420 दिन का सूखा खत्म हुआ आखिरकार यूएसए ने 18 सितंबर को अपने इंटरेस्ट रेट कम कर दिए पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि जो
इंटरेस्ट रेट है वह 25 बेसिस पॉइंट से कम होंगे लेकिन एक्सपेक्टेशन से दुगना मिला यानी कि 50 बेसिस पॉइंट से इंटरेस्ट रेट
कम हुए और इस न्यूज़ को फिर इंडियन स्टॉक मार्केट ने काफी पॉजिटिवली लिया और निफ्टी 50 तकरीबन 1 पर से ज्यादा बढ़ गया इसी
के साथ ढेरों सारे बैंक स्टॉक्स भी ऊपर उठे जैसे कि रेट कम करेगी अब कितनी करेगी यह तो टाइम ही बताएगा और सबसे बड़ा सवाल
है कि बैंकिंग स्टॉक्स पर्टिकुलर प्राइवेट बैंकिंग कंपनीज के स्टॉक्स जो लंबे टाइम से ठंडे पड़े हैं क्या अब वो ऊपर
आएंगे क्या बैंकिंग स्टॉक्स फिर से हॉट स्टॉक बनने वाले हैं तो आज के इस वीडियो में सारी चीजों पर बात करेंगे साथ ही
बात करेंगे कि क्या ये बेस्ट टाइम है टू इन्वेस्ट इन बैंक स्टॉक्स और बैंक स्टॉक्स में कौन सी ऐसी बैंक्स हैं जिनको
सबसे ज्यादा फायदा इस रेट कट का हो सकता है बड़ा ही इंटरेस्टिंग ये आज का वीडियो होने वाला है नमस्कार मैं प्रसाद आपका
आज के इस वीडियो में स्वागत करता हूं सबसे पहले बात करते हैं रिटर्न्स की आप स्क्रीन पर देख सकते हो कि यह लास्ट वन ईयर
के रिटर्न्स हैं इन सारे इंडस के और उसमें आप देख सकते हो कि सबसे खराब रिटर्न्स अगर किसी ने दिए हैं तो वो दिए हैं
निफ्टी बैंक ने बैंक निफ्टी की बात करें तो रिटर्न्स है 20.75 का अब इस नंबर को आप स्टैंड अलोन देखेंगे तो आपको काफी अच्छे
रिटर्न्स दिखेंगे लेकिन जैसे ही आप इसे निफ्टी 50 या फिर बाकी इंडेक्सेस से कंपेयर करेंगे तो आपको पता चलेगा कि
रिटर्न्स काफी बुरे हैं क्योंकि निफ्टी 5 का रिटर्न था 33.2 निफ्टी ऑट का 70 के करीब था रियलिटी का 94 था तो आप समझ सकते हो कि
बैंक निफ्टी कितना बुरा परफॉर्म कर रहा है स्क्रीन पर आप देख सकते हो कोटक ने अराउंड 9 पर का रिटर्न दिया है hdfcfund.com को
अच्छा खासा नुकसान हुआ है और ऊपर से टैक्सेस भी आपने एक बहुत बड़े डिस्काउंट ब्रोकर के प्रॉफिट की न्यूज़ तो देखी होगी
जिसमें एक साल में उन्हें 4000 करोड़ से ज्यादा का प्रॉफिट हुआ है तो ऐसी तगड़ी कमाई ब्रोकरेज कंपनीज की हो रही है पर क्या
करें ब्रोकरेज तो देना ही पड़ता है राइट रंग अब तो कुछ ब्रोकर्स ऐसे भी आए हैं जो सेबी रजिस्टर्ड है और जीरो ब्रोकरेज
चार्ज करते हैं इक्विटी फ्यूचर्स ऑप्शंस कमोडिटीज करेंसी इंट्राडे डिलीवरी सब पे ज़ीरो ब्रोकरेज ऊपर से जीरो
ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स ना तो अकाउंट ओपनिंग चार्ज लेते हैं ना ही एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस अगर मैं सिंपली google2 इया ये
एक प्लेटफॉर्म है और भी कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म्स आ चुके हैं इन प्लेटफॉर्म्स को ज़ीरो ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म कहते हैं इन
प्लेटफॉर्म्स पर नए एआई फीचर्स भी आए हैं इंटरेस्टिंग बात यह है कि हर जगह पर एआई का इस्तेमाल हो रहा है क्या आप भी अपने
रिसर्च में एआई का यूज़ करते हैं तो कमेंट करके जरूर बताइए कि इन्वेस्टिंग में आप ए का यूज़ कैसे कर रहे हो ताकि बाकी
लोग भी सीख सकें इसके अलावा शून्य का ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म काफी इजी टू यूज़ है भले ही वह बात हो स्टॉक्स या म्यूचुअल
फंड में इन्वेस्ट करने की या फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेड करने की आप बड़ी ही आसानी से सारी चीजें शून्य पर कर सकते
हो ये एक ऑल इन वन प्लेटफॉर्म है इसके अलावा आप स्क्रीन पर जो चार प्लेटफॉर्म देख सकते हो एनएसी बीएसी एमसीएक्स और
एनसीडी एक् इन चारों को शून्य सपोर्ट करता है इसके अलावा चाहे आप रिटेलर हो एनआरआई हो एफपीआई हो या फिर एएआई हो सभी
इन्वेस्टर टाइप्स को शून्य सपोर्ट करता है इस प्लेटफार्म पर आप अपना अकाउंट सिर्फ 5 मिनट में खोल सकते हो तो सिर्फ 5
मिनट का काम है अभी डिस्क्रिप्शन में दी गई लिंक पर क्लिक करके अपना अकाउंट खोल लो अब ये बातें थोड़ी ऑफ टॉपिक हुई चलिए
टॉपिक पर वापस आते हैं सो सवाल ये आता है कि व्हाई बैंक्स आर नॉट परफॉर्मिंग वेल तो पहले शॉर्ट में यह समझते हैं कि आखिर
बैंक्स पैसा कैसे बनाती है तो बैंक्स का मेजॉरिटी पार्ट ऑफ इनकम आता है नेट इंटरेस्ट मार्जिन से इसके अलावा भी इंडियन
बैंक्स लो बैंक बैलेंस चार्जेस एसएमएस चार्जेस एटीएम लिमिट के चार्जेस वहां से भी पैसा कमाती है पर मेजॉरिटी पैसा
इंटरेस्ट मार्जिन का होता है बैंक्स कस्टमर से डिपॉजिट या फिर आरबीआई का बॉन्ड का पैसा लेती है इसके बदले में उसे
इंटरेस्ट देना पड़ता है और वही पैसा वह आगे लोन के तौर पर देती है ज्यादा इंटरेस्ट लगाकर बीच में जो भी अंतर रहेगा व बन
गया बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन यानी कि एआईएम और जैसे कि आप स्क्रीन पर देख सकते कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का जो
इंटरेस्ट रेट चार्ट है वह 2022 से बढ़ता ही जा रहा है और करेंटली वह 6.5 पर है अब आप स्क्रीन पर जो देख रहे हैं व है उस पर तो
इंपैक्ट आएगा ही आएगा अब यह तो एक कारण है अब देखिए कि अगर कॉस्ट ऑफ बोरिंग बैंक की बढ़ती चली जाएगी तो बैंक के पास एक ही
ऑप्शन है वो है कि ज्यादा इंटरेस्ट पर लोन देना जिससे क्या होगा कि ओवरऑल मार्केट में जो इंटरेस्ट रेट्स हैं वो बढ़
जाएंगे तो जैसे कि हमें पता है कि बैंक्स को आरबीआई से जो पैसा मिलता है उसका जो इंटरेस्ट रेट है वो 2 सालों से बढ़ रहा है
तो इस हाल में बैंक्स ने अपने इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिए अब सिंपल सी बात है कि मार्केट में अगर इंटरेस्ट रेट ज्यादा बढ़
