September 19, 2024
Finance Ministry Explained | Budget Making Procedure | Hindi
 #Finance

Finance Ministry Explained | Budget Making Procedure | Hindi #Finance


हेलो हेलो गाइस आप देख रहे हैं विज्ञान और इस वीडियो में हम बात करेंगे फ्रेंड्स मैं इस पेड़ के बारे में इस वीडियो

में हम बात करेंगे फाइनेंस मिनिस्ट्री की रोलस एंड रिस्पांसिबिलिटीज डिपार्टमेंट्स ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के बारे

में और फर्निस में इसे केवल मोस्ट इंपोर्टेंट काम हम इसे एक यूनियन बजट तैयार करने के प्रोसेस के बारे में सबसे पहले

रोलस एंड रिस्पांसिबिलिटीज जैसा कि हमने अपनी मिस्ट्रीज आफ इंडियन रोमांस वाली वीडियो में बात की है कि कैसे इंडियन

गवर्नमेंट के डिफरेंट डिफरेंट कामों को अलग-अलग मिनिस्ट्रीस में डिवाइड किया गया है उनमें से सबसे इंपोर्टेंट

मिनिस्ट्री है मिनिस्ट्री आफ फाइनेंस जिसका काम होता है देश की इकोनॉमी से जुड़े सारे मेटल्स को देखना जैसे फिसकल

पॉलिसी निकालना बजट तैयार करना एंड इकोनामिक रिव्यू तैयार करना इकोनामिक सर्वे बनाना टैक्स कलेक्शन इंडियन बैंकिंग

सिस्टम से जुड़ी पॉलिसीज बनाना ऐड सेंटर फाइनेंस मिनिस्ट्री यह इशारा करती है कि गवर्नमेंट का फिस्कल डेफिसिट कम रहे

जिससे गवर्नमेंट ज्यादा बाहर ना आए फाइनेंस मिनिस्ट्री के बड़े-बड़े डिसीजंस पर अंतिम फैसला प्राइस चैप्टर यह

केबिनेट कमिटी ओं इकोनामिक अफेयर्स का होता है और बाकी सभी डिसीजंस फाइनेंस मिनिस्टर द्वारा लिए जाते हैं और उन्हें

इस करते हैं मिनिस्टर ऑफ स्टेट फाइनेंस मिनिस्टर फाइनेंस मिनिस्ट्री के मेजर पॉलिसीज टो पार्लियामेंट में रखते हैं

जैसे उन्होंने इस साल पहले मैच में बजट पेश किया बजट के बारे में हम थोड़ा सा डिटेल में बात करेंगे लेकिन उससे पहले बात

करते हैं सारे डिपार्टमेंट्स की फाइनेंस मिनिस्ट्री में टोटल फाइव डिपार्टमेंट्स आते हैं डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक

अफेयर्स डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर्स डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विसेज और डिपार्टमेंट

आफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट सभी डिपार्टमेंट को अलग सेक्रेटरी द्वारा सेट किया जाता है जिनमें से

डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू के सेक्रेटरी पूरी मिनिस्टर के हेड और फाइनेंस सेक्रेटरी चलाते हैं अब एक एक करके

डिपार्टमेंट के बारे में बात करते हैं डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स फाइनेंस मिनिस्ट्री में सेंट्रल गवर्मेंट

का बजट तैयार करना और उसे पहले में पेश करने का काम इस डिपार्टमेंट का होता है इसके अलावा इनका काम हो मैं देश की मैक्रो

इकोनामिक पॉलिसी बनाना जैसे फिसकल पॉलिसी पब्लिक फाइनेंस इन्फ्लेशन पब्लिक डेट मैनेजमेंट स्टॉक एक्सचेंज रेट

सिस्टम से लिटिल पॉलिसीज इस डिपार्टमेंट को देश की करेंसी और कॉइंस पोस्ट स्टेशनरी और को सिस्टम्स अट से कहा कि

