है क्या एडवाइजरी रोने ऑफिस की बातें कि फाइनेंस कमिशन एक

एडवाइजरी बॉडी है जो भी यह रिकमेंडेशन देते हैं वह बाइंडिंग नहीं है सरकार के ऊपर और पाइनस मिशन अब तक एक्चुअली में

जितने भी फाइनेंस कमिशन बने हैं उनके बारे में कौन मतलब कितने समय के लिए पॉइंट की और उसका चेयरमैन कौन था उसको इस

वीडियो में डिस्कस करेंगे और प्लानिंग कमीशन के साथ क्या इशूज रहे हैं इसके बारे में थोड़ा बहुत देखेंगे मैं तो भैया

इसकी कॉस्ट यूनाइटेड स्टेट्स के थ्रू ए तू आर्टिकल 280 ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन 280 अधिकांश नॉर्थ इंडिया थे यह फाइनेंस कमिशन

को प्रोवाइड करता है ऐसा quasi-judicial बॉडी और यह जो फाइनेंस कमिशन है यह प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया द्वारा क्वांटिटी जाता है हर 5

साल के अंतराल पर हर 5 साल के ग्राफिक यह जितने साल के अंतराल पर प्रेजेंट पोस्टिंग करना चाहिए कि मान लीजिए कोई

फाइनेंस कमिशन छह साल यह साल के लिए उसे वंश के जाता तो अगला फाइनेंस कमिशन ओबीसी बातें इतने समय के बाद जाएगा अगर बात

करें कंपोजीशन ऑन द फाइनेंस कमिशन की तो अभी पिघलेगी और अंदर मेंबर्स पॉइंटेड अट मैं तुझे फाइनेंस कमिशन को ना

पार्टिकल 280 के अंदर बनाएंगे उसमें एक चेयरमैन होगा चार दूसरे मेंबर होंगे वह ऑफिस केवल उतने टाइम पीरियड के रोल

करेंगे जितना टाइम मिनट के लिए प्रेसिडेंट ने अपने ऑर्डर में लिखा तो प्रेसिडेंट फाइनेंस कमिशन को जिस ऑर्डर के थ्रू

बना रहा है वॉर्डन में लिखा होगा कि मोड ऑफ स्पिरिट एस प्रेसिडेंट मिर्च मटर ठीक है भाई अभी देखिए फाइनेंस कमीशन बनाया

जाता है दोस्तों फाइनेंस कमिशन से बातचीत चलती रहती है कभी-कभी ऐसा भी होता है कि फाइनेंस कमिशन मेंबर पॉइंट कि उनकी

सरकार के साथ ही सब्सक्राइब कर दिया जाता है कि अब फाइनेंस कमिशन द्वारा फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशन दी एक से डेढ़ 2 साल

में फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशन देता है तो उस समय पर कुछ लोग रिप्लेस कर दिए गए कुछ लोग उसमें ही रहा है कुछ लोग हो सकता

है कि एक फाइनेंस कमिशन की रिपोर्ट है तो माली से 2015 से लेकर 2020 है जो फाइनेंस कमिशन था उसमें कोई मेंबर था 2009 से लेकर 2025 तक

फाइनेंस कमिशन मेंबर को अपॉइंट कर दिया तो यह बेसिकली सरकार पर डिपेंड करता है कि वह कितने मेंबर्स को कितने समय के लिए

और कितनी बार फाइनेंस कमिशन में करना चाहते हैं श्री रामप्रसाद शर्मा जी फाइनेंस कमिशन एक ऐसी बॉडी है जिसमें अभी के

लिए पांच मेंबर से उन पांच नंबर का काम है कि वह बैठे यह डिसाइड करें कि पैसा कैसे मिटेगा सेंट्रल व स्टेट के बीच में फिर

स्टेट्स में तपस्या व उनकी आपस में कैसे कटेगा उस पर थोड़ी देर में आते हैं कि कॉस्टिट्यूशन ऑथराइज करता पार्लियामेंट

वह इस बात के लिए कि कमीशन में जिन मेंबर्स को आप पॉइंट करना है उनकी क्वालिफिकेशन साथ डिसाइड कर लो तो वह फाइनेंस

