इंसान लगभग सारे सेम है हर किसी के दो हाथ है दो पैर है दो आंखें हैं दो कान है यह हर इंसान का सेम मिलेगा लेकिन फिर भी
कोई इंसान अमीर है और कोई इंसान गरीब है इसके पीछे कारण क्या है इसके पीछे कारण है सोच का जैसा हम सोचते हैं वैसा हम बनते
हैं अगर कोई इंसान सही सोच रहा है तो इंसान कामयाब बनेगा अमीर बनेगा लेकिन अगर कोई इंसान गलत सोच रहा है उसकी सोच में
कहीं ना कहीं कोई फल्ट है तो वो इंसान नहीं अमीर बन पाएगा वो इंसान वही रह जाएगा एक सोच ऐसी चीज है जो सबसे ज्यादा
डिफरेंस पैदा करती है हर चीज दुनिया की एक थॉट से शुरू होती है आज आपके सामने जो भी लग्जरीज है जो भी इन्वेंशन आपके
सामने आए हैं ये सारे कभी ना कभी एक थॉट से शुरू हुए किसी के माइंड में एक थॉट पैदा हुई और उस थॉट प उसने काम किया एक्शन
लिया और वो थॉट रियलिटी में हमारे सामने आ इसलिए तो थॉट को समझना जरूरी है अपनी सोच को बदलना जरूरी है सही तरीके से
सोचना जरूरी है एक अमीर और गरीब दोनों सोचते हैं लेकिन उ सोच के अंदर एक डिफरेंस है इस डिफरेंस के कारण बहुत बड़ा गैप
क्रिएट हो जाता है अमीर बहुत अमीर बन जाता है और गरीब वहीं का वही रह जाता है सिर्फ इस सोच के कारण अब ऐसी कौन सी सोच है वो
मैं आज आपको डिटेल में बताता हूं लेकिन उससे पहले आपको भी अपनी थोड़ी सी सोच बदली करनी आपको कोई नॉलेज अच्छी लगती है तो
उसी वक्त लाइक करो चैनल को सब्सक्राइब कर दिया करो बेल आइकन ऑन कर दिया करो अभी तक आपने नहीं किया तो इस चैनल पर भी कर
देना चैनल को सब्सक्राइब कर लो बेल आइकन ऑन कर दो वीडियो को लाइक करो और आगे शेयर करो लोगों को ताकि उनको पता चले कि आपकी
सोच कितनी अच्छी है जो आप इतना अच्छा कंटेंट उनके साथ शेयर कर रहे हो तो जल्दी से तीन ग्रुप के अंदर भी शेयर करो और अपनी
सोच को हमारे साथ भी जरूर शेयर करो नीचे कमेंट किया करो कि आपको अच्छा लगा है या बुरा लगा है आपको कहां पर क्या फल्ट लगा
है कहां पर क्या अच्छा लगा वो सारा कमेंट किया करो आपके अंदर कोई ऐसी नॉलेज कोई ऐसी स्किल है तो वो शेयर किया करो ताकि वह
दूसरों के काम आ सके तो जल्दी से चैनल को सब्सक्राइब करो बेल आइकन ऑन करो वीडियो को लाइक करो शेयर करो सब सबसे पहला
डिफरेंस सोच के अंदर एक अमीर और एक गरीब इंसान की अमीर इंसान हमेशा ग्रेटू शो करता है और गरीब इंसान कंप्लेन करता है एक
गरीब इंसान को कितना भी दे दो मैंने लोगों को देखा है कि भाई पूरे दिन में बड़ा अच्छा खासा कमा के भी जब शाम को आप उनसे
पूछोगे भाई कैसा रहा अरे मर गए लुट गए कोई काम ही नहीं था कुछ नहीं था और जेब के अंदर पूरे नोट भरे होते हैं अमीर इंसान की
जेब खाली होगी तब भी वो बोलेगा बहुत बढ़िया चल रहा है भगवान ने इतना कुछ दे भया बहुत शुक्रिया उसका यह जो ग्रेटव्यू
वर्ड है ना ये बड़ा ही खतरनाक है खतरनाक कैसे आपको अगर ग्रेटव्यू करना आ गया तो दुनिया की हर चीज आपके पास आएगी सुख
सुविधा शांति सब मिलेगा लेकिन अगर कंप्लेन की तरफ चले गए तो फिर आपको हर चीज में कमियां नजर आए क्योंकि जो कंप्लेन वाला
माइंड सेट है ना वो हमेशा लैक के ऊपर फोकस करता है अगर उसके पास लाखों रुपया होगा तब भी वो कंप्लेन करेगा लेकिन एक
ग्रेटू वाला बंदा उसको हमेशा हरर चीज में अबेस नजर आएगी उसको आप रप भी दे दोगे ना तब भी वह कहेगा वाह आज तो मेरे पास रप
आगे लेकिन एक कंप्लेन वाले माइंडसेट को अगर 10 लाख भी दोगे क्या यार बस 10 लाख ही है यह आपको अक्सर सुनने को मिलता है अमीर
इंसान ग्रेटू शो करता है इसलिए पैसा उसके पास और आता है और इसके बारे में बड़ी अच्छी कहानी मैंने शेयर की हुई है पीछे
देख लेना आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा उससे जितना ग्रेटू शो करोगे उतनी अब आ आपके पास लेकिन जितनी कंप्लेन करोगे
उतना लैक में रहोगे आप कितना भी कमा लो अगर आपकी कंप्लेन करने की हैबिट है फिर आपको दुनिया की हर सुख सुविधा भी दे दी
जाएगी तब भी आप कंप्लेन करोगे और वह आपसे छीन भी जाएगी क्योंकि जो कंप्लेन करता उससे वापस जाता है जो ग्रेटू शो करता है
उससे और आता है अमीर इंसान के मुह से आप कंप्लेन बहुत कम सुनो कोई रेयर होते हैं जो कभी कंप्लेन करते हैं नहीं तो व हर
चीज के लिए पॉजिटिव ही बोलेंगे और इसलिए उनके पास आता है लेन आम इंसान हमेशा कंप्लेन करता हु मिलेगा सैलरी नहीं है
महंगाई ज्यादा है मेरे पास बचा कुछ नहीं मेरे पास है ही नहीं ये सुनने को मिलता है और मैंने अपनी लाइफ में प्रैक्टिकल
देखे जिन्होंने कंप्लेन की है व कंप्लेन करते ही रह गए वही पर लिमिटेड र लेकिन जिन्होंने ग्रेटू शो किया उनके पास अबेस
में आया दूसरा डिफरेंस कि अमीर इंसान जीतने के लिए खेलता है और गरीब इंसान हार से बचने के लिए खेलता है अब आप बोलोगे
इसमें क्या डिफरेंस है जो हार से बचने के लिए खेल रहा है वो भी तो अल्टीमेटली जीतेगा ही और जो जीतने के लिए खेल रहा है
भाई वो भी तो हार से बचने के लिए ही खेल रहा है नहीं दोस्तों यहीं पर एक डिफरेंस है अगर आप डीप समझो इस चीज को जो इंसान
जीतने के लिए खेल रहा है उस इंसान का फोकस कहां पर है जीतने प तो उसको तरीके कौन से मिलेंगे जीