September 28, 2024
Corporate Finance vs Project Finance | Explained with Examples in Hindi !
 #Finance

Corporate Finance vs Project Finance | Explained with Examples in Hindi ! #Finance


हेलो हेलो एवरीवन वेलकम दूसरी प्रैक्टिकली तो आज के वीडियो में हम लोग पढेंगे कॉर्पोरेट फाइनेंस और प्रोजेक्ट

फाइनेंस के डिफरेंस के बारे में तो वीडियो को लाइक जरूर देखिएगा और वीडियो अच्छा लगे तो लाइक और शेयर करना बिल्कुल न

बुलाया है तो चलिए जल्दी से वीडियो को शुरू करते हैं तो हैं तो चलिए सबसे पहले हम लोग मतलब जान लेते हैं प्रोजेक्ट

फाइनेंस का मतलब क्या है और कॉरपोरेट फाइनेंस मतलब क्या है फिर उसके बाद में एक-एक करके इस कॉर्ड इनके डिफरेंस के बारे

में बात करूंगा एक पॉइंट को लेते हुए समझने का कोशिश करेंगे एक बार आप नहीं समझ पाओगे और तो समझना बहुत आसान है पहले

थोड़ा सा टिपिकल लगता है कि यार क्या डिफरेंस है क्या मतलब है लेकिन अगर आप मतलब समझ जाते हो दोनों कौन से इसका टॉपिक का

तो आपके लिए डिफरेंट बहुत आसान हो जाता है तो कॉरपोरेट फाइनेंस है कि कॉरपोरेट फाइनेंस इस ऑफ बिजनेस फाइनेंस यानि कि

एक पूरे बिजनेस अगर फाइनेंस करना होता है तो आप उसके लिए जो इलेक्शन प्रोसेस लगाते हो आप जो चीजें करते हो कि क्या-क्या

नजरिए से देखोगे तरह से तो वह कॉर्पोरेट – है बेसिकली है दोनों साइड से लेकिन दो चीज से यह डिफरेंट हो पाते हैं पहला

होता है कि किस परपस के लिए आप यह अंश यूज करोगे और दूसरा होता है क्या सिक्योरिटी आफ ऑफर कर रहे हो इसके अगेंस्ट में

यानी कि इस तरह से आप समझ सकते हो कि पहला तो आपका यह चीज अगर कर दे रहा है कि किस चीज के लिए आपको यह अंश यूज करना है और

दूसरी तो क्या सिक्योरिटी आप ऑफर कर रहे हो तो प्रोविडेंस के क्वार्टर फाइनल पूरे बिजनेस को फाइनल करने के लिए तो इसके

लिए आप क्या सिक्योरिटी ह करते हो पुरे बिजनेस के सिक्योरिटी रेफर कर देते हो तो आप चलिए चीज है जब पूरे बिजनेस अगर

आपको एक तरह आपका बिजनेस है इसके लिए आपको मान कर चलिए फिर से हजार करोड़ रुपए चाहिए कोई और बिजनेसमैन करने के लिए हमने

भी फॉर से दूसरा जगह इस्टैबलिश्ड करने के कुछ भी जिससे आपको चाहिए हुए तो वह चीज जब आप मुझे बिजनेस के बेसिस पर अपने लोग

है यानि कि आप अपने पूरे बिजनेस केनेलाइट करोगे पूरे बिजनेस का फैसला देखोगे पूरे बिजनेस का एसिड देखोगे बैलेंस शीट

मैच करो कि हमारे पास कितना टोटल एसएस है हमारे पास उठो वह मैच करके आपको कोई भी लोन देगा या पैसे देगा या कोई फाइनल

करेगा लेकिन उसके बदले में क्या आपका इधर से गिरवी रखा है और 1000 करोड़ के बने पूरा बिजनेस यानी कि जितने भी ऐड आप उस

