हाय दोस्तों कैसे हैं आप सभी मैं डॉक्टर आवस फिर से अपने गया है जिनको एक घंटा लग रहा था अब 10 मिनट्स के अंदर यह बुक्स
आपके इस पर डिलीवर्ड हो जाएगी ऑटोमेशन में पूरा प्रोसेस हमने कर दिया है जैसे ही आप यह बुक बाय करेंगे आपको लिंक मिल
जाएगा और ईबुक सारी की सारी आप डाउनलोड कर सकेंगे तो विद इन 5 टू 10 मिनट्स में अगर अभी भी जिसको कोर्स में कहीं भी दिक्कत
आ रही हो तो वो बुक बाय कर सकता है पूरा का पूरा कोर्स अवेलेबल है नेक्स्ट आ जाते हैं तीसरा मोस्ट इंपोर्टेंट क्वेश्चन
कॉस्ट ऑफ डिबेंचर अब ये क्या पूछ रहा है कॉस्ट ऑफ डिबेंचर ऑब्लिक इक्विटी लिखिए देखो दोनों क्वेश्चन का आंसर एक ही है
इसलिए यहां पर पब्लिक डिबेंचर या इक्विटी लिखा है बेसिक क्वेश्चन क्या है क्वेश्चन के अंदर एग्जामिनर आपसे यह पूछ रहा
है कि बताइए कि जो डिबेंचर हम इशू करते हैं तो सर पहले तो डिबेंचर क्या होते हैं डिबेंचर एक तरीके का लेटर होता है एक
प्रमिसरी नोट होता है जो कंपनी इशू करती है अपने कह सकते हो कि शेयर होल्डर्स को स्टार्ट में ऑफर दिया जाता है लेकिन
स्टार्ट में पब्लिक डोमेन में दे दिया गया अगर जिसी ने शेयर पे होल्डर नहीं है तो उनको पब्लिक डोमेन में दे दिया गया
जिसमें वो एक तरीके का लोन लेती है कंपनी जैसे कि कोई भी डिबेंचर का आप नाम देखो देखोगे तो हर डिबेंचर का नाम होता है
डिबेंचर का नाम का मतलब सर तो आपको लिखा हुआ होगा 8 डिबेंचर यह हमेशा आपको कुछ ना कुछ परसेंटेज देखने को मिलेगा तो ये
परसेंटेज 8 पर हो सकता है 10 हो सकता है 12 हो सकता है 15 हो सकता है कुछ भी परसेंट इसका मतलब यह है कि इस नाम का मतलब यह है कि
कंपनी इतने सर्टेन अमाउंट का इंटरेस्ट जो है वो पेमेंट करेगी ही करेगी इसको बोला जाता है डिबेंचर का इंटरेस्ट ठीक है
मतलब जो 10 पर दे रखा है ये पर एनम ही होता है यूजुअली और दिया जाता है तो मतलब कंपनी लोन लेने के लिए नहीं गई कंपनी को फंड
की आवश्यकता होती है तब डिबेंचर इशू किए जाते हैं इक्विटी इशू किए जाते हैं या कंपनी लोन लेने के लिए जाती है लोन में भी
दो तरीके होते हैं कैपिटल स्ट्रक्चर के अंदर ये सारी बातें अपन सीखते हैं आगे और डिटेल में इस पे बात करेंगे लेकिन लोन
में भी दो तरीके हैं सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड तो कंपनी जब डिबेंचर इशू कर रही होती है तो उसमें क्वेश्चन आता है कि
कंपनी को ये डिबेंचर इशू करने में कितने परसेंट ब्याज देना होगा वही कॉस्ट ऑफ डिबेंचर कहलाता है अब इक्विटी में तो
ब्याज तरीके की कोई चीज नहीं होती लेकिन जब हम इक्विटी इशू कर रहे होते हैं तब बहुत सारे प्रॉमिस कंपनी अपने शेयर
होल्डर्स के साथ करती है कि हम आपको अच्छा प्रॉफिट अर्न करेंगे जिससे हम डिविडेंड बांटेंगे या आपके शेयर की वैल्यू
बढ़ जाएगी है ना तो ये कॉस्ट ऑफ इक्विटी के अंदर आता है अब बेसिकली यहां पर इक्विटी हो कॉस्ट ऑफ डिबेंचर हो या
प्रेफरेंस शेयर हो तीनों का आंसर सेम रहेगा डिबेंचर एक तरीके का लॉन्ग टर्म डेप्ट इंस्ट्रूमेंट होता है यह यूजुअली
फाइव यर 10 इयर्स में रिडीम होता है रिडीम यानी कि जो प्रिंसिपल अमाउंट है वह आपको फाइव ईयर में बाय बैक बैक करना होता है
पेमेंट करना होता है इसके इंटरवल आपको क्या देना होगा इंटरेस्ट देना होगा जो भी डिबेंचर होल्डर्स होंगे उनको 12थ के फ
