बिल गेट्स ने कहा था कि अगर कोई इंसान गरीब पैदा होता है तो यह उसकी गलती नहीं है लेकिन अगर वह इंसान गरीब मर जाता है
तो यह उसकी गलती जरूर है क्योंकि जिंदगी बड़ी लंबी है इस लंबी जिंदगी में अमीर बना जा सकता है सिर्फ कुछ तरीके अपनाने
पड़ते हैं कुछ डिफरेंसेस लाने पड़ते हैं जो एक आम इंसान नहीं लाता अगर आम इंसान यह डिफरेंस अपनी लाइफ में ले आए तो वो भी
अमीर बन सकता है वो कभी गरीब नहीं मरेगा वो आने वाली पीढ़ियों को बहुत सुख देके जा सकता है लेकिन उनको ये डिफरेंस पता
होने चाहिए कि किन डिफरेंस के कारण वो गरीब रह रहे हैं बस उन डिफरेंस को दूर कर दो और वो अमीर बन जाएंगे क्योंकि अमीर
होते नहीं है अमीर बनते हैं और अमीर ऐसे ही बनते हैं अगर कुछ तरीकों को अपनाया जाए कुछ चीजें नहीं सीखी जाए कुछ ऐसे
टिप्स यूज किए जाए तो अमीर जरूर बन जाते हैं और ऐसे ही टिप्स आज इस वीडियो में भी आपके सामने लेकर आया हूं क्योंकि यह
वीडियो बड़ा खास होने वाला है लाइफ चेंज करने वाला है बड़ा कुछ सीखने को मिलने वाला है इसलिए जल्दी से अभी तक आप चैनल को
सब्सक्राइब नहीं किया तो कर देना बेल आइकन जरूर ऑन करना वीडियो में खोने वाली लाइक तो बनता है तो जल्दी से लाइक कर दो और
या कुछ ग्रुप के अंदर शेयर करा करो क्योंकि हम चाहते हैं कि ये नॉलेज ज्यादातर लोगों तक पहुंचे और वो लोग कुछ सीख सके
अपनी लाइफ में कुछ बदलाव ला सके फाइनेंशियल फ्री बन सके जल्दी से इस वीडियो को शेयर भी करो सबसे पहली चीज जो डिफरेंस
पैदा करती है वह है कंफर्ट और एफर्ट एक आम इंसान कंफर्ट को बड़ा पसंद करता है उसको बड़ी जल्दी कंफर्ट चाहिए शाम को काम
से आया तो य तो टीवी देखेगा या मोबाइल लेगा किसी की संगत में बैठा हो यहां पर टाइम वेस्ट करेगा लेकिन एक अमीर इंसान वो
एफर्ट लगाता है उसको पता है कि मेरा टाइम वेस्ट करने से अच्छा है मैं इस टाइम को किसी ऐसी जगह पर लगाऊं जो प्रोडक्टिव हो
जो मुझे मेरी ग्रोथ में हेल्प कर सके क्योंकि अगर आप एफर्ट लगा रहे हो तो जिस जगह प आ जा हो ना आप इस जगह प कभी यहां नहीं
रहोगे उससे आगे ही बढ़ो क्योंकि एफर्ट ही रिजल्ट देते हैं एफर्ट ही हमें आगे लेके जाते हैं कंफर्ट तो हमें निकम्मा कर
दे नाकारा कर देगा हम स्टक होके बैठ जाएंगे हमारा माइंड ब्लॉक हो जाएगा एफर्ट ही हमें रिजल्ट देंगे एक आम इंसान में और
गरीब जो अमीर इंसान होता है उसमें ही फर्क होता है आम इंसान तो ढूंढता है कि कोई भी काम कर रहा है आप देखना यहां पर जॉब कर
रहा है उसको आरामदायक जॉब चाहिए उसको कोई भी काम दे दो उसको सबसे पहले उसमें चाहिए कि मैं कैसे कम से कम काम करूं लेकिन
अमीर इंसान क्या करता है वो ऐसे काम में हाथ डालता है जहां उसको ज्यादा से ज्यादा काम करने को मिलता है ज्यादा सीखने को
मिलेगा ज्यादा ग्रोथ की अपॉर्चुनिटी मिलेगी क्योंकि जब एफर्ट लगेंगे तो ग्रोथ की अपॉर्चुनिटी आती रहेगी एक जगह पर