जाएंगे तो ऑफकोर्स लोग थोड़े लोन लेना कम कर देते हैं और इन हाई इंटरेस्ट रेट्स की वजह से जो लॉन्ग टर्म लोंस है जैसे कि
मॉर्गेज लोन बिजनेस लोन उनकी डिमांड कम हो गई जिसकी वजह से बैंक की जो इंटरेस्ट इनकम है वो कम होती चली गई अब यह दो
मुश्किलें क्या कम थी कि उसके ऊपर कासा यानी करंट अकाउंट सेविंग अकाउंट की ग्रोथ ऑल टाइम लो पर है यानी लोग अब बैंक में
एफडी करने के बजाय वह पैसा शेयर मार्केट म्यूचुअल फंड और दूसरी जगह पर इन्वेस्ट कर रहे हैं ताकि उन्हें बेटर इंटरेस्ट
रेट मिले जिसके बारे में हमने इस वीडियो में बहुत डिटेल में चर्चा की थी अब डिपॉजिट कमा रहे हैं तो काफी सारे बैंक्स के
पास ज्यादा ऑप्शंस बचे नहीं उन्हें ज्यादा डिपॉजिट अट्रैक्ट करने के लिए ज्यादा रिटर्न ऑफर करने पड़ रहे हैं और आप
देख सकते हो कि एफडी जो रिटर्न्स है पिछले 10-15 साल के हाई पर चले गए हैं कुछ बैंक्स 99.5 पर तक के रिटर्न्स ऑफर कर रही है डरिए
मत यह मैं कोई एफडी इन्वेस्टमेंट का प्रमोशन नहीं कर रहा हूं मैं बस रीजंस बता रहा हूं कि बैंक्स स्ट्रगल क्यों कर रही
है और करें भी क्यों ना नेट इंटरेस्ट मार्जिन कम हो रहा है लॉन्ग टर्म लोंस की डिमांड कम हो रही है कासा कम हो रहा है और
डिपॉजिट पर बैंक को जो इंटरेस्ट रेट देना पड़ता है वह बढ़ाना पड़ रहा है यानी इंडियन बैंक्स पर चारों तरफ से काले बादल
मंडरा रहे हैं अब यूएस का जो फेडरल रिजर्व है जो वहां की सेंट्रल बैंक है वो जब इंटरेस्ट रेट कम करती है तब पाया गया है
कि कि इंडिया की जो सेंट्रल बैंक है आरबीआई वो भी अपने इंटरेस्ट रेट्स कम करती है अगर आरबीआई अगर रेट कम करें तो बैंक्स
के ऊपर के जो काले बादल हैं ये कम हो जाएंगे राइट रॉन्ग क्योंकि इस रेड कट का फायदा सारी बैंक्स को नहीं होने वाला है वो
बस कुछ ही बैंक को होने वाला है कैसे तो वो जानने के लिए आपको फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट और फिक्स इंटरेस्ट रेट के बारे में
जानना होगा अगर आपने कभी लोन लिया है खासकर होम लोन या फिर कंज्यूमर लोन तो आपको पता ही होगा कि बैंक्स या तो फ्लोटिंग
इंटरेस्ट रेट ऑफर करती है या फिर फिक्स्ड फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट में क्या होता है कि आरबीआई का जो रेपो रेट अगर चेंज हो
हो जाता है तो आपका जो इंटरेस्ट रेट जो आप पे कर रहे हो वोह भी चेंज होने लगता है जिससे आपका जो लोन है वह काफी फ्लक्ट
करता रहता है वही दूसरी तरफ फिक्स रेट में लोन टेन ूर का ड्यूरेशन सेम रहता है क्योंकि यहां पर आपको थ्रू आउट योर टेनर
सेम इंटरेस्ट रेट चार्ज किया जाता है अब जब इंटरेस्ट रेट बढ़ रहे हैं तो फ्लोटिंग रेट बैंक्स के फेवर में काम करते हैं
लेकिन जब इंटरेस्ट रेट्स कम होने लगते हैं तो फ्लोटिंग रेट बैंक के अगेंस्ट में काम करते हैं क्योंकि यहां पर
