November 19, 2024
Gift (Gujrat International Finance Tec) City | Why Gujarat Gift City is a Game Changer for India?
 #Finance

Gift (Gujrat International Finance Tec) City | Why Gujarat Gift City is a Game Changer for India? #Finance


हेलो एवरीवन वेलकम वंस अगेन टू t प एडमी आज हम बात करेंगे गिफ सिटी इंडिया की फर्स्ट स्मार्ट सिटी जो बन रही है

गुजरात में जी हां गिफ सिटी का फुल फॉर्म अगर आप जानना चाहते हैं तो गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी यह बन रही है

नियर अहमदाबाद जिसका पूरा एरिया 15.5 स् किमी है इसके कुछ एरिया ऑलरेडी एक स्पेशल इकोनॉमिक जेंट इंटरनेशनल फाइनेंस

सर्विस सेंटर आईएफएससी के अंदर फंक्शनल हो चुके हैं हां पे कई टावर्स और बिल्डिंग्स बन चुकी हैं आप वीडियोस में देख

सकते हैं यह इंडिया की फर्स्ट ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी होगी यहां पे फर्स्ट टोटली वाटर कूलिंग सिस्टम होगा ऑटोमेटेड

वेस्ट कलेक्शन सिस्टम होगा यहां पे ऑलरेडी 23 इंटरनेशनल बैंक 35 फिनटेक कंपनी और दो स्टॉक एक्सचेंज के [संगीत] ऑफिसेसूट

हो चुके हैं पर सवाल है कि व्हाई द गिफ्ट सिटी इज नीडेड गिफ्ट सिटी की जरूरत क्यों है अहमदाबाद और गांधीनगर के बीचोबीच

में बीच के एरिया में लोकेट किया गया है गिफ्ट सिटी अहमदाबाद ऑलरेडी फाइनेंशियल सेंटर है गुजरात का और वहां पे ऑलरेडी

का डेवलपमेंट है तो इस गिफ्ट सिडी की नीड क्यों पड़ी तो ध्यान से देखा जाए तो अहमदाबाद और गांधीनगर पे तो गांधीनगर

एडमिनिस्ट्रेटिव सेंटर और अहमदाबाद प काफी लोड पड़ चुका है तो गिफ सिटी को बना के अंदर एक एरिया बना है आईआईएससी जो 10.5

स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ एक फाइनेंशियल सेंटर है जो गुजरात गवर्नमेंट और आई एलएफएस कंपनी ने मिलके बनाया है

इसमें क्या होगा यहां पे आने वाली जितनी भी बाहरी कंपनी होंगी उनको टैक्स बेनिफिट मिलेंगे कई सारे इंसेंटिव्स

मिलेंगे और टैक्स हॉलिडे मिलेगा टैक्स हॉलिडे क्या होता है जब शुरुआत में कोई कंपनी आती है इन्वेस्टमेंट करती है तो

उसको स्टार्टिंग के पा से 10 सालों तक सरकार उससे कोई टैक्स नहीं लेती जैसे आईएफएससी को यहां पे 10 ईयर का टैक्स हॉलिडे

मिला है इसके अलावा उनको ना जीएसटी देनी है प्लस स्टेट गवर्नमेंट से सब्सिडी मिलती है कई सारी चीजों पे छूट मिलती है

उनको ना एजुकेशन सस देना है ना हेल्थ सेस देना है और जीएसटी से रिलेटेड ऐसे कई सारे टैक्स की छूट मिलती है ताकि कंपनी

यहां पे ग्रो करें और 10 साल के बाद जब वो टैक्स पे करना शुरू करेंगे तो उससे लोकल इकोनॉमी पे काफी असर पड़ेगा लोगों को

जॉब अपॉर्चुनिटी मिलेगी एक टेक्निकल बूम आएगा इसी के साथ-साथ उनको लैंड एक्विजिशन काफी सस्ते में प्रोवाइड कराया

जाता है गुजरात की लैंड बैंकिंग सिस्टम के थ्रू और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को काफी इजी किया जाता है ताकि कम पेपर वर्क