कॉमर्स के स्टूडेंट एंट्री करते थे डिबेंचर के अलॉटमेंट की फर्स्ट कॉल सेकंड कॉल फाइनल कॉल वही डिबेंचर है अब इसके की
पॉइंट्स यही होते हैं कि डिबेंचर हमेशा सॉरी डिबेंचर हमेशा इंटरेस्ट पेमेंट करना होता है डिबेंचर में फिक्स्ड होता
है इसकी मैच्योरिटी डेट होती है यानी कि फव इयर्स 10 इयर्स जब भी ये इशू होंगे एक मैच्योरिटी डेट होगी उतने टाइम बाद इस
को पेमेंट करना ही होगा डिबेंचर यूजुअली अनसिक्योर्ड होते हैं मतलब डिबेंचर कभी भी कंपनी इशू करती है तो किसी भी जो
डिबेंचर होल्डर है उसको कोई मॉर्गेज पे नहीं रखती लेकिन कुछ डिबेंचर मॉर्गेज प भी रखे जाते हैं जिनको सिक्योर डिबेंचर
बोला जाता है वैरायटी ऑफ इश्यूर्स होते हैं ठीक है ट्रेड की एबिलिटी होती है ट्रेड की एबिलिटी यानी कि बाय और सेल कर
सकते हैं ऐसा माना जाता है कि डिबेंचर में यह नहीं होता डिबेंचर आप नॉन ट्रांसफरेबल थिंग होती है लेकिन सम टाइम्स आप
इसको म पर रख के लोन कैरी कर सकते हो ठीक है तो इसलिए ट्रेड का पॉइंट आप लिख सकते हो अब टाइप्स ऑफ डिबेंचर क्या होता है जो
नेचर होता है डिबेंचर का वही उसके टाइप्स होते हैं लाइक कन्वर्टेबल्स कन्वर्टेबल्स का इस काइंड है कि आपने शुरुआत में
5 साल के लिए डिबेंचर का एज इंटरेस्ट दिया और बाद में शेयर में ट्रांसफर हो जाएंगे यानी वो इक्विटी शेयर्स में चेंज हो
जाएंगे वो कन्वर्टेबल्स में बहुत इजी इजी पॉइंट है मैं बहुत इजीली आपको सारी के सारे थ्योरी पॉइंट भी समझा रहा हूं
न्यूमेरिकल्स के भी ऑलरेडी वीडियोस अवेलेबल है प्ले लिस्ट भी बन गई है ऑलरेडी मैंने वो अपलोड कर दी है तो आप एक बार
न्यूमेरिकल की भी प्लेलिस्ट देख लीजिएगा नेक्स्ट है नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर नॉन कन्वर्टेबल्स नहीं हो सकते एक जो
इक्विटी में चेंज हो जाएंगे फ इयर्स ू इयर्स 10 इयर्स के बाद में और जो नहीं हो सकते वो नॉन इक्विटेबल सिक्योर डिबेंचर
यूजुअली इंडिया में यह देखने को नहीं मिलता है कि सिक्योर डिबेंचर यानी कि कंपनी एक तरीके का मॉर्गेज रख रही होती है एक
तरीके का कुछ अमाउंट रख रही होती है स्पेसिफिक रख रही होती है या किसी की अंडरटेकिंग दे रही होती है कि हम आपका
इंटरेस्ट पेमेंट नहीं कर पाए तो यह कंपनी थर्ड पार्टी आपको देगी पेमेंट इंटरेस्ट पेमेंट कर देगी नेक्स्ट होता है
फ्लोटिंग रेट डिबेंचर यह भी इंडिया में कम देखने को मिलता है फ्लोटिंग रेट का मतलब है जैसे मैंने आपको बोला था 8 पर
डिबेंचर 10 पर डिबेंचर फ्लोटिंग रेट में क्या होता है कि आप डिबेंचर में कभी इंटरेस्ट ज्यादा देते हैं कभी इंटरेस्ट कम
देते हैं बट एक बेंचमार्क फिक्स कर देते हैं तो ये फ्लोटिंग रेट होता है नेक्स्ट होता है जीरो कूपन डिबेंचर जीरो कूपन
क्या होता है कि इसमें डिबेंचर में कोई इंटरेस्ट नहीं दिया जाता केवल फेस वैल्यू दे दी जाती है और डिबेंचर जो होते वो
तो सर कमाओगे कैसे यदि 100 का डिबेंचर मैंने 100 का लोन दिया किसी को और वह ₹ हीर मेरे को वापस दे रहा है तो मैं कमाऊं कहां से
तो क्या होता है कि यहां पे डिस्काउंटेड रेट में डिबेंचर इशू किए जाते हैं यानी ₹1 का डिबेंचर है तो वो 70 800 में दिया जाएगा
यानी कि आपको जब रिडीम किया जाएगा तब ₹1 दिया जाएगा यानी कि हर महीने हर साल जो इंटरेस्ट मिलता है वो नहीं मिलेगा आपको