प्रोजेक्ट के मतलब उस अब इस बिजनेस के वह आपके जा सकते हैं अगर वह ऑप्शन करोड़ रिपेयर बल नहीं हो पाता है तो इन दैट केस

लेकिन यह की जगह लोग प्रोजेक्ट – पर आजा प्रोजेक्ट – बहुत लिमिटेड होता है एक प्रोजेक्ट लिमिटेड है पूरे बिजनेस तक

नहीं जाती है बात तो एक प्रोजेक्ट मान कर चलिए कि अगर आप और से कोई बहुत बड़ी फैक्ट्री है मतलब बहुत बड़ी कंपनी है जो कि

मल्टी परपस इंडस्ट्रीज में निवेश करती है बहुत अलग अलग टाइप इंडस्ट्री सेट अप करती है तो मानकर चलिए अगर वह अपना नया

शुगर इंडस्ट्री डालना चाहिए है तो शुगर इंडस्ट्री के एक प्रोजेक्ट है जहां पर उसको पैसे चाहिए होंगे मान कर चलते 100

करोड़ तो जो 100 करोड़ लैंड कर रहा होगा जो फाइनेंस कर रहे होंगे उनके मन में वह 100 करोड़ से पूछ प्रोजेक्ट के लिए रिलेटिड

रहेगा यानी कि आप मान सकते हैं कि उस सौ करोड़ के लिए वह सिर्फ प्रोजेक्ट को दे सकता है यानि कि उस प्रोजेक्ट कि क्या

जमीन है वह प्रोजेक्ट कैसा सेट अप होगा कि अ आपको उसका क्या स्लो रहेगा कितनी सील जो कि वो कितने पैसे आएंगे जाएंगे

उसके बेसिस पर को ही आपको कोई फाइनेंस करता है एंड आपका पैसा लौटाने का वह लिमिटेड स्कोप रहेगा वह इस प्रोजेक्ट से ही

रिलेटिड रहेगा आपके बिजनेस तक बात नहीं पहुंचती है तो यह आपको बेसिक मतलब है दोनों के बीच का डिफरेंस सब्सक्राइब कर

सकते हो अपडेट – है जो कि बीच इससे रिलेटिड पूरा रहता जो कि पूरा बिजनेस को समझ कर लेता है पूरे सारे प्रोजेक्ट सारे

कैशलेस पूरे साल के एसिड जितने भी बिजनेस में है वह इस तरह साफ करके चली कि वह तरह से ऐसे इकट्ठी बन जाती है अगर आपको लोन

लेना हो तो यह कोई भी अगर फाइनेंस आपको चाहिए हो तो और बट जबकि प्रोजेक्ट – होता है कोई पार्टिकुलर प्रोजेक्ट के लिए

फाइनेंस ले रहे होते हो जो कि लिमिटेड रहता है उस पर्टिकुलर प्रोजेक्ट से उस प्रोजेक्ट ऐड से फैसलों से एक्स्ट्रा सेट

तो यह चीज बेसिक होता है डेफिनेशन दोनों तो चलिए दोनों का डिफरेंस के बारे में बात कर लेते हैं और एक-एक करके डिफरेंट

बेसिस पर हम दोनों का डिफरेंस के बारे में बात करेंगे हम लोग तो जिस लिंक मैं रेफर करता हूं चोरी परपस के लिए आप उसको

नीचे डिस्क्रिप्शन में पा सकते हो कोई भी पीठ पर पर्स यौवन जिसके लिए आप उसको यूज कर सकते हो तो चलिए करके हम लोग

डिफरेंस के बारे में बात करते हैं सबसे पहला डिफरेंस होता है कि स्टेज पर आपको चाहिए होता कॉर्पोरेट – या प्रोजेक्ट

खाने से नहीं कब चाहिए होता है क्यों चाहिए होता तो कॉर्पोरेट – ज्वेल ड्यूरिंग थे इनसेप्शन आफ कंपनी एंडोरिंग एंड