अगर हम बैठे रहेंगे तो कुछ नहीं होगा अब अगर हम घर पे चारपाई पर बैठे हैं बेड प बैठे हैं तो हमें कुछ नया नहीं मिलेगा
लेकिन हम बाहर निकले हैं थोड़ा चले हैं तो हमें कुछ ना कुछ नया जरूर एक्सपीरियंस होगा कुछ ना कुछ हमें ऐसा होगा जो आज तक
हमने नहीं किया हुआ तो इसलिए कंफर्ट में मत जाओ एफर्ट प जाओ दूसरी चीज है प्लानिंग और एग्जीक्यूशन एक आम इंसान के पास
प्लानिंग बड़ी अच्छी होती है मैं यह करूंगा मैं वो करूंगा इसको ऐसे कर लूंगा इसको वैसे कर लूंगा लेकिन जब बात आती है
एग्जीक्यूशन की तो टाइ टाइम फिस लेकिन अमीर इंसान क्या करता है वो एग्जीक्यूशन के ऊपर फोकस करता है पहले प्लान बनाता
है और उसके बाद वो एग्जीक्यूशन की तरफ बढ़ता है क्योंकि डिफरेंस पैदा प्लानिंग नहीं करती डिफरेंस पैदा करता है
एग्जीक्यूशन आप कितना अच्छा प्लान बना लो आपके पास पूरा रोड मैप हो ऐसे गाड़ी चलनी है ऐसे मुड़ है ऐसे गेयर डालना है
लेकिन जब तक आप ग्राउंड में उतर के उसको स्टार्ट ही नहीं करोगे तो गाड़ी कभी भी कहीं नहीं पहुंच सकती एग्जीक्यूशन की
जरूरत होती है प्लानिंग तो हर इंसान कर लेता है हर इंसान के पास एक बहुत अच्छा प्लान होगा एक बहुत अच्छी स्ट्रेटजी होगी
लेकिन उसके एग्जीक्यूशन में मार्क आ जाते हैं लोग आम इंसान तो यही मार खाता है आम इंसान को पूछ के देना हर किसी के पास
कुछ अच्छा आईडिया भी होगा कुछ अच्छी प्लानिंग भी होगी लेकिन एग्जीक्यूशन के टाइम पर सब हवा ले जाते अमीर इंसान के पास
आइडिया बेश नॉर्मल होगा लेकिन वह एग्जीक्यूशन ऐसा कर जाएगा कि रिजल्ट उससे कई गुना ज्यादा ले जाएगा क्योंकि अमीर
इंसान कुछ अलग नहीं करते बस वो उस चीज को अलग तरीके से करते हैं और व अलग चीज अलग तरीके से की हुई उसको अलग ही रिजल्ट देती
है तो यह जो प्लानिंग और एग्जीक्यूशन का डिफरेंस है यह समझो प्लानिंग पर जाओ लेकिन उसके बाद एक्यूट जरूर करो
एग्जीक्यूट करोगे तो रिजल्ट आएंगे थर्ड पॉइंट है डिस्ट्रक्शन और फोकस आम इंसान की लाइफ में डिस्ट्रक्शन बहुत ज्यादा
है अच्छा हर इंसान करने कुछ नया जाता है कोशिश भी करता है लेकिन अचानक कोई एक ऐसा बंदा आएगा जो उसका डी मोराल कर देगा
उसको बोलेगा तेरे से नहीं होगा यह ऐसे हो जाएगा या उसके सामने कोई ऐसी चीज आएगी व बड़ी जल्दी डिस्ट्रक्ट हो जाता है वो
लोगों की बातों में आ जाता है वो अपने दिमाग की सुन लेता है कि भय तेरे से नहीं होगा वही पर बैठ जाता है लेकिन अमीर इंसान
वो डिस्ट्रक्शन में नहीं जाता उसके पास फोकस होता है वो जानता है कि मेरे को कैसे किस चीज को अचीव करना है वो पूरे फोकस
के साथ चलता है वो घोड़े वाला सिस्टम होता है बस उसको अपना गोल नजर आता है वह अपने गोल तक पहुंचता है गोल के लिए एफर्ट
लगाता है लेकिन जो एक आम इंसान होता है वह बड़ी जल्दी बहुत तेजी से डिस्ट्रक्ट होता है कहीं पर भी आप कभी ज्यादातर जो
