आज हम इस वीडियो में पब्लिक डेट और प्राइवेट दीप को डिस्कस करेंगे तो चलिए स्टार्ट करते हैं पब्लिक दीप का मीन क्या
होता है सबसे पहले बट डेप्थ का मतलब क्या होता है तो डेप्ट का मतलब होता है की बोरिंग फर्न्स फ्रॉम अनदर जब हम पैसे किसी
दूसरे से उधर मांगते हैं दूसरे से लेते हैं फंड को इकट्ठा करते हैं तो इस को हम कहते हैं डेप्थ है ना इन जनरल लैंग्वेज
में भी हम यही जानते हैं की उधर लेने को ही हम डेप्थ कहते हैं सो पब्लिक गिफ्ट का मतलब क्या होता है पब्लिक फाइनेंस में
जब भी हम बात करते हैं तो पब्लिक फाइनेंस में हमेशा चीज गवर्नमेंट के थ्रू जाति है मतलब पब्लिक गवर्नमेंट की
फाइनेंसिंग गवर्नमेंट की रिवेन्यू गवर्नमेंट के एक्सपेंडिचर गवर्नमेंट की डेथ सब कुछ गवर्नमेंट के हिसाब से होता है
की कंट्री के लिए वो जो कर रहे होते जो कंट्री की गवर्नमेंट होती है करेक्ट इसी हिसाब से जी तरह पब्लिक रिवेन्यू
गवर्नमेंट की रिवेन्यू होती है इस तरह पब्लिक ड्रिफ्ट का मतलब क्या हो गया की जब नेशंस की गवर्नमेंट फंड को बोरो करती
है इस को हम कहते हैं पब्लिक डेप्थ मतलब फंड का वो फ्लो जो की किसके थ्रू आया गवर्नमेंट के बर करने की वजह से आया तो जब
कंट्री की गवर्नमेंट लोन ले करती है बर करती है तो उसको हम क्या नाम दे देते हैं पब्लिक देव डालते हैं टोटल अमाउंट ऑफ
मनी डेट इस ओटी तू डी पब्लिक बाय डी गवर्नमेंट तू मेड डी डेवलपमेंट फंड्स तो कंट्री में डेवलपमेंट करने के लिए जो
कंटीन्जेंसीज हैं उनको मी आउट करने के लिए डेफिसिट को खत्म करने के लिए इन सब चीजों के रिगार्डिंग जब कंपनी वो उधर लेती
है ना उसकी फंडिंग को उसकी अमाउंट ऑफ मनी को ही हम क्या कहते हैं पब्लिक ड्रिफ्ट कैसे मतलब जितना भी पैसा आपने उधर के
थ्रू आपने मेंस गवर्नमेंट ने उधर के थ्रू इकट्ठा किया है और उसे पैसे को कंट्री की डेवलपमेंट की मैं लगा रही हो इस को हम
कहते हैं पब्लिक देव है ना तो ये जो होता है ये एक सुर से इनकम का किसकी गवर्नमेंट का देखिए वैसे पब्लिक रिवेन्यू में
पब्लिक बोरिंग नहीं आई है पब्लिक नहीं आता है पर बेसिकली अगर कोई फाइनेंशियल क्राइसिस है कोई वार है कोई इमरजेंसी है
या डिफिसिट का कंडीशन होती है मतलब घाट हो रहा है गवर्नमेंट को एक्सपेंडिचर ज्यादा मैं रिवेन्यू कमेंट तो उसे कैसे
में इन कंडीशंस को विदाउट करने के लिए ये डेप्ट जो है उनके लिए सबसे इंपॉर्टेंट सोर्स बंता है क्योंकि इसके थ्रू वो फंड
को क्रिएट कर पाते हैं तो हम ये का सकते हैं की ये जो पब्लिक डेट होता है वो एक्चुअली फाइनेंशियल ऑब्लिगेशन है या
फाइनेंशियल लायबिलिटी है किसकी गवर्नमेंट की मतलब गवर्नमेंट की ऑब्लिगेशन जो उसको पे करना है उसकी जो लायबिलिटी की
जो उन्होंने उधर ली है उसको जो पे करना है वो हमारा क्या बना था पब्लिक डेट बंता है राइट तो देखिए पब्लिक फाइनेंस में
सिंपल सी चीज है गवर्नमेंट कंट्री की जो गवर्नमेंट है जब अपनी फंडिंग या अमाउंट ऑफ मनी जो इकट्ठा करती है वो किसकी