प्रोडक्शन देखनी होती है और पार्लियामेंट से जुड़े सारे मैटर्स और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूशंस जैसे वर्ल्ड बैंक

आईएमएफ डब्ल्यूटीओ एटसेट्रा के साथ कॉर्पोरेशन से जुड़े मैटर भी देखने होते हैं आईएस इंडियन इकोनॉमिक सर्विस भी इसी

तरह आती है जिसमें उन्हें इनकी ट्रेनिंग सेंटर मैनेजमेंट कैरियर प्लानिंग देखनी होती है है नेक्स्ट बात करते हैं

दूसरे डिपार्टमेंट की तो वह डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर एंड डिपार्टमेंट्स एंड कमेंट में फेमस पब्लिक फाइनेंसियल

मैनेजमेंट सिस्टम और अगर फाइनल मैच देखने के लिए होता है यह SMS का काम होता है गवर्नमेंट की सब्सिडीज को उनके बेनेफिशरी

तक पहुंचाना इसके अलावा डिपार्टमेंट में काम होता है फाइनेंस कमिशन और सेंट्रल पे कमिशन की रिकमंडेशन को लागू करना और

सेंट्रल गवर्नमेंट आर्ट्स को तैयार करना इंगेजमेंट जो भी पैसा खर्च करती है किसी भी स्कीम वगैरह के थ्रू योर किसी और

तरीके से यह जो भी वह स्टेट गवर्नमेंट को देती है स्टेट गवर्नमेंट शेयर और टैक्स उसका हिसाब-किताब यह डिपार्टमेंट

रखता है और तनाव में थे इंस्टीट्यूट आईएस फेम्ड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट इसी के अंदर आता है

सेंट्रल गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर के बारे में अगर आप थोड़ा सा और समझना चाहते हैं कि गवर्नमेंट कहां-कहां पैसा खर्च

करती है तो आप हमारी इंडियन गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर वाली वीडियो देख सकते हैं है नेक्स्ट है डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू

इसका मेन फंक्शन ऑफ गवर्नमेंट के लिए पैसा कट करना जिसका मींस और होता है टैक्स कलेक्शन जिसमें 2 टाइप्स हैं टैक्स और

इनडायरेक्ट टैक्स दरें टैक्स कलेक्ट करने के लिए होता है सीबीडीटी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस फॉर ए टेक्स्ट

कलेक्ट करने के लिए होता है सीबीआईसी सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम यूपीएससी सिविल सर्विसेज

एग्जाम्स में आईएएस आईपीएस आईएफएस के बाद जूस की जाने वाली सर्विस आईएस इंडियन रिवेन्यू सर्विस डिपार्टमेंट के अंदर

आती है इसके अलावा इस डिपार्टमेंट का काम होता है देश में इकोनामिक ग्रोथ को लागू करना और इकनॉमिक ऑफेंस टो

इन्वेस्टिगेट करना जैसे मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा पी एमएलए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट इसी डिपार्टमेंट के

थ्रू इंपोज दिया जाता है उसके अलावा इनका काम होता है नारकोटिक्स ड्रग्स के व्यूस को रोकना और इलीगल ट्रैफिक जैम अगले

इन फॉरेन एक्सचेंज मैनिपुलेशन एटसेट्रा को रोकना मिलिंग का काम तो टैक्स लगाना ही होता है जिससे संक्रमण के पास

ज्यादा से ज्यादा पैसा आए इसके अलावा अभियान का सेटलमेंट का रिव्यु के बारे में अब थोड़ा सा और समझना चाहते हैं कि

गवर्नमेंट के पास कहां कहां से पैसा आता है तो उसके लिए आप हमारी आर्गुमेंट मैक्सिमम वाली वीडियो देख सकते हैं और अगर

आप वायरस के बारे में और डिटेल में जाना चाहते हैं तो आप हमारी आई है सबसे वाली वीडियो देख सकते हैं इन सब वीडियोज के