एक्सपेंशन तो जैसा मेरा कोई आंतों में बताया कि अगर कंपनी सेंड करने का सोच ली और दूसरे मैच में आने का सोच रही हो

एक्सटेंड करने की सोच ली इन फॉरेन कंट्रीज टो इन दैट केस कॉर्पोरेट – लिया जाता है एंड प्रोजेक्ट – एस वेल बाय स्टेप

लेटेस्ट स्पीशीज वेंचरिंग इनटू न्यू प्रोजेक्ट f5 इसका मतलब होता है स्पेशल पॉवर स्विच कर डू इट मींस कि जब भी अगर आप

कोई स्पीड होता स्पेसिफिक गर्ल्स वह आपको न्यू प्रोजेक्ट्स आफ क्लिक करने के लिए बेसिकली प्रोजेक्ट पानी ऐड का

इस्तेमाल करते हैं सैफरन का एहसास होता है तो बेसिस फॉर क्रेडिट इवॉल्यूशन यानी कि किस बेस पर आपका मित्र से क्रेडिट

इवोल्यूशन के बेसिस पर कैसे डिफरेंस है आपका यानि कि किस बेसिस पर प्रोजेक्ट फाइनेंस सेलिब्रेट किया जाता है किस

विशिष्ट पर कॉल प्रेग्नेंसी वाली किया जाता है तो जो कॉर्पोरेट – है वह बैलेंस शीट या स्लॉट एंड ओवरऑल पेंशन है टॉपिक

कंपनी का पूरा इलेक्शन के बेसिस पर होता है जबकि प्रोजेक्ट साइंस प्रोजेक्ट फिजिबिलिटी आईएस प्रोजेक्टेड टो फॉलो

एंड फॉर का स्टैंड फैसलों के बेसिस पर किया जाता है जैसे मैंने आपको बताया था कि अगर कोई वंदे चलिए कुंवर का फैक्ट्री

डालना चाहे डाला जा रहा है तो वह बेसिस पर उसके ही अनालिसिस किया जाता है कि हां यह कितना चलेगा कि तब प्रोजेक्टेड आपको

फॉलो सहभागिता चेंज होगा कितना इनकम आएगा उसी के बेसिस पर प्रोजेक्ट फाइनेंस किया जाता है और होता है रेस रेस के बेसिस

पर तो इश्वरी को माइंड कंसोलिडेटेड एंड कॉरपोरेट फाइनेंस एंग्री बर्ड प्रोजेक्ट में पेडीक्योर व कॉरपोरेशन ऑपरेशंस

आफ बिजनेस एंड टिप्स यानी कि आप कह सकते हो घी ट्विस्ट बहुत ही ज्यादा इसमें कॉमन कंसोलिडेटेड एक और सॉलिड यानि कि मिला

हुआ है तो हल्का सा अगर कोई दिक्कत होगा तो पूरे बिजनेस को ऑफ कर सकते हैं जो कि अगर हम लोग अपना प्रोजेक्ट साइंस की अगर

बात करें तो इस लिमिटेड है उस प्रोजेक्ट्स रिलेटेड यानी कि अगर वह प्रोजेक्ट नहीं चलता है डाट मींस कंपनी कुछ नहीं

होने वाला उस प्रोजेक्ट्स रिलेटेड टो कैंसिल र फ़ंसाए होंगे वह उस प्रोजेक्ट ही लिमिटेड सीमित रह जाएंगे कंपनी तक कोई

हम पर नहीं होने वाला इसलिए कि कंपनी को अपने कब्जे से कुछ नहीं देना दिक्कत पड़ेगा या फिर अपने आप को निलाम लाइटर से

बिछड़ने का जरूरत नहीं पड़ेगा कि अगला डिफरेंस आता है रिटर्न के बेसिस पर तो कॉरपोरेट फाइनेंस में रिटर्न्स फॉर मोर

डीटेल्स विजिट एंड रिटर्न सीधे जबकि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट अनुसार हाई एंड पुलिस की जांच में जुटी पुलिस को बताया था कि