इंटरेस्ट रेट अगर आरबीआई कम करता है तो जो कंज्यूमर है उसे भी कम इंटरेस्ट रेट पे करना होता है लेकिन आप समझ लीजिए कि
रिसेंट टाइम में जब इंटरेस्ट रेट काफी हाई चल रहे हैं ऐसे टाइम में जिन-जिन बैंक्स ने फिक्स इंटरेस्ट पर लोन दिए हैं
उनकी बल्ले-बल्ले क्योंकि जब इंटरेस्ट रेट्स कम हो जाएंगे तो उनकी मार्जिन ऑटोमेटिक बढ़ जाएगी क्योंकि कस्टमर का
इंटरेस्ट रेट अभी चेंज नहीं होने वाला व फिक्स है अब कस्टमर को थ्रू आउट हिज 10 यर सेम इंटरेस्ट ट पे करना होगा जो उसने
सैंक्शनिंग के टाइम फिक्स किया है तो यह रेट कट का फायदा उन बैंक्स को बहुत ज्यादा होगा जिन्होंने रिसेंटली बहुत बड़ी
मात्रा में फिक्स लोंस बांटे हैं और यह कौन सी बैंक्स है जिन्होंने फिक्स रेट पर ज्यादा लोन दिए हैं तो इसमें यह सात
बैंक शामिल है जो आप स्क्रीन पर देख सकते हो वही दूसरी तरफ उन बैंक्स की भी बात करना बनता है जिनके लोन का लोन
पोर्टफोलियो का बहुत बड़ा सेक्शन फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर है यानी कि अगर इंटरेस्ट रेट कम भी हुए तो इन बैंक्स को
ज्यादा फायदा नहीं होगा जितना कि जिन्होंने फिक्स इंटरेस्ट पर दिए हैं उन्हें होगा तो फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट वालों
की लिस्ट आप यहां पर लंबी चौड़ी लिस्ट देख सकते हो अब एक और चीज मैं आपको यहां पर दिखाना चाहता हूं कि अगर आप निफ्टी पीएस
बैंक और प्राइवेट बैंक का लास्ट ईयर का रिटर्न देखो तो निफ्टी पीएसी बैंक यानी निफ्टी सरकारी बैंक का जो इंडेक्स है
उसने पिछले 1 साल में 3.54 का रिटर्न दिया है वही निफ्टी प्राइवेट बैंक से इंडेक्स ने 17.2 % का रिटर्न दिया है सो क्लीयरली
देयर इज एन अपॉर्चुनिटी इन प्राइवेट सेक्टर बैंक्स इसमें कई सारी बैंक्स हैं जैसे कि अगर मैं [संगीत] [संगीत] hdfcfund.com ली
साइक्लिकल सेक्टर है और इंटरेस्ट रेट का इस पर काफी ज्यादा इंपैक्ट होता है तो जैसे-जैसे इंटरेस्ट रेट कट होना शुरू हो
जाएंगे बैंकिंग सेक्टर में आपको एक्टिविटी दिखना शुरू हो जाएगी सो अगर आप बैंकिंग सेक्टर का एनालिसिस कर रहे हैं तो
यह जो लिस्ट है जिन्होंने बहुत बड़ी मात्रा में फिक्स इंटरेस्ट रेट बांटे हैं अपनी लोन बुक के उन बैंक्स को अगर आप
अंडरवैल्यूड वैल्यूएशन पर खरीदने की कोशिश करोगे तो काफी बेटर अपॉर्चुनिटी आपको देखने मिल सकती है तो ये जो लिस्ट इन
बैंक्स का वैल्यूएशन जरूर निकालिए और उसमें कोई बहुत ही अंडरवैल्यूड आपको दिखती है और बिजनेस भी काफी स्ट्रांग जहां
पर चल रहा है उसको आप डिटेल में और एनालाइज कर सकते हो अब जिन बैंक्स ने यहां पर फिक्स इंटरेस्ट पर लोन दिए हैं वो अभी भी
यहां पर रियल हीरो नहीं है वो सिर्फ साइड एक्टर्स है तो रियल हीरोज कौन है आपकी एनबीएफसी और इसका सबसे बड़ा रीजन है कि