लिंक आपको डिस्क्रिप्शन में और आई बटन में मिल जाएंगे नेक्स्ट अब बात करते हैं डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विसेज की तो

इस डिपार्टमेंट का काम होता है बैंक फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस इंश्योरेंस कंपनी इस और नेशनल पेंशन सिस्टम 688 फंक्शनिंग

देखना यह जो भी संस्थाऐं फ्रेंड से रिलेटेड उन सभी का रिमाइंडर करने का काम डिपार्टमेंट करता है जैसे आरबीआई रिजर्व

बैंक आफ इंडिया से भी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया एस ए सेंट्रल है है नेक्स्ट डिपार्टमेंट है

डिपार्टमेंट आफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट का काम होता है सीपीएस सीड्स यानी सेंट्रल

पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज ऐसे बीच यौन में गवर्नमेंट इनवेस्टमेंट को देखना इसके अलावा इनका काम होता है इंटरनेट

यूज में स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स रिलेटिड प्रपोजल देना और इन स्टॉक मार्केट में विजिट करना वेबसाइट रहा तो यह

फाइनेंस मिनिस्ट्री के f5 डिपार्टमेंट्स नेक्स्ट अब बात करते हैं फाइनेंस मिनिस्ट्री के ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर की

अरे यार 1946 में मिनिस्ट्री आफ फाइनेंस को ऑपरेट किया गया था जिसके पॉलिटिकल साइड होते हैं एक कैबिनेट मिनिस्टर

जिन्हें फाइनेंस मिनिस्टर वित्तमंत्री भी कहते हैं और एडमिनिस्ट्रेटिव एंड होते हैं एक सेक्रेटरी बैंक IAS ऑफिसर

जिन्हें फाइनेंस सेक्रेटरी भी कहते हैं जिनका मिलने काम हेड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू होता है इनकी जिम्मेदारी

होती है कि फाइनेंस मिनिस्ट्री के पांचों के 500 डिपार्टमेंट में प्रॉपर कोआर्डिनेशन बना रहे हर डिपार्टमेंट में

जरूरत के अनुसार बींस और डिविजंस होते हैं आगे पर जबरन चीज और सेक्शन में डिवाइड होते हैं इनमें से कुछ इंपोर्टेंट

पार्ट है एसपीएमसीआईएल सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड माइनिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने सेविंग इंस्टीट्यूट

सीआइबी सेंट्रल इकोनोमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इंडिया इकरार से है नेक्स्ट अब बात करते

हैं बजट के बारे में कि फाइनेंस मिनिस्ट्री जो बजट पेश करती है उसका बेसिक प्रोसेस क्या है एग्जांपल लेते हैं यूनियन

बजट 2021 का तो इसके बनने का प्रोसेस शुरू हो गया था तकरीबन 5 महीने पहले अगस्त्य सप्टेंबर ट्वेंटी-20 में सबसे पहले

फाइनेंस मिनिस्टर इकोनामिक अफेयर्स डिपार्टमेंट एक एबीसीडी एनुअल बजट सर्कुलर शो करता है जो गवर्नमेंट के सभी

एप्रोच 50 की 50 मिनट्स को भेजा जाता है इस एबीसी में डीटेल्ड इंस्ट्रक्शंस होती हैं कि सारे के सारे डिपार्टमेंट को किस

फॉर्मेट में फाइनेंस मिनिस्ट्री को अपनी-अपनी मिस्ट्री के बजट से रिलेटेड इनफॉरमेशन भेजनी है फिर जब यह SIM 31 के पास

पहुंचती हैं तो वह सारी मिस्ट्रीज अपनी-अपनी मिस्ट्री के बारे में तीन तरह के इनफॉरमेशन प्रोवाइडर कराते हैं बजट

एस्टिमेट्स रिवाइज्ड एस्टिमेट्स और एक्चुअल्स कि बजट एस्टिमेट्स जिसमें उसमें स्टिकर रिवेन्यू एक्सपेंडिचर