गरीब लोग है जो हमारे लेबर क्लास से लोग है आप इनकी लाइफ को कभी पढ़ के देखना ये कहीं भी एक जगह टिक के काम नहीं करते आज
यहां दो दिन किया चार दिन वहां किया ऐसे चलता है तो डिस्ट्रक्ट होते हैं इसलिए तो अचीव नहीं कर पाते लेकिन जब फोकस होगा
एक ही जगह प तो रिजल्ट आएंगे वो लेंस देखा आपने जो लेंस होता है जिससे सूरज की जो किरणें होती है उसको हम यूज करते हैं वो
लेंस से जब सूरज की किरणें एक जगह पर गिरती है तो जला देती है लेकिन वही सूरज चमक रहा है चारों तरफ तब उसकी जो किरणें
होती कुछ नहीं जलाती लेकिन सिर्फ उस लेंस से जब गुजर के आएंगी तो जलाना शुरू कर दें क्योंकि वो सारी फोकस हो गई एक जगह
एनर्जी एक जगह लग गई है इसलिए रिजल्ट आते है लेकिन गरीब इंसान की एनर्जी एक जगह नहीं है आम इंसान की एनर्जी एक जगह नहीं
लगती उसकी एनर्जी डिस्ट्रैक्टेड रहती है छोटी सी कोई डिस्ट्रक्शन आ गई वही भटक जाता है अपने गोल से लेकिन अमीर इंसान
हालात कुछ भी बने वो सिर्फ अपने गोल को पकड़ के रखता है उसको ये पता है जितने हालात बने टेंपरेरी है परमानेंट नहीं है आज
नहीं कल चेंज होंगे लेकिन यह गोल उसका परमानेंट है और इसको अचीव करना ही करना है इसलिए वो फोकस रहता है फोर्थ पॉइंट
राइट टाइम वर्सेस नाउ जो आम इंसान है ना जो हम लोग मिडिल क्लास लोग में बैठे हैं या जो गरीब लोग बैठे हैं यह हमेशा राइट
टाइम की वेट करते हैं आज से इतने साल बाद यह करूंगा जब यह कंडीशन ऐसी हो जाएगी तब यह करूंगा लेकिन अमीर इंसान यही पर
डिफरेंस पैदा कर जाता है वो कहता है जो करना है अभी करना है राइट टाइम तो अपने आप बन जाएगा बस शुरुआत करो क्योंकि कई बार
ऐसा होता है हम राइट टाइम के चक्कर में वेट करते रह जाते हो को दूसरा आगे निकल जाता है अमीर इंसान इस चीज से बचता है वो
कहता है शुरुआत कर दो जब राइट टाइम आएगा तो इसको और ग्रोथ मिल जाएगी अब जब पेटीएम शुरू हुआ तो पेटीएम में क्या हुआ पहले
वो कुछ नहीं था विजय शेखर जो है कुछ इंसान नहीं था एक रिक्शे पर बैठ के चलता था ना ही पेटीएम का कहीं पर नाम था फिर अचानक
से एक ऐसी अपॉर्चुनिटी आई नोटबंदी जिसने पेटीएम को बुलंदी पर पहुंचा दिया अब कोरोना टाइम पर भी ऐसा हुआ बाय जूज आई थी
कुछ नहीं था बाय जूस के पास लेकिन जैसे कोरोना आया उस टाइम ये इंडस्ट्री कितनी ज्यादा बूम कर गई लेकिन उन्होंने उसम
पहले इन्वेस्ट कर रखा था पहले शुरुआत कर रखी उन्होंने व राइट टाइम की वेट नहीं की कोरोना आएगा याय नोटबंदी आएगी तभी
शुरू करो बस उन्होने शुरू कर रखा था एक राइट टाइम आया और सब कुछ पलट गया तो राइट टाइम की वेट नहीं करनी बस जो भी टाइम वहां
से स्टार्ट करो जितना भी खराब भी शुरुआत कर दो अच्छी बात है लेकिन शुरुआत करो शुरुआत करोगे तो आपको आगे बेनिफिट होगा
आगे रिजल्ट मिलेंगे लेकिन सिर्फ राइट टाइम की वेट करोगे तो टुमारो नेवर कम्स राइट टाइम कभी नहीं आएगा क्योंकि आज जो