में आसानी से उनको लैंड मिल सके यहां पे बेसिकली आपको बैंक शिपमेंट कंपनी इंश्योरेंस कंपनी एविएशन कंपनीज और फिनटेक

कंपनीज के ऑफिसेज देखने को मिलेंगे साथ-साथ यहां पे इंडियन बैंक और इंटरनेशनल बैंक बिल के आईबडी इंटरनेशनल बैंकिंग

सिस्टम बना सकते हैं जिससे कि क्या होगा कई सारे बाहरी बैंक अपने यहां पे कम पेपर वर्क में ब्रांच खोल पाएंगे और जब भी

हमारे इन्वेस्टर्स को बाहरी बैंक से लोन लेना पड़ता है या पैसा लेना हो या इन्वेस्टमेंट लेना हो या बाहरी इन्वेस्टर

से पैसा लेना तो यह बैंक उस काम को इजी करेंगे तो लोन लेने का प्रोसेस आसान होगा पेपर वर्क कम हो जाएगा और आसानी से हम

फॉरेन इन्वेस्टमेंट भी हमारे यहां के जो नए व्यापारी हैं वो उठा सकते हैं एविएशन इंडस्ट्री की बात करें तो इंडिया

थर्ड रैंक पे आता है इसका मतलब कि बहुत सारे एरोप्लेन को हमें लीज प लेना पड़ता है उन एरोप्लेन को लीज लेने के लिए जो

कंपनी होंगी उन सारे कंपनियों के ऑफिस यहां पर होंगे जिससे कि यह काम आसान होगा क्योंकि बढ़ते समय में एविएशन

इंडस्ट्री और बढ़ने वाली है इसी के साथ शिपिंग की बात करें तो इंडिया अपने वॉल्यूम का 75 95 और वैल्यू का 75 पर ट्रेड वाटर के

थ्रू करता है तो इन शिपिंग कंपनियों से शिप को लीज लेने के लिए भी बहुत सारा पेपर वर्क करना पड़ता है तो व सारी कंपनियां

इस गिफ सिटी में ऑलरेडी अपने ऑफिस खोलेंगे इससे कि क्या होगा बहुत सारे आसानी से काम हो जाएंगे और कई सारी वर्ल्ड की

बड़ी से बड़ी फिनटेक कंपनी और फॉरेन टीज को भी यहां पर अपने ब्रांच खोलने का ऑफर दिया गया है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा

बच्चे एनरोल होंगे और यह एक पूरा मल्टी नेशनल सेंटर बन जाएगा जहां पर एजुकेशन जॉब लिविंग स्टैंडर्ड सारी चीजें आपको

देखने को मिलेंगी बात करते हैं अब इस एरिया को जब डेवलप किया जा रहा है अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच में इसको कनेक्ट

करने के लिए बहुत ही अच्छे से नए स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को डेवलप किया जा बहुत सारे रोड पासेस अंडर पासेस और इसी

के साथ-साथ अगर आप ध्यान से देखें इंडिया के सबसे बिज एस्ट हाईवे दिल्ली मुंबई एन 48 के पास से होके जाएगा इसके पास से तो

बहुत अच्छी कनेक्टिविटी देगी अहमदाबाद एयरपोर्ट यहां से केवल 20 मिनट की दूरी पे है और जो नई बुलेट ट्रेन लाइन बन रही है

उसके साबरमती टर्मिनल से ये केवल 15 मिनट की दूरी पे है इसके अलावा अहमदाबाद की रेड लाइन को से एक स्पेशल लाइन निकाल के

गिफ्ट सिटी से जोड़ दिया गया है और सावर मती रिवर्स भी वहां से होके जाती है इसका मतलब वाटर ट्रांसपोर्ट जो अहमदाबाद और

गांधीनगर को जो फेरी वाले अटैच करते हैं वो गिफ्ट सिटी को भी अटैच कर पाएंगे तो इतनी स्ट्रेटेजिक लोकेशन पे बसाया गया