इन्फॉर्मेशन होती है रिवाइज्ड एस्टिमेट्स जिसमें पिछले साल के बजट इंफॉर्मेशन इन रिवेन्यू एक्सपेंडिचर होता है और

एक्ट्रेस में डिपार्टमेंट के सारे फैक्ट एंड फिगर सोते हैं तो इसे डिपार्टमेंट के फिस्कल डेफिसिट भी लोन वगैरह साइड

इन्फॉर्मेशन एक्स्ट्रा अब सारी मिसरी से डाटा फाइनेंस मिनिस्ट्री के पास पहुंचता है फिर सारे डाटा को फाइनेंस

मिनिस्ट्री ऑर्गेनाइज करती है और बजट प्रपोजल तैयार करती है फिर फाइनेंस मिनिस्टर उसे एग्जामिनड करती हैं और जरूरत

अनुसार उसमें चेंज कर सकती है फिर इस प्रपोजल को प्राइम मिनिस्टर से कंसल्ट करने के बाद यूनियन केबिनेट में ब्रीफ

किया जाता है अगर किसी पॉलिटिकल मिनिस्ट्री को इस वजह से को इश्क होता है तो उसे वहीं कैबिनेट में जॉइंट कर दिया जाता

है फिर चेंजेस करने के बाद इसे वापस फाइनेंस मिनिस्टर इकोनामिक अफेयर्स डिपार्टमेंट को सौंप दिया जाता है

फाइनलाइज्ड करने के लिए जरूरी डेट आफ एक्शन फिगर्स के साथ इस काम में उनकी हेल्प करता है एन आई सी नस्ल इन्फॉर्मेशन

सेंटर इसके बाद फाइनल बजट अपने बनकर तैयार हो जाता है जिसे फिर आर्टिकल 112 अकॉर्डिंग फाइनेंस मिनिस्टर प्रेसिडेंट की

परमिशन लेकर पार्लियामेंट में स्पाइनल बजे डॉक्यूमेंट को प्रेग्नेंट करती हैं जैसे कि एक सेलिब्रेटी को हुआ इसके

आगे की कहानी है कि इस साल के बजट में क्या-क्या है कि सेक्टर को कितना फायदा होगा स्टूडेंट के लिए क्या है मिडिल क्लास

लोगों के लिए क्या है थॉमस के लिए क्या है एक्स्ट्रा इसके बारे में हम बात करेंगे हम आई नेक्स्ट वीडियो में में हैं तो

दोस्तों वीडियो पसंद आया तो लाइक शेयर करो यार है नहीं तो इस चैनल को सबस्क्राइब कर लो फिर मैं इसी वीडियोस आपके लिए

लाता रहूंगा एंड थैंक्स वाचिंग

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38 thoughts on “Finance Ministry Explained | Budget Making Procedure | Hindi #Finance

  1. పన్నెండు సమాశ్చర్యాలకు ముందుకొన్న ఆస్తి వృద్దాప్యములోవున్న వారు అమ్మినప్పుడు వచ్చేఆస్ధి మీద వచ్చే మొత్తాన్ని నెలవడ్డీ కొరకు బ్యాంక్లో వేసుకోవడానికి కాపిటల్ గైన్ టాక్స్ లేకుండా అవకాశం ఇవ్వవలసినదిగా విగ్జాఫ్తీ మేము చనిపోయిన తర్వాత ఆస్తి పంచుకొనే పిల్లలు బ్రతికి ఉండగా గౌరవంగా చూడకుండా ఉన్నారు మేము బ్యాంకు నుండి నెలవడ్డీ తీసుకొని వృద్ధాశ్రమానికి డబ్బు చెల్లించి బ్రతుకుతాము రాజమండ్రి దానవైపేట పార్కు వృద్ధుల విన్నపము