कमिशन में ओपन मेंबर्स को अपॉइंट कर रहे हो उनकी क्या क्वालिफिकेशन है यह पहले में डिसाइड करेगी और उनको इस माइनर से

सेलेक्ट करना है यह भी पाला में डिसाइड करेंगी है और उसके लिए पहले मैंने एक नियम कानून पास कराकर चेयरमैन और मेंबर्स

ऑफ द फाइनेंस कमिशन की क्वालिफिकेशन को डिवाइस किया डिसाइड किया है इस नियम का नाम है – कमिशन 1951 और फाइनेंस कमिशन 1958

में सब्सक्राइब नहीं किया तो भले ही के नियम यह है कि भाई जी थे फाइनेंस कमिशन के अंदर जो भी चेयरमैन है और मेंबर से इनका

अपॉइंटमेंट कैसे होगा कितने लोग उसमें अपॉइंटमेंट के जाएंगे और क्या उनका क्वालिफिकेशन होगा यह डिसाइड ऑन कर सकता

पार्लियामेंट सकता है पार्लियामेंट इसको आलरेडी डिसाइड कर चुका है फाइनेंस कमिशन एंड 1951 के दो अभी के लिए कोई भी

चेंजेस है तो फाइनेंस कमिशन आफ 1951 कि सूरज हमारी सरकार होती है वह फाइनेंस कमिशन के मेंबर्स अपॉइंट कर देती है ठीक है

मैं है अब देखिए है कि 1991 है जो फाइनेंस कमिशन एक्ट है इसमें चेयरमैन और मेंबर्स को के हिसाब से पॉइंट के जाता मतलब कौन

होंगे वह चैनल मेंबर्स इन को अपॉइंट किया जाएगा तो देखिए चेयरमैन तो एक ऐसा प्रश्न होगा फाइनेंस कमिशन का जिसको काफी

बड़ा एक्सपीरियंस ए पब्लिक अफेयर्स में तुम्हें इन लोगों की सेवा में पब्लिक सर्विस में गवर्नमेंट की जो काम होते हैं

एडमिनिस्ट्रेटिव काम उसमें इसको बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस उसको आप चेयरमैन अपॉइंट करोगे और बाकी चार मेंबर से उनको

आप कुछ इस हिसाब से अपॉइंट करेगा तो यह 400 फिट कर रहे तो होगा जहां क्वॉलिफाइड 2.1 यहां पर सेलेक्ट को सब्सक्राइब करें

लाइक और सब्सक्राइब कर ले ली है कि यह कैसा बटन होगा वे स्पेशलाइज अब फाइनेंस एंड अकाउंट्स अंडर गारमेंट जिसको सरकार

के फैसलों के बारे में काफी कुछ पता है एक ऐसा प्रश्न है जिसको जनरल फाइनेंस इन मैटर एडमिनिस्ट्रेशन बहुत सारे

एक्सपीरियंस है और एक ऐसा पर्सन है इसको कांग्रेस की बहुत नॉलेज है तो एक और उसकी नॉलेज वाला फाइनेंशियल मैटर्स और

एडमिनिस्ट्रेशन एक्सपीरियंस वाला गवर्नमेंट के फाइनल अकाउंट में एक्सपीरियंस वाला और स्पेशलाइज्ड वाला हिस्सा है

जब हाई कोर्ट यह चार और एक चेयरमैन जो कि एक्सपर्ट होना चाहिए क्लिक करके आप अ मैं अभी फाइनेंस कमिशन बन गया तो काम

डेफिनेशन का इसका काम है भाई रिकमेंडेशन देना रिकमेंडेशन किस बात पर देखा फाइनेंस कमिशन सूट पहनना डिस्ट्रीब्यूशन

ऑफ नेट प्रॉफिट आफ टैक्सेस टो बे शेयर्ड बिटवीन सेंटर एंड थे स्टेट्स एंड एलोकेशन बिटवीन स्टेट्स आफ थे रिस्पेक्टिव

सीनियर ऑफिसर्स मतलब कि केंद्र के बीच में और राज्यों के बीच में जो भी उनको किस प्रकार से का यह फाइनेंस कमिशन ओं मैं