आपको रिटर्न जो हैं वह आपको प्रोजेक्ट में ज्यादा मिलते हैं कि आपको बिजनेस – मैं आपको रिटर्न मिलता रहता है कि ऐसा

क्यों प्रोजेक्ट पूरे बिजनेस को तो वहां पर विश कम है कि आप करोगे कि वह पूरा सोच समझ तो इसे उसके में बहुत कम होता है कि

यह वहां से ग्रो कर चुका है तब आप अगले की बात करें तो है कि आप अपने शुगर इंडस्ट्री में जैसे कि अगर कल को सेव करना चाहते

है वहां वह वहां पर भेजें फाल्गुनी पाठक इसके पहले बैटिंग उसको पता कि हम जो प्रोडक्ट सकते हैं लेकिन अपैरल्स के लिए

एक्यूरेट होता है तो दास भाई रिटर्न भी प्रोजेक्ट – में ज्यादा के विरुद्ध है और कॉर्पोरेट – 110 कम है क्योंकि वृक्ष

भी कम होते हैं शिफ्ट आप अ कोलेस्ट्रोल तो कॉलेटरल क्या रखना पड़ता है ए प्रॉपर मैनर ओवरऑल एसिड टेस्ट लॉजिस्टिक

कंपनी जबकि प्रोजेक्ट फाइनेंस लिमिटेड टो ओनली बे प्रोटेक्टेड एंड केस क्लोज के इस प्रोजेक्ट से रिलेटेड तब ऐसे Champcash

लो है वह आपके लिमिटेड रह जाते हैं इस प्रोजेक्ट से जबकि वहीं आपके गिरवी तरह होते हैं लेकिन कंपनी में पूरे कंपनी कैसे

इसे कैंसल वहीं कर सकता आपको फोल्डर पर रखे जाते हैं शिक्षा टाइप्स ऑफ कैपिटल थिस साइट पर कैपिटल आपका होता है तो आपको

प्रोफेशनल प्रॉमिनेंट एंड एक्जिस्ट Tubelight और लाइफ कंपनी जबकि कि यह गंध प्रोजेक्ट – की बात करें तो बहुत पॉइंट

अनलिमिटिडली ओनली लाइफ प्रोजेक्ट यानि कि एक बार जब हजार करोड़ दिए पूरे कंपनी को स्कैन करने के लिए तो हजार करोड़

पूरे कंपनी के लिए चले गए है अब वह कंपनी के साथी खत्म होगा जब तक यह 100 करोड़ जो एक प्रोजेक्ट के लिए दिए गए लाल मिर्ची

लिया पहले इस इंडस्ट्री के लिए तो वह प्रजा खत्म होगा तो वह 100 करोड़ भी वापस मिल जाएंगे एंड स्टिच और खत्म हो जाएगा इस आप

अगर आता है इनवेस्टमेंट तो जो कॉरपोरेट फाइनेंस 19 रिसेप्टिव टो विन थे पार्टिसिपेंट्स मोस्ट रेगुलेटरी जबकि

प्रोजेक्ट मैनेजर मिला है तो रीइंबर्समेंट फॉर रिवेन्यूज नॉट अलाइव एंड हेव टू एंग्री बर्ड S2 S3 सैमसंग कंडीशन सौंप दी

पार्टिसिपेंट्स मतलब समझ में आ रहा है सिंपल है यही क्वार्टर फाइनल जो है उसमें जो इनवेस्टमेंट होता है वह बहुत ही

लिस्ट वेस्ट में यानी कि आप एक बार $2000 निकालते हैं वह दोबारा रीमिक्स कल शक्तियों कोई रिएक्शन नहीं है बहुत कम से कम

लिस्ट एकदम जब तक यह प्रोजेक्ट – बात करें तो यहां पर रीइंबर्समेंट फॉर रिवेंज नॉट अलाउड जाने की जो आप कमाते हो पैसे