  2. పన్నెండు సమాశ్చర్యాలకు ముందుకొన్న ఆస్తి వృద్దాప్యములోవున్న వారు అమ్మినప్పుడు వచ్చేఆస్ధి మీద వచ్చే మొత్తాన్ని నెలవడ్డీ కొరకు బ్యాంక్లో వేసుకోవడానికి కాపిటల్ గైన్ టాక్స్ లేకుండా అవకాశం ఇవ్వవలసినదిగా విగ్జాఫ్తీ మేము చనిపోయిన తర్వాత ఆస్తి పంచుకొనే పిల్లలు బ్రతికి ఉండగా గౌరవంగా చూడకుండా ఉన్నారు మేము బ్యాంకు నుండి నెలవడ్డీ తీసుకొని వృద్ధాశ్రమానికి డబ్బు చెల్లించి బ్రతుకుతాము రాజమండ్రి దానవైపేట పార్కు వృద్ధుల విన్నపము

  3. वरिष्ठ नागरिकों को, सभी प्रकार के करों से मुक्त किया जाना चाहिए, जीवन के अंतिम चरण में उनको राहत और शांति प्रदान करना सरकार का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए

  4. सगे रिश्तेदारों पर अचल सम्पत्ति के हस्तांतरण पर कोई शुल्क नहीं लगना चाहिए

  5. Today during this period now I am minister main aap kuchh kahana chahta hun…. Jab private finance aur government final mein different kya hota hai yah aapke hath mein hai.. private finance aur government finance ke bare Jaise cheating Ho Rahi hai thoda Dhyan se dijiye nahin to waqt kiske sath gujara Karega vah waqt hi bataya…

  6. इतना तो अंग्रेज भी टैक्स नहीं लेते थे लगान के रूप में

    • मैनें तीस दिन काम किया_
    • तनख्वाह ली – टैक्स दिया
    • मोबाइल खरीदा – टैक्स दिया–'
    • रिचार्ज किया – टैक्स दिया
    • डेटा लिया – टैक्स दिया
    • बिजली ली – टैक्स दिया
    • घर लिया – टैक्स दिया
    • TV फ्रीज़ आदि लिये – टैक्स दिया
    • कार ली – टैक्स दिया
    • पेट्रोल लिया – टैक्स दिया
    • सर्विस करवाई – टैक्स दिया
    • रोड पर चला – टैक्स दिया
    • टोल पर फिर – टैक्स दिया
    • लाइसेंस बनाया – टैक्स दिया
    • गलती की तो – टैक्स दिया
    • रेस्तरां मे खाया – टैक्स दिया
    • पार्किंग का – टैक्स दिया
    • पानी लिया – टैक्स दिया
    • राशन खरीदा – टैक्स दिया
    • कपड़े खरीदे – टैक्स दिया
    • जूते खरीदे – टैक्स दिया
    • कितबें ली – टैक्स दिया
    • टॉयलेट गया – टैक्स दिया
    • दवाई ली तो – टैक्स दिया
    • गैस ली – टैक्स दिया
    • सैकड़ों और चीजें ली ओर – टैक्स दिया, कहीं फ़ीस दी, कहीं बिल, कहीं ब्याज दिया, कहीं जुर्माने के नाम पर तो कहीं रिश्वत के नाम पर पैसा देने पड़े, ये सब ड्रामे के बाद गलती से सेविंग मे बचा तो फिर टैक्स दिया—-
    • सारी उम्र काम करने के बाद
    कोई सोशल सेक्युरिटी नहीं,
    कोई पेंशन नही,
    कोई मेडिकल सुविधा नहीं,
    बच्चों के लिये अच्छे स्कूल नहीं,
    पब्लिक ट्रांस्पोर्ट नहीं,
    सड़कें खराब,
    स्ट्रीट लाईट खराब,
    हवा खराब,
    पानी खराब,
    फल सब्जी जहरीली,
    हॉस्पिटल महंगे,
    हर साल महंगाई की मार,
    आकस्मिक खर्चे व् आपदाएं ,
    उसके बाद हर जगह लाइनें।।।।