बेसिस पे करती है उधर लेकर करती है बोरो करके करती है तो इस को हम कहते हैं पब्लिक डेप्थ तो यहां पे हम ये का सकते हैं की
जो ये पूरा पब्लिक गिफ्ट है बेसिकली वो क्या है वो टोटल अमाउंट ऑफ मनी है मतलब जितना भी गवर्नमेंट में लोन लिया है वो
किसी भी लेवल की गवर्नमेंट हो चाहे वो फेडरल हो चाहे वो स्टेट हो या फिर लोकल गवर्नमेंट हो किसी भी लेवल किसी भी लेवल की
गवर्नमेंट हो उनके थ्रू लिया गया जितना भी बारोड अमाउंट है जितना भी उन्होंने उधर लिया ओ किया है वह सब को सबके टोटल
कोई हम क्या कहते हैं पब्लिक डेट कहते हैं तो यहां पे एक चीज और क्लियर कर डन पब्लिक बोरिंग और पब्लिक डेप्थ दो टर्म्स
होती हैं जिसको सायनोनिम्स की तरह उसे किया जाता है बट जनरली अगर इनको इंडीप में समझेंगे तो ये दोनों साइड से डिफरेंस
है पब्लिक ट्रिप होता है कम्युलेटिव अमाउंट जितना भी आप गवर्नमेंट का टोटल बोरिंग उनकी है किसी भी लेवल ऑफ गवर्नमेंट
की मां लीजिए और एक सर्टेन पॉइंट ऑफ टाइम तक की आज के टाइम तक गवर्नमेंट का इतना लोन है तो वो हमारा पब्लिक में चला जाता
है वो सभी चीजों को इंक्लूड करके होता है वही जो पब्लिक बोरिंग होती है वो एक तरीके से एनुअल वारंट को दिनो करती है वो
ओवरऑल टोटल की बात नहीं करती है है ना तो वो आपका जो ड्रिफ्ट होता है पपीता वो आउटस्टैंडिंग वार्निंग्स के बड़े में बात
कर रहा होता है इस तरह से पब्लिक बोरिंग थोड़ा सा रेफर करता है पर हां इसको सायनोनिम्स की तरह भी उसे किया जाता है अब हम
बात करते हैं इनकी डेफिनिशन की तो डेफिनेशन डाल्टन ने क्या कहा डाल्टन ने कहा की ये क्या है इनकम को कलेक्ट करने का एक
तरीका है किसके थ्रू पब्लिक पब्लिक ऑफिसर्स के थ्रू तो पब्लिक ड्रिफ्ट का मतलब क्या हुआ पब्लिक से लिया गया लोन उनके
थ्रू गवर्नमेंट जो अपनी इनकम कलेक्ट करती है इस को हम क्या कहते हैं पब्लिक देव कहते हैं नहीं जीके मेहता जी ने क्या
कहा प्रोफेसर जी की मैं ने कहा की ये अगर मॉडर्न ये पब्लिक ट्रिप क्या है बेसिकली मॉडर्न इंसिडेंट है और ये प्रैक्टिकल
फॉर्म में किस तरह से ए रहा है की डेमोक्रेटिक गवर्नमेंट की डेवलपमेंट हो रही है मेंस की अगर पब्लिक को आप देखेंगे तो
वो उसे कहां पे किया जाता है नेशंस के डेवलपमेंट के लिए बट ऑब्वियस सी बात है डफर से बजट आता है कब है जब आप खर्च ज्यादा
कर रहे हैं और गवर्नमेंट खर्चा ज्यादा कर रही है इसका मतलब गवर्नमेंट बहुत सारे प्रोजेक्ट्स ला रही है मैं इंफ्रा को
बना रही नहीं चीज कर रही है जिसके लिए उनकी जो रिवेन्यू के सोर्सेस है वो कम पद रहे हैं और वो क्या ले रही है उधर ले रही है
तो ये एक तरीके से डेमोक्रेटिक गवर्नमेंट के डेवलपमेंट का एक प्रैक्टिकल फॉर्म है राइट अब यही पे हम बात करते हैं की
पब्लिक डेट की सोर्सेस क्या क्या है है ना अगर ये उधर लेने की बात कर रहे हैं पब्लिक डेट है ना मतलब कौन ले रहा है
गवर्नमेंट उधर ले रही है तो ये जो उधर लगी वो कहां से लगी कहां से बोरो करेगी तो सोर्सेस ऑफ पब्लिक देव की जब हम बात करते