अपने इस प्रोजेक्ट से उस आप नहीं लगा सकते हो यहां पर वापस वह कंपनी डिसाइड करती है फिर की कहां पर कौन प्रोजेक्ट पर

कितने पैसे लगेंगे यह आपका डिफ्रेंस होता है बीच-बीच में के बेसिस पर इसके बाद आता है आपका साइलेंसर अब तो फॉर बॉयज इन

फाइनेंस सिस्टम होता है आपको कॉर्पोरेट – में जबकि टेलर मैट फिनिश है दैट वेरी फ्रॉम प्लेस टो प्लेस यानि कि सिंपल

यार एक कंपनी के लिए तो पूरा ओवरऑल परफॉर्मेंस फाइनैंशल ट्रांजैक्शन है जबकि प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट के

अल्लाह ट्रांजेक्शन टेलर मेज़रमेंट तरीके से के अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए अलग बनाया जाते हैं अलग-अलग सफल होते हैं

जैसे अलग कपड़े सब इंसान के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट के अलग-अलग फाइनेंस हर प्रोजेक्ट के लिए अब जो खाने के लिए वह कपड़े

करनी हो सकता जो जूते के लिए वह कपड़ों के लिए नहीं सकता जो मान कर चलिए कि खाने के लिए है या जो पहनने के लिए है वह आपको

फोन के लिए नहीं हो सकता है सो देगा तू भी ट्रेलर में सके अलग-अलग होता है अब आगे आप ऐसे कंडक्टर पर ट्रांजैक्शन कॉस्ट तो

जो कॉर्पोरेट बैलेंस में लोग और चौथा टूरिस्ट शेयरिंग एंड सिंपल सबसे जबकि जो प्रोजेक्ट – में हायर क्वालिटी व में

डॉक्यूमेंटेशन रिक्वायरमेंट्स यानि कि ट्रांजेक्शन पास होते हैं वह आपको कॉर्पोरेट – बहुत कम है जबकि प्रोजेक्ट

– में हर इसके लिए अलग बनता है तो चलिए यहां पर ज्यादा हो जाते हैं ला साखरेचे इलास्टिसिटी तो कॉर्पोरेट – में हाई

डेफिनेशन आफ फ्लैक्सिबिलिटी यसपटक है जबकि प्रोजेक्ट – में लो फ्रेंडशिप लेक्सेटिव हाईली डिस्ट्रक्टिव गोविंदा

तो जब विपक्ष के हमलों में पड़ा है कि बहुत ही लिस्ट एडिशन होता है आपको कॉर्पोरेट – में तो उसकी वजह से जो पेंशन

इलास्टिसिटी है यानि कि एक तरह फ्लैक्सिबिलिटी कह सकते हो कि आप कितना फ्लैक्सिबल रोकने फाइनेंस के साथ तो कॉर्पोरेट

– से और ज्यादा समय फ्लैक्सिबल रोते हुए जबकि अगर हम लोग यह प्रोजेक्ट भैंस की बात करते थे यहां पर बहुत कम

फ्लैक्सिबल तो आप अपने मर्जी से कुछ रिश्ते नहीं सकते हो कौन से फाइनेंस का यूज होने कितने फाइनेंस होने कैसे

रिटर्न्स मैंने यह आराम अपने नहीं हो सकता है तो यार मैं यही सारी डिफरेंस इस प्रोजेक्ट साइंस और कॉर्पोरेट फैंस के

बीच में आशा करता हूं आपको वीडियो अच्छी लगी होगी अगर कुछ समझ में नहीं आया हो तो नीचे कमेंट करके आप लेयर आउट कर सकते हो

यहां पर Instagram लेकिन पर गिरा करके मुझे मैसेज कर सकते हो मिलते और एड्रेस इस विडियो में तब तक के लिए बाय-बाय टेक केयर एंड

जय हिंद वंदे मातरम अ

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