तुम्हारी जो ₹100 है कभी ₹100 का पूरा सेंट्रल तो नहीं है जमकर जाएगा तो कुछ पैसा किसके पास जाएगा तो 100 करोड़ में कितना

सेंटर के पास जाएगा कि प्रोस्टेट के पास जाएगा यह कौन रिकमेंड करेगा फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशन आफ फाइनेंस कमिशन

रिकमेंडेशन देता है सेट टॉप बॉक्स पर उनको इंप्लिमेंट करना यह सरकार का प्रयोग ठीक है भाई उसके बाद इस सेट के बीच में

पैसा हिसाब से यानि कि सब्सक्राइब के पास कितना पैसा का यह सब्सक्राइब करें है है तो सेंटर की बस इतना ही इसके बाद और

विद ओवर कितना यह फाइनेंस कमिशन रिक्रूटमेंट क्या इस्टेट्स के बीच में आपस में कैसे मिटेगा का यह भी पेंशन सेट करें का

या फिर भाई प्रिंसिपल्स एंड गवर्नमेंट ग्रांट इन एड टू द स्टेट प्रेसिडेंट अवॉर्ड कंसोलिडेटेड फंड आफ इंडिया डेढ

किसी एक पर्टिकुलर प्रोजेक्ट के लिए किसी एक पर्टिकुलर स्कीम के लिए या फिर वह स्टेट किसी नेचुरल फैक्टर की वजह से

डिसएडवांटेज में तो उसको एक्स्ट्रा हेल्प चाहिए तो उसके लिए ग्रांट इन एड दिया जाता है ग्रांट-इन-एड एक ऐसा पैसा होता

है जिसमें कमिटमेंट एसोसिएटेड नहीं होता वह सेंट्रल दे देता है स्ट्रैट होकर भी आप अपने डेवलपमेंट में लगाओ यह जो

ग्रांट-इन-एड वाला पैसा आएगी हिमालयन स्टेट्स को नॉर्थईस्ट स्टेट्स को थोड़ा दिया जाता है कि नॉर्थ ईस्ट तिमोर लेस्टे

थोड़े रिमोट पड़ जाते हैं खासकर नॉर्थ ईस्ट तो देश से थोड़े कटे हुए दूसरा ही नहीं इलाकाें तो वहां ज्यादा एग्रीकल्चर

नहीं सकता ज्यादा Industries नहीं सकती तो उनका डेवलपमेंट उतनी तेजी से नहीं हो

पाता जितनी तेजी से प्लेन इलाके वाले से बिहार उत्तर प्रदेश तमिलनाडु में सबका हो जाता है इसलिए भाई ग्रांट-इन-एड वह

पैसा होता है जो कि सरकार बर्थडे टी स्पून के डेवलपमेंट के लिए मैं तो सरकार सेंटर किस हिसाब से स्टेट कोई गारंटी नेट

वाला पैसा देगी इसके प्रिंसिपल्स को बिल्कुल डिफरेंट करता फाइनेंस कमिशन उसके बाद मेकर्स नीडेड टो ऑगमेंट The CashNews.co then

subscribe to subscribe our फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशंस को ध्यान में रखते हुए फाइनेंस कमिशन रिपोर्ट सबस्क्राइब को सबस्क्राइब और

पंचायत के पास सब्सक्राइब ज्यादा पैसा पंचायत की तरफ से क्वेश्चन कमेंडेशन देता है और सेंटर फाइनेंस कमिशन

रिकमेंडेशन देगा यह कब बोला गया यह 73वें संशोधन 1992 और 74वें संशोधन 1992 दुर्ग से 1000 ई है और कोई भी ऐसा मैटर विच इन फाइनेंस तो

इन थे इंटरेस्ट्स आफ फाइनेंस कोई भी मैटर फाइनेंस कमिशन को रिक्वेस्ट किया जा सकता है हमारे राष्ट्रपति के द्वारा फिर

भाई मैं आगे बात की है 1968 फाइनेंस कमिशन को और काम भी करता था आपको पता है जो हमारे इष्ट का इलाका आसान बिहार उड़ीसा

बंगाल यहां पर झूठ की रोशनी बहुत जबरदस्त होती थी पहले जब देश बटा नहीं था तो उस समय का आठ से जो बांग्लादेश पहले इस