सोच रहे हो कल हो सकता है कुछ और कंडीशन हो जाए मैं कई लोगों को सुनता हूं बोला आज से मैं इतने साल के बाद ये करूंगा मैं तब
ये करूंगा भाई नहीं होता जब आपने क्लोज लगा दिया तब करूंगा तब करूंगा नहीं होता जो करना है अब करो पॉइंट नंबर फाइव टाइम
वेस्ट वर्सेस टाइम मैनेजमेंट एक आम इंसान की लाइफ में टाइम बड़ा वेस्ट होता है आप देख लेना अगर वो चार छ आठ घंटे काम
करके आता है उसके बाद के 16 घंटे कहां गए अगर 10 घंटे भी काम किया तो बाकी टाइम कहां गया मोबाइल देखने में टीवी देखने में
बातें करने में फालतू की एक्टिविटीज के अंदर जिससे रिजल्ट नहीं मिला लेकिन एक अमीर इंसान के एक एक सेकंड की वैल्यू
होती है जो अमीर इंसान बैठे हैं ना उनका एक सेकंड में इतनी इनकम बनती है जितना एक आम इंसान अपने पूरे महीने में नहीं बना
पाता पूरे साल में नहीं बना पाता इतनी उसकी एक मिनट के अंदर इनकम हो जाती क्योंकि उनका एक मिनट भी सही जगह लगा है अब एक
बार मैंने आवत सुनी थी कि बिल गेट्स के कहीं पर कुछ पैसे गिरे तो किसी ने कहा उठा लो बिल गेट्स बोलता है जितनी देर में
इसको उठाऊंगा इतनी देर में तो मैं कितने और कमा लू एक एक बहुत ही बड़े बिजनेसमैन थे अमेरिका के अंदर वो सिगार पीते थे तो
एक दिन सिगार पीते पीते उनके मन में ख्याल आया कि यार जितनी देर मैंने सिगार पी है टाइम नोट किया इसको कैलकुलेट किया
साल के हिसाब से तो उनकी तो आंखें खुल गई बोला भैया जितना मैं सिगार पीने में टाइम वेस्ट कर रहा हूं इतने में तो मैं
करोड़ों कमा लेता उन्होंने उस दिन से सिगार ही छोड़ दी बोले तो वेस्टेज ऑफ टाइम है क्योंकि इतने टाइम में तो मेरे
करोड़ों बन रहे हैं लेकिन आम इंसान इस चीज को तो समझता नहीं आ टाइम गया वापस नहीं आता जिसने टाइम की रिस्पेक्ट कर ली
टाइम उसकी रिस्पेक्ट जरूर करेगा मैं अक्सर कहता हूं कि जिसने टाइम और अपनी जुबान की कदर कर ली लाइफ में उसकी कदर बहुत
पड़ती है टाइम की रिस्पेक्ट करना सीखो एक एक सेकंड को ऐसी जगह पे लगाओ प्रोडक्टिव बनाओ कुछ नया करो कुछ ऐसा करो जिससे
आपकी ग्रोथ बढ़ रही है लेकिन अगर उसको वेस्ट करोगे तो फिर वेस्ट ही हो जाएगी लाइफ हां जी दोस्तों अभी तक वीडियो में बने
हुए हो ना अच्छा लगा है वीडियो तो जल्दी से लाइक कर लो कंजूसी मत किया करो चैनल को भी सब्सक्राइब कर लेना क्योंकि ऐसी
नॉलेज आपको आगे भी मिलेगी और यार इसको शेयर करो ज्यादा से ज्यादा क्योंकि हम चाहते हैं कि नॉलेज ज्यादा लोगों तक
पहुंचे हमारे देश के लोग फाइनेंशियल फ्री बने हमारा देश भी प्रोस्पेरिया हो हमारे देश की एग्जांपल पूरी दुनिया में
मिले हम एक करोड़ लोगों की लाइफ को टच करना चाहते हैं और विदाउट आपकी हेल्प नहीं हो सकता जल्दी से शेयर करो मिलते हैं
फिर अगले वीडियो में नए आइडिया नए कांसेप्ट के साथ टिल देन जय हिंद
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Right sir
Great learning