हैं तो एक चीज तो हमें यहां पे क्लियर है की पब्लिक डेट मतलब ओवर और लब्बिलिटीज किसकी गवर्नमेंट की एट एन पॉइंट ऑफ टाइम
किसी पॉइंट ऑफ टाइम पे गवर्नमेंट जो पुरी लायबिलिटी है ओवर और लायबिलिटी को हम कहते हैं पब्लिक डेट अब ये जो उधर लेना
है लायबिलिटी कहां-कहां से ए शक्ति है वो विदीन डी कंट्री भी हो शक्ति है आउटसाइड कंट्री से भी हो शक्ति है और दोनों से
भी हो शक्ति है मेंस जो बैंक है मतलब जो कंट्री की गवर्नमेंट है वो जो उधर लेने जा रही है वो अपनी ही कंट्री में ले शक्ति
है लोन या अपनी कंट्री के बाहर आउटसाइड डी कंट्री भी लोन ले शक्ति है या इन दोनों से ही लोन ले शक्ति है इन सबको ये
पब्लिक कहते हैं और ये सारे उसके सोर्स में ए जाएंगे इसी को नाम दिया गया है इंटरनल और एक्सटर्नल सोर्स का सो इंटरनल
सोर्स क्या होता है की जब घंटी की जो गवर्नमेंट है वो फ्रंट को बोरो करती है डोमेस्टिक ई में मतलब लोकल ई में बोरो करती
हैं अब वह बर किस करती है प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन से तो हम उसको कहते हैं इंटरनल सोर्स ऑफ बोरिंग मतलब क्या हो गया की जब
गवर्नमेंट लोन लेने जा रही है और लोन अपनी ही कंट्री में ले रही है मतलब अपनी कंट्री की जो प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशंस हैं
जो फाइनेंशियल ट्यूशन से मतलब बैंक्स वगैरा हैं उनसे ले रही है या इंडिविजुअल सालों ले रही है तो ये जो अपनी ही कंट्री
में ले रही है तो अपनी ही ई में भी लगी तो उसे कहते हैं लोकल ई में लोन लगी तो उसको हम कहते इंटरनल सोर्स है ना अब यहां पे
जो हम का रहे हैं की इंडिविजुअल्स से लोन ले रही है तो इंडिविजुअल्स रनिंग का क्या मतलब हुआ की क्या वाकई में गवर्नमेंट
आई है और किसी भी एक इंडिविजुअल से बोलती है की मुझे उधर चाहिए और फिर वो इंडिविजुअल गवर्नमेंट को लोन देता है नहीं इस
तरह से नहीं होता है बेसिकली हमने पहले भी कहा फाइनेंस में सिर्फ परसेप्शन चेंज करने के बाद है मतलब की अगर बीइंग इन
पब्लिक आप कहते हैं की हमने ये गवर्नमेंट का बंद खरीदा हमने गवर्नमेंट की सिक्योरिटी में इन्वेस्टमेंट किया आप कहते
हैं अपने इन्वेस्टमेंट किया यही इन्वेस्टमेंट गवर्नमेंट के लिए क्या बन जाता है लोन बन जाति है उनके लिए वो सोर्सेस
ऑफ रिवेन्यू जाता है की इसी सिक्योरिटी में इन्वेस्टमेंट करता है कोई भी बंद कोई भी चीज गवर्नमेंट के परचेज करता है तो
बेसिकली गवर्नमेंट उसे कैसे में क्या कर रही है बोरो कर रही है उसे पर्टिकुलर इंडिविजुअल से और जैसे ही वो
इन्वेस्टमेंट का टाइम पीरियड खत्म होगा वो उसको विद इंटरेस्ट पैसा रिपेयर कर देती हैं है ना तो इस को हम कहते हैं की
हां इंडिविजुअल लेवल पे भी गवर्नमेंट बर करती है तो जितनी भी सिक्योरिटी में आप गवर्नमेंट इन्वेस्ट कर रहे होते हैं
बेसिकली वो बोरिंग होता है गवर्नमेंट के रिगार्डिंग क्योंकि वही उनका सोर्स हो जाता है वहां से पैसे उनको ए रहा है तो
इसका क्या क्या सोचोगे बोनस हो गया है ट्रेजरी बिल हो गए या आरबीआई ने कोई सिक्योरिटी इशू की हो तो वो हो गए ये सारे ही