पाकिस्तान का उससे पहले इंडिया का पार्ट था तो इस पूरे इस्टर्न वाले इलाके में इंट्रूडिंग बांग्लादेश एंड दिस आसाम

बिहार उड़ीसा वेस्ट बंगाल और यहां पर जूते इंडस्ट्री बहुत तगड़ी थी फिर इस पाकिस्तान अलग हो गया बांग्लादेश में लोग

हैं आप तो भाई इन इराक को म्यूट इंडस्ट्री अभी झूठ के एक्सपोर्ट पर पहले एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा करती थी और उसे इंपोर्ट

ड्यूटी सरकार की कमाई हुआ करती थीं जिनमें से एक्सपोर्ट ड्यूटी लगी बंद हो गई इन फैक्ट सरकार एक्सपोर्ट पर इंसेंटिव

टी-20 तो नहीं लगती है फोटो ड्यूटीरत इंपोर्ट पर है ए ग्रेट सपोर्ट प्रोटेक्शन लगाने लगे तो अब ऐसी बातें एक्सपोर्ट्स

non-competitive हो जाएंगे और सरकार इसमें पर एक्सपोर्ट को प्रमोट कर रही है तो वह झूठ के एक्सपोर्ट पर जब ड्यूटी लगा करती थी ना

तो सरकारी कमाई आती थी और सरकार उस कमाई का थोड़ा-बहुत इसका आसान बिहार उड़ीसा वेस्ट बंगाल को भेजती थी कि मेन झूठ की

कमाई किए प्रोडक्शन इन स्टेट्स होती थी तो कितना पैसा फालतू की सरकार की कमाई हुई लूट के सपोर्ट से आसाम बिहार उड़ीसा

वेस्ट बंगाल की सरकार को दिया जाएगा यह भी उस समय पर फाइनेंस कमिशन विल डिसाइड करता था अच्छा ठीक है भाई हालांकि यह जो

पैसा दिया जाता था यह केवल 10 साल फंदा कमेंसमेंट आफ प्रॉस्टिट्यूशन में ही दिया गया उसके बाद जो है मैं आगे बात करते हैं

तो भैया यह जो कमीशन है यह अपनी रिपोर्ट की को सबमिट करेगा प्रेजेंट टो सबमिट करेगा प्रेसिडेंट उस रिपोर्ट पर कुछ

करेगा तो है नहीं प्रेसिडेंट हाउसेस आफ पार्लियामेंट में इस रिपोर्ट सबमिट करेगा अब देखिए फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशन

दी और फिर सरकार ने इसके ऊपर स्टेप्स लिए उसके बाद ही यह रिपोर्ट पार्लियामेंट में टेबल होगी विद एक्शंस टेकन बाय थे

गवर्नमेंट मतलब गवर्नमेंट पार्लियामेंट में खड़े होकर लोकसभा चुनाव में खड़े होकर बताएगा कि हमने फाइनेंस कमिशन की

इस फिल्म का निर्देशन किया है तो प्लीज सब्सक्राइब कर लें क्योंकि यह-यह थी तो यहां पर हो सकती है थे फाइनेंस कमिशन का

जोर है ना वह एडवाइजरी बोर्ड है शो मी द फाइनेंस कमिशन कि जितने भी रिकमेंडेशंस हैव ओनली एडवाइजरी इन नेचर एंड ए आर नॉट

बाइंडिंग हो कि तुम ही एडवाइजरी रोल सीधी सी बात है कि भई गवर्नमेंट के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई अप्लिकेशन नहीं है कि

जो कुछ भी बोला है आपका फाइनेंस कमिशन उसको मानना है जैसे कि डीडी बसु से यहां पर एक स्टेटमेंट किया गया है लक्ष्मीकांत

में डोंट नो वेयर लैड डाउन इन द कॉन्स्टिट्यूशन एंड रिकमेंडेशंस आफ थे कमिशन शाल बे बाइंडिंग अपऑन थे गवर्नमेंट ऑफ

इंडिया और डोंट गिव राइज टो ए लीगल राइट इन द बेनिफिशियल टो रिसीव द मीडियम एंड टू आफ टू द कमीशन मतलब कि कल की डेट में