    • सारा पैसा गया कहाँ????
    • करप्शन में ,
    • इलेक्शन में ,
    • अमीरों की सब्सिड़ी में ,
    • माल्या जैसो के भागने में
    • अमीरों के फर्जी दिवालिया होने में ,
    • स्विस बैंकों में ,
    • नेताओं के बंगले और कारों मे,
    • और हमें झण्डू बाम बनाने मे।
    • अब किस को बोलूं कौन चोर है???
    • आखिर कब तक हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी जीते रहेंगे ?

    कृपया इसे हरेक नागरिक को भेजें.
    साला इतना लगान तो अंग्रेज भी नहीं लेते थे l 😖😊 😩 😩

  7. इतना तो अंग्रेज भी टैक्स नहीं लेते थे लगान के रूप में

    • मैनें तीस दिन काम किया_
    • तनख्वाह ली – टैक्स दिया
    • मोबाइल खरीदा – टैक्स दिया–'
    • रिचार्ज किया – टैक्स दिया
    • डेटा लिया – टैक्स दिया
    • बिजली ली – टैक्स दिया
    • घर लिया – टैक्स दिया
    • TV फ्रीज़ आदि लिये – टैक्स दिया
    • कार ली – टैक्स दिया
    • पेट्रोल लिया – टैक्स दिया
    • सर्विस करवाई – टैक्स दिया
    • रोड पर चला – टैक्स दिया
    • टोल पर फिर – टैक्स दिया
    • लाइसेंस बनाया – टैक्स दिया
    • गलती की तो – टैक्स दिया
    • रेस्तरां मे खाया – टैक्स दिया
    • पार्किंग का – टैक्स दिया
    • पानी लिया – टैक्स दिया
    • राशन खरीदा – टैक्स दिया
    • कपड़े खरीदे – टैक्स दिया
    • जूते खरीदे – टैक्स दिया
    • कितबें ली – टैक्स दिया
    • टॉयलेट गया – टैक्स दिया
    • दवाई ली तो – टैक्स दिया
    • गैस ली – टैक्स दिया
    • सैकड़ों और चीजें ली ओर – टैक्स दिया, कहीं फ़ीस दी, कहीं बिल, कहीं ब्याज दिया, कहीं जुर्माने के नाम पर तो कहीं रिश्वत के नाम पर पैसा देने पड़े, ये सब ड्रामे के बाद गलती से सेविंग मे बचा तो फिर टैक्स दिया—-
    • सारी उम्र काम करने के बाद
    कोई सोशल सेक्युरिटी नहीं,
    कोई पेंशन नही,
    कोई मेडिकल सुविधा नहीं,
    बच्चों के लिये अच्छे स्कूल नहीं,
    पब्लिक ट्रांस्पोर्ट नहीं,
    सड़कें खराब,
    स्ट्रीट लाईट खराब,
    हवा खराब,
    पानी खराब,
    फल सब्जी जहरीली,
    हॉस्पिटल महंगे,
    हर साल महंगाई की मार,
    आकस्मिक खर्चे व् आपदाएं ,
    उसके बाद हर जगह लाइनें।।।।

    • सारा पैसा गया कहाँ????
    • करप्शन में ,
    • इलेक्शन में ,
    • अमीरों की सब्सिड़ी में ,
    • माल्या जैसो के भागने में
    • अमीरों के फर्जी दिवालिया होने में ,
    • स्विस बैंकों में ,
    • नेताओं के बंगले और कारों मे,
    • और हमें झण्डू बाम बनाने मे।
    • अब किस को बोलूं कौन चोर है???
    • आखिर कब तक हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी जीते रहेंगे ?

    कृपया इसे हरेक नागरिक को भेजें.
    साला इतना लगान तो अंग्रेज भी नहीं लेते थे l 😖😊 😩 😩

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