एनबीएफसी का ज्यादातर लोन पोर्टफोलियो फिक्स रेट होता है जब इंटरेस्ट रेट कम होते हैं तो ये एनबीएफसी डेट
रिफाइनेंसिंग करती है एट लोअर रेट्स विदाउट इमीडिएट लोरि इंटरेस्ट रेट चार्जेस टू बोवर्स मतलब जब इंटरेस्ट रेट कम
होते हैं तो इनका बोरोंग कॉस्ट गिर जाता है पर जो लोंस ये पहले दे चुके हैं उन पर इंटरेस्ट रेट्स वही फिक्स रहता है इसका
सीधा मतलब है कि जब इंटरेस्ट रेट कम हो जाएंगे तो एनबीएफसी की जो नेट इंटरेस्ट मार्जिन है वो बढ़ जाएगी जिससे उन्हें
ज्यादा फायदा होगा ज्यादा प्रॉफिट होगा और शेयर होल्डर्स को भी फिर अल्टीमेटली ज्यादा फायदा इससे हो सकता है अब देखिए
बैंक्स के लिए स्टोरी उतनी आसान नहीं होती क्योंकि ज्यादातर बैंक्स का जो लोन पोर्टफोलियो होता है वो फ्लोटिंग रेट पर
होता है बजज फाइनेंस जो कंज्यूमर फाइनेंस का लीडर है उनका काफी बड़ा पोर्टफोलियो फिक्स इंटरेस्ट रेट पर है इसका मतलब
जब भी इंटरेस्ट रेट में कटौती होगी कि ये जो लोंस होते हैं ये फिक्स रेट पर दिए जाते हैं तो ये सारी चीजें हैं जिन पर
आपका ध्यान होना चाहिए जब इंटरेस्ट रेट में कटौती होती है तो ये सारी चीजें आपको इन्वेस्टमेंट करने से पहले ध्यान में
रखनी होगी तो जब भी आप बैंकिंग सेक्टर का एनालिसिस करो तो इस फिगर पर भी जरूर ध्यान रखना फ्लोटिंग रेट पर किसने ज्यादा
लोन दिए हैं और फिक्स रेट पर किसने ज्यादा लोन दिए हैं वीडियो है उसे थोड़ा पीछे जाकर स्क्रीनशॉट ले लीजिए उन चीजों का
ताकि फ्यूचर में आपको टाइम टू टाइम वो चीजें काम में आएगी और हां जाते-जाते शून्य का प्लेटफॉर्म जरूर चेक कीजिए लिंक
नीचे डिस्क्रिप्शन और कमेंट बॉक्स में आपको मिल जाएगी प्रोसेस सेर्फ 5 मिनट में है तो अभी जाइए और अपना अकाउंट खोल
लीजिए मिलते हैं अगले वीडियो में बा बा
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सर मुझे आपसे मिलना है
What about BOM
My take on all this: Keep cash handy and wait with patience. Market is too volatile and any trading might end up burning up that reserve. So better to sit out of this madness and as the Madagascar penguins say 'Just smile and wave' at the market. Once the dust settles and some semblance of stability is seen, put that money in good stocks that have taken a beating. Over the years, that should give you better returns than trying to time banking stocks in expectation of RBI MPC decisions.
Jab 29% returns kharab lagane lage tab samaz jao market overvalued hai 😂
I dont think so bank stocks are good for long term because in long run its going to liqudity issues in bank because people are investing in shares over FD
Review on Maharashtra Bank sir
Never trust any bank
What about IDFC??😢
Any bandhan Bank investors