रिकमेंडेशन देता है कि 60% पैसा पूरा का पूरा की सरकार को सरकार केंद्र सरकार के ऊपर डिपेंड करता है कि जो भी को मानने को

पैसा देना यूनियन गवर्नमेंट फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशन के हिसाब से यह कोई नहीं तो अगर चाहे तो फाइनेंस कमिशन

रिकमेंडेशन ओं अभिमान नहीं सकते हैं हम उतना पैसा नहीं सकती सब लगा सकते हैं उसके बाद यहां पर डॉक्टर पीर व चेयरमैन सिर

फॉर फाइनेंस कमिशन इन फाइनेंस कमिशन कांस्टीट्यूशन वास एक्सपेक्टेड टो इट्स रिकमेंडेशंस आफ इंडिया कंपनी कुल

मिलाकर पेस्ट सबस्क्राइब इंडियन सरकार को सरकार के ऊपर नहीं लेकिन कि फाइनेंस कमिशन क्वांटिटी और सब्सक्राइब भी

सब्सक्राइब कैसे हो गई सिविल प्रोसीजर है 1968 के पास ताकत होती है कि कोड आफ सिविल प्रोसीजर 1968 के अंदर किसी पर्सन ने

सामने आकर ले सकता है किसी भी रिकॉर्ड तो यह सकता विक्रम फाइनेंस कमिशन कर सकता है तो फाइनेंस कमिशन में किसी पर्सन को

बुलाकर उसका स्टेटमेंट ले सकता है किसी गवर्नमेंट रिकॉर्ड को अपने पास बुला सकता है अपनी केम छे अनैलिसिस को पूरा

करने के लिए पर को पूरा करेंगे तो इस फैसलें यहां पर फाइनेंस कमिशन को एक वॉइस रिकॉर्डिंग कहा जा रहा है क्योंकि

फाइनेंस इसके ऊपर फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशन देना है तो फाइनेंस कमिशन के सामने पूरी पिक्चर होनी चाहिए तो उस पूरी

पिक्चर को लाने के लिए फाइनेंस कमिशन के पास है राइट है कि वह किसी को भी अपने सामने बुलाकर कमेंट करके उसके एडवांस में

उससे पूछ सकता है चीज़ें डाल पर किस तरीके से काम कर रही है और किसी भी गवर्नमेंट रिकॉर्ड अपने पास खुलवा सकता है तो

बैटरी फाइनेंस कमिशन इधर कोशिश बड़ी तो यही राज बन्नासा बोल रहे कि जब यह कांस्टीट्यूशनल बॉडी है quasi-judicial बॉडी है तो जो

कुछ भी रिकमेंडेशन फाइनेंस कमिशन देर है ना उसको रिजेक्ट कर देना सरकार के लिए इतना आसान नहीं है सरकार को उन को मानना

ही पड़ता है विजिट करना इस नोट ईजी अब सरकार अपने तरीके से दूर लेती है जैसे कि फॉर एग्जांपल ए को दूर लेटेस्ट आपका

पॉजिटिव फाइनेंस कमिशन वाई वी रेड्डी साहब केंद्र उसमें रिकमेंडेशन दी कि पोर्टल पैसे का 40% पैसा स्टेट्स को दे दो तो

मैं बीजेपी गवर्नमेंट 40% तथा पेट को दे दिया लेकिन जो Facebook रचना था जो सरचार्ज की दुकान से आ रहा था उसको ज्यादा कर लिया वह

सेंट्रल गवर्नमेंट हस रहा था एक्चुअली कलेक्शन ट्रैक्टर चार्ज का डिस्ट्रीब्यूटर नहीं होता है स्ट्रैट के साथ तो वह

इस तरीके से इवनिंग मैंने अपनी स्पीड बढ़ा ली लेकिन यह बात मानी सेंट्रल गवर्नमेंट कि 40% पैसा लोकेशन अगर स्टेट को देना

है तो दिया गया वह अलग बात है कि सरकार ने दिया जाता तो सच बड़ा कर अपने पास रख लिया केंद्र सरकार ने खैर कल बात करते हैं

के कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ़ इंडिया फाइनेंस कमिशन और इस प्रकार से देखता है ऐसा बैलेंस सिंह डिफिकल्ट पिंपल मतलब कि

केंद्र सरकार और राज्य सरकार में पैसों को लेकर थोड़ा बैलेंस हो तो केंद्र सरकार अभी पैसों की ताकत ड्रॉप करें और कहीं

ना कहीं हमेशा से ऐसा हुआ है की फ्री है अब बात यह है दोस्तों कि फीर वक्त आ अब तो भाई फाइनेंस कमिशन की अथॉरिटी को

चैलेंज करने वाली जो सबसे बड़ी अथॉरिटी ओं थे प्लैनिंग कमिशन फाइनेंस कमिशन था बट उससे ज्यादा ताकतवर था प्लैनिंग

कमिशन वाले प्लैनिंग कमिशन क्वालिटी 1919 एसिड थी लेकिन फिर भी प्लानिंग कमीशन के पास बहुत ताकत चेयरमैन प्लैनिंग कमिशन

इन काम करने का दायरा वह काफी हद तक यह दूसरे साथ फाइनेंस कमिशन रिकमेंडेशन आफ प्लैनिंग कमिशन डेप्युटी चेयरमैन

प्लैनिंग कमिशन डेप्युटी चेयरमैन प्लैनिंग कमिशन डेप्युटी चेयरमैन मोंटेक सिंह अहलूवालिया को नियुक्त थे कमिशन

हटा दिया गया 2015 में नहीं बॉडी बनी जिसका नाम था नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया नीति आयोग लेकिन इससे

पहले विधायक बनने से पहले प्लैनिंग कमिशन फॉर फाइनेंस कमिशन की ताकत को अगर कोई सबसे ज्यादा है हम तीन भाई प्यारी लागे

कमीशन काम स्टार्ट विद सपोर्ट है लेकिन रिस्पोंस रिलेटेड टो थिस इश्यू सफीन फाइनेंस कमिशन हस बीन सेट अप इन ए टाइम

व्हेन यू विल नॉट सबमिटेड इन थिस रिलेशनशिप कॉल्ड फॉर रिक्लासिफिकेशन में तो ढलती को निलंबित किया जाए तो बहुत बड़ा

रिकॉर्ड था प्लैनिंग कमिशन को हटा दिया गया नीति आयोग ने और प्लांट मनी प्लांट इसके लिए अलग वीडियो चाहिए दोस्तों

यहां पर मैं तो अ कि अगर आप बात करो सबसे पहला जो प्लैनिंग कमिशन बना था वह कब बना था तो बना सके सी नियोमी सांप के अंदर 1951

में उसमें रिपोर्ट 1519 शिफत फिर संसाधन केंद्र बना था 1958 तो ईस पेज बनर्जी केंद्र बना था 96 अभी लेटेस्ट बात की जाए तो पानी

बनाता है 2017 में यह साफ के अंदर लेंगे इसकी रिपोर्ट 2030 तक तो आने वाली दो सब्सक्राइब करें तो यह आप सब्सक्राइब 2015 लेकर 2019

में सब्सक्राइब का 2015 में की कमीशन लेटेस्ट न्यूज़ घ्र नवंबर 2017 में पॉइंट था इसके साथ ही कि 2017 से लेकर एंड आफ 2058 19 तक

डेलिबरेशंस लें जो भी रिकमेंडेशंस आएंगे है वह 2020 से लेकर 2025 तक लेंगे और यह 15 फाइनेंस कमिशन एक ऐसे समय पर आया जो बहुत

माइंड बॉगलिंग गिफ्ट में जैसा कि मैंने आपको बताया है कि वह प्लैनिंग कमिशन की वजह नीतिया हुआ गया हालांकि 2015 वेद समय

के समय वाले में यह हो गया था जीएसटी रिफंड नहीं चीज है तो गिफ्ट खैर उसको अली फाइनेंस कमिश्नर पंजाब साइंस विषय तो

इसके रिकमेंडेशन ओं सहित संघ की साजिश करूंगा तो यह था वो NSS दोस्तों फाइनेंस कमिशन का अगली वीडियो में हम बात करेंगे

जीएसटी काउंसिल की ओर से इस अश्लील नहीं पहुंचे अब अगले

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