है कि मल्टीपल ट्रांसपोर्ट सिस्टम दिया गया है कि लोग आसानी से यहां पे पहुंच सके और फिर जॉब करके अपने घर जा सके और इस

सिटी पे बहुत ज्यादा रहने का लोड ना पड़े ताकि लोग अहमदाबाद और गांधीनगर से आसानी से कनेक्ट कर सके इसके अलावा अगर मैं

बात करूं तो यहां पे ऑलरेडी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की एक बिल्डिंग बन रही है जो मल्टी पर्पस बिल्डिंग होगी जिसमें

फाइनेंस से लेके हर तरह की कंपनी के ऑफिस खुलेंगे अंडर कंस्ट्रक्शन है इसके अलावा यहां पे एक यूटिलिटी टनल पूरा बनाया

जाए यूटिलिटी टनल का मतलब आप देखते हैं ना कि इंडिया के कई शहरों में अक्सर खुदाई करनी पड़ती है देखते हैं कि बिजली

वाले तार डाल रहे हैं नाली वाले डाल रहे हैं सर खोदते जा रहे हैं खोदते जा रहे हैं खोदते जा रहे हैं वो सारी चीजों से

काफी आराम मिलेगा सब कुछ अंडरग्राउंड होगा जिसमें अलग-अलग सेक्शन होंगे वाटर सीवेज का अलग होगा गैस पाइपलाइन का अलग

होगा वाटर सप्लाई का अलग होगा इलेक्ट्रिक लाइंस का अलग होगा और उसको बहुत अच्छे सिस्टम से डेवलप किया जाएगा ताकि

वर्कर्स को भी काम करने में आसानी हो और काफी सेफ्टी में मेजरमेंट्स का ध्यान दिया जाएगा तो इजी होगा यह वर्कर्स के लिए

इसके अलावा यहां पर फर्स्ट ऑटोमेटेड सिस्टम बनाया गया है किसके लिए फर्स्ट ऑटोमेटेड वेस्ट कलेक्शन सिस्टम बनाया गया

है जिससे क्या होगा कि पूरी सिटी का वेट ऑटोमेटिक कनेक्ट होके आ जाएगा होल्स के थ्रू एक जगह प और वहां से उस वेस्ट को

ट्रीट किया जाएगा जिससे कि सिटी काफी साफ-सुथरी रहेगी इसके अलावा स्मार्ट वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया है इस

जिसमें वाटर कूल पूरे सिटी के लिए ठंडे पानी को प्रोवाइड किया जाए और वेस्ट वाटर को कैसे ट्रीट किया जाए कैसे उसको

यूटिलाइज किया जाए तो वाटर का एक बहुत ही प्रॉपर मैनेजमेंट इवन फ्लड से रिलेटेड भी इश्यूज आए हैं हैवी बारिश में कैसे

सिटी में पानी का कलेक्शन ना हो इन सारी चीजों पे बहुत डिटेल में वर्क किया गया है इसके अलावा न्यू पावर सिस्टम लगाया

गया है न्यू ग्रिड्स लगाए गया हैं 24 आवर बिजली की सप्लाई रहे क्योंकि जहां इतनी कंपनियां है वहां बिजली की कटौती नहीं

देख सकते पावर शट डाउन ना हो इसके लिए नया सिस्टम लगाया गया पिछले सिस्टम से 30 पर ज्यादा इफेक्टिव होंगे और सस्ते

पड़ेंगे तो वाटर कूलिंग सिस्टम भी पूरा सेट कर दिया गया है अब बात करते हैं कि यह गिफ्ट सिटी की नीव कब रखी गई तो 2007 में उस

समय इसकी बात की गई कि हमें गिफ्ट सिटी बनानी है और 2009 में दो साल बाद गिफ सिटी का फाउंडेशन रखा गया जिसमें फाइनेंस

मिनिस्टर उस समय के प्रणव दा और गुजरात के चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जी थे और दोनों के सहयोग से यह काम स्टार्ट हुआ 2 19

तक आते आते आप देखेंगे कि यहां पर बैंक ऑफ अमेरिका ने अपना ऑफिस खोल दिया 2020 में फ्रांस की वन ऑफ द मोस्ट फेमस कंपनी एकर