एनुअली जब फाइव इयर्स मैच्योरिटी पीरियड होगा तब एक साथ उसका डिस्क फेस वैल्यू के अकाउंटिंग मिल जाएगा जीरो कूपन पे
आते हैं अब बेसिक एडवांटेज क्या होता है डिबेंचर का एक तो पब्लिक इंस्ट्रूमेंट है तो मॉर्गेज नहीं रखना होगा तो
कैपिटल एक्सेस मिल जाती है हमको फिक्स्ड इंटरेस्ट पेमेंट होता है पता रहता है कि हमको कितने पैसे की व्यवस्था करनी है
डायवर्सिफिकेशन कर सकते हैं हमको केवल इक्विटी प्रेफरेंस या लोन पे ही नहीं रहना तो हम हमारे फंड्स को कैपिटल
स्ट्रक्चर को डायवर्सिफाई करते हैं लिक्विडिटी इससे हमारी हाई हो जाती है क्योंकि हमको अमाउंट अच्छा मिल जाता है
फ्लेक्सिबल टर्म्स रहती है यह कंपनी और से भी अपने अकॉर्डिंग डिसाइड कर लेती है वैसे कंपनी अपने अकॉर्डिंग डिसाइड कर
लेती कि हम इतना अमाउंट में देना चाहते हैं और सेबी कहती है कि आइए इशू करिए डिबेंचर है ना नेक्स्ट इसके डिसएडवांटेज
वही एडवांटेज से जुड़ा है कि एक अमाउंट देना होगा इंटरेस्ट ऑफ पेमेंट तो लग ही रहा है रेट ऑफ रिस्क इंटरेस्ट रेट रिस्क
रहती है अब मान लो कि बैंक में रिस्क क्या हुआ कि इंटरेस्ट रेट लो हो गया जब बैंक में इंटरेस्ट रेट लो हो गया और मैंने
डिबेंचर हाई में इशू कर दिया तो मेरा कैपिटल स्ट्रक्चर ख बड़ा गया है ना लॉस ऑफ कंट्रोल अब जो अमाउंट हमने दे दिया है जो
इंटरेस्ट हमने दे दिया वो तो देना ही पड़ेगा इशू हो गया है मतलब पेमेंट करना ही पड़ेगा कोई कंट्रोल नहीं हमारा मार्केट
के फ्लक्शनल के फ्लक्ट एशन कंडीशन के कारण हर साल इंटरेस्ट दे पाओ यह जरूरी नहीं है तो कुल मिला के डिबेंचर एक अच्छा
मीडियम रहता है कैपिटल रेज करने के लिए अमाउंट रेज करने के लिए लेकिन देयर इज अ सम प्रोटोकॉल देयर इज अ सम रिस्ट्रिक्शन
इन इंडियन मार्केट ठीक है इंडियन फाइनेंस मार्केट है ना तो यही आपको डिबेंचर की थ्योरी याद रखनी है अगर इक्विटी की भी
आती है तो सेम काइंड ऑफ थ्योरी है बस इक्विटी में जो इंटरेस्ट रेट रहती है वो फिक्स्ड नहीं रहती है है ना इंटरेस्ट नहीं
फिक्स रहता है प्रॉफिट में डिविडेंड फिक्स नहीं रहता है लेकिन देयर इज अ सम काइंड ऑफ कॉस्ट तो यही पॉइंट्स लिख सकते हो
लेकिन अगर प्रेफरेंस शेयर और डिबेंचर आ जाए तो याद रखना दोनों के ऑलमोस्ट 95 पर पॉइंट सेम है क्योंकि उसके अंदर भी फिक्स
परसेंट में दिया जाता है वो भी कन्वर्टेबल्स नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर ही होते हैं उनको ट्रेड भी नहीं किया जाता है और
भी बहुत सारी चीज जिसमें सेबी ने रूल्स रेगुलेशन बना रखे हैं आई होप क्लियर हो गया होगा कहीं कोई डाउट होगा नहीं अगर
फिर भी कोई डाउट है तो फील फ्री टू कमेंट आई एम हैप्पी टू हेल्प यू जय हिंद खुश रहिए मुस्कुराते रहिए
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Debenture Syllabus me hai ?
Sir iski pdf bhej do
Sir please in question ki pdf send kr dijiye please
Sir, 7 questions hi aye hai antim prahar me, baki k questions kab tak upload karenge?
Kya wo sirf apke paid subscribers k liye hoga?
Galgotia vale like kro
Sir 10 marks question bta do unit 5 ma sa
Sir thoda side ho jaya karo taki hum log screenshot le le
sir pdf provide krwa do pls
Sir, Thank you so much for providing questions.