क्या बन जाते हैं आपके इंटरनल सोर्स ऑफ बोरिंग बनते हैं जैसे आप देखते हैं गवर्नमेंट की गोल्ड बोनस आते हैं अलग-अलग हैं
ना गवर्नमेंट के ट्रेजरी बिल वगैरा हो गए इस तरह किसी भी चीज आप इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं सो बेसिकली आप क्या कर रहे हैं
गवर्नमेंट को लोन दे रहे होते हैं इंडिविजुअल लेवल और सोमेटाइम्स यही लोन गवर्नमेंट बैंकों से ले रही होती है की इतना
इतना फंड उनको चाहिए होता है तो फ्रेक्शंस हो जाता है कंपनी वो में जो आपकी कंट्रीज की कंपनी हैं वो गवर्नमेंट को उधर
दे रही होती हैं तो ये सब इंटरनल सोर्सेस ऑफ पोरिंग हो जाति है वहीं पे एक्सटर्नल सोर्सेस की बात करें नेक्स्ट हमारा तो
एक्सटर्नल सोर्सेस होता है तो ये क्या होता है जब हम फॉरेन कंट्रीज से या इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन से फंड को बोरो करते
हो उनसे उधर लेते हैं तो हम उसे क्या कहते हैं एक्सटर्नल सोर्स कहते हैं मतलब बाहर से हमारे यहां से पैसा नहीं है बाहर
से पैसा ले रहे हैं ठीक है तो ये कोई भी इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिचुएशन हो शक्ति है कोई भी इकोनामिक फोरम हो शक्ति है
कोई भी फॉरेन ओनर हो सकते हैं जो आपकी कंट्री के बाहर है है ना अब जब कंट्री के बाहर के लोग आपको पैसा उधर देंगे तो वो
अपनी ई में देंगे तो जनरली एक्सटर्नल सोर्सेस ऑफ एक्सटर्नल सोर्सेस जो डेप्थ के होते हैं वो आपकी लोकल ई में नहीं होते
हैं तो अगर हम बात करते इंडिया की तो इंडियन गवर्नमेंट है वह जो यह लोन लेती हैं आपके एक्सटर्नल लोन का जो उनका एरिया वह
कहां-कहां से लेती हैं कई कंट्रीज जैसे उस यूके फ्रांस जर्मनी जापान इस तरह की कंट्रीज से आ हमारे इंडियन गवर्नमेंट
लोन लेती है और इतनी के साथ वो इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिचुएशन से भी लेती है लाइक आई एम ऑफ वर्ल्ड बैंक आईडी इन सबसे आई
हमारी हेल्प चल रहे होते हैं तो ये इंटरनेशनल फाइनेंशियल ट्यूशन से जिनका कम है की लोन प्रोवाइड करना तो ये इसे जब हम
हमारी गवर्नमेंट फॉर्म लगता हैं तो उसको हम कहते हैं एक्सटर्नल सोर्स तो पैसे उधर लेने की तो गवर्नमेंट को पैसे उधर
लेने की जो तरीके हैं वो इंटरनल एक्सटर्नल ये दोनों ही सोर्सेस हैं क्लियर है अब अच्छा एक चीज हमें नॉर्मली समझनी
चाहिए की अगर बीइंग एन इंडिविजुअल हमें लोन लेना होगा तो हम कैसे करेंगे हम अगर जरूर पड़ेगी तभी हम लोग लेंगे है ना
इसका मतलब अगर हमने लोन लिया है तो उससे हम कुछ ना कुछ अच्छा करेंगे तभी तो हम किसी के उधर के पैसे से तो हम कोई अच्छा ही
कम करेंगे जरूर का कम करेंगे है ना तो अब हम उदा लेंगे तो सबसे पहले हम कहां से लिखने हैं पहले हम अपने फैमिली मेंबर अपने
रिलेटिव से पैसा मांगते हैं जब हमें वहां से पैसा नहीं मिलता तभी तो हम जाते हैं बैंक में किसी और थर्ड पार्टी से पैसे
उधर लेंगे और सोमेटाइम्स हम इंटरनेट स्टैंड दोनों जगह से लोन ले रहे होते हैं क्लियर तो ये हमारा आता है पब्लिक मतलब
गवर्नमेंट ने जो बोरो किया है गवर्नमेंट ने जो लोन लिया है वहीं पर हम बात करते हैं प्राइवेट ड्रिफ्ट की टर्म्स आता है
प्राइवेट ड्रिप है ना पब्लिक ड्रिफ्ट और प्राइवेट तो प्राइवेट गिफ्ट क्या होता है डेप्थ मतलब उधर लेना मतलब बोरो करना
फंड बोरो कर रहे हैं आप अब प्राइवेट का मतलब क्या होगी की जब आप ये जो लोन है ना ये जो आप उधर ले रहे हैं वो ले रहे हैं आप यह
आप उधर ले रहे हैं ऐसी इंट्स से जो प्राइवेट एंटिटीज जैसे कोई बैंक है आपकी कोई हेज फंड्स है प्राइवेट इक्विटी फॉर्म्स
है अब गवर्नमेंट ये पब्लिक इंस्टीट्यूशन से फंड को बोरो नहीं कर रहे हैं आप किसी प्राइवेट नृत्य से जब फंड को बोरो
करेंगे तो हम उसको कहते हैं प्राइवेट ड्रिफ्ट कहते हैं मतलब एक तरीके से अगर सिंपल लैंग्वेज में कहें जब गवर्नमेंट
लोन ले रही है तो पब्लिश हो गया जब इंडिविजुअल लोन ले रहा है तो वो क्या हो गया प्राइवेट हो गया बहुत ट्रक्स में आप इस
तरह से समझ सकते हैं इसको पर जनरली आप समझिए की जब उधर आपकी किसी गवर्नमेंट से नहीं जब प्राइवेट एंट्री से लिया जाता है
तो उसको हम कहते हैं प्राइवेट दीप अब यहां पे इसका मतलब ये नहीं की हम बैंक वगैरा तो गवर्नमेंट आईटी इसे हो गई तो उनसे
लोन लेना है क्या प्राइवेट ड्रिप नहीं है बिल्कुल है तो इसमें जो बैंक्स हो गई है आपकी या कंपनी के बॉन्ड हो गए हैं या
कोई भी अदर क्रेडिट या मॉर्गेज का जो भी हमारा सीन है मतलब किसी भी तरीके से हम उधर ले सकते हो वो सब हमारा यहां पे
इंक्लूड हो जाएगा इसीलिए हमने कहा की किसी भी इंडिविजुअल लेवल पे जब हम उधर लेते हैं तो हम उसे प्राइवेट दीप का सकते
हैं पब्लिक फाइनेंस होता है प्राइवेट फाइनेंस होता है प्राइवेट दीप में हम डेप्थ फ्रॉम फ्रेंड्स और फैमिली को भी
इंक्लूड कहते हैं की जब अपने फैमिली से अपनी फ्रेंड से उधर ले रहे होते तो उसको हम क्या कहते है प्राइवेट ड्यूटी कहते
हैं सो बेसिकली जब गवर्मेंट उधर ले रही होती है किसी भी से इंटरनल एक्सटर्नल कहानी से तो उसको हम कहते हैं पब्लिक जब
इंडिविजुअल लेवल पे उधर लिए जा रहा होता है किसी बैंक से या किसी एंटिटीज से प्रायोरिटी से या किसी कंपनी से और इन डी
फॉर्म ऑफ वही चीज आपका जैसे बॉन्ड देबेंचर्स शेयर्स इस तरह से किसी भी चीज में करके आप ले रहे हैं तो उसे सब चीज को हम
प्राइवेट दीप में कहते हैं जैसे आप सीसी लोन ले रहे हैं या फिर आप ले रहे हैं टर्म लोन ले रहे हैं या किसी तरह से कोई भी आप
लोन ले रहे हैं वो सब के सब प्राइवेट दीप की कैटिगरी में ए जाते हैं क्लियर है तो ये हमारा पब्लिक दे और प्राइवेट हो गया
विश्व यू जो डी बेस्ट थैंक यू सो मैच
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Mam,
which subject from this topic, I mean ( corporate law or macroeconomics)
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Thank you so much mam for your support and encouragement 🔥🤗 mamm please Puri padhana public finance 🙏
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