ने भी अपना यहां पे होटल खोला और बाद में जेपी मॉर्गन से ले के बाद कई सारी बड़ी-बड़ी कंपनियों ने यहां पर ऑफिस खोला और

काफी ज्यादा इंटरेस्ट दिखाया तो ये एरिया तेजी से डेवलप हो रहा है अब जैसा कि आपने देखा कि गिफ सिटी गांधीनगर और

अहमदाबाद के बीच में बनाया गया है तो सवाल यह है कि ऐसा क्यों क्योंकि एसिस्टिंग सिटी में अगर अहमदाबाद को देखा जाए तो

उसका आर्किटेक्चर ऑलरेडी इतना सेटअप हो हो चुका है कि उसमें अब बहुत ज्यादा एक्सपें नहीं कर सकते और वहां पे नई लैंड

खरीदने के लिए कंपनियों के लिए जगह नहीं बची है अहमदाबाद को एक्सपें कर पाना मुश्किल है बहुत ही ओवर पॉपुलेशन नए तरह की

चीजों को झेल नहीं पाएगा वो वहां के लोगों को संभाल ले वही बड़ी बात है और वहीं गांधीनगर को बनाया गया है एक

एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस की तरह तो वहां पे आप बहुत ज्यादा बिजनेस का एरिया डेवलप नहीं कर सकते इसलिए बीच की लोकेशन चुनी

गई जिससे कि क्या होगा अगर आप ध्यान से देखें इस तरह से इनको रेलवे से मेट्रो से एयरपोर्ट से हाईवे से रो से कनेक्ट किया

गया है कि अहमदाबाद गांधीनगर के लोग इजली आएं जॉब करें सुबह को और शाम को अपने घर चले जाएं इससे क्या होगा कि जो गिफ्ट

सिटी बन रही है वहां पे पॉपुलेशन की शिफ्टिंग का लोड नहीं होगा ज्यादा पॉपुलेशन नहीं होगी सिटी ओवर पटे पॉपुलेशन नहीं

होगी ना ओवर पोल्यूटेड होगी आसानी से लोग जॉब करके अपने घर जा सकेंगे इससे लोकल इकोनॉमी बूम होगी लोग अपने घर से आराम

से जॉब करेंगे जाएंगे अपने पैसे कमाएंगे और सिटी भी क्लीन रहेगी तो वो एक केवल वर्किंग एरिया होगा जैसे आप देखें नोएडा

में सेक्टर 15 16 3 च पांच ये केवल वर्किंग एरिया यहां पे रेसिडेंशियल एरिया नहीं है लोग आते हैं बहुत अच्छे से मेट्रो से

कनेक्ट है रोड से कनेक्ट है लोग काम करते हैं और शाम को अपने घर चले जाते हैं तो कुछ एरिया वर्किंग एरियाज होते हैं और

गिस सिटी को उसी तरह से बनाया गया है तो इस प्रोजेक्ट में काफी कुछ जुड़ा है धीरे-धीरे यह प्रोजेक्ट और बड़ा होने वाला

है इंडिया की फर्स्ट स्मार्ट सिटी बन रही है इसके आप विजुअल से आईडिया लग गया होगा आपको कि किस तरह से अभी धीरे-धीरे

बिल्डिंग बन रही है अंडर कंस्ट्रक्शन है और अदर अदर कंपनियां आती जा रही है आगे देखते हैं आने वाले समय में इसमें और

क्या-क्या जुड़ता है बट ये बहुत ही आगे की सोच थी गुजरात गवर्नमेंट की जो गुजरात के लोगों के लिए तोहफा है एज वेल एज

इंडिया के लोगों के लिए भी तोहफा है कि इंडिया के लोग भी कहीं से जाके वहां पे जॉब कर सकते हैं तो आज की वीडियो में

दैट्ची इंफॉर्मेशन हम आपको अपडेट लेके आते रहेंगे थैंक यू एवरीवन जय हिंद जय भारत [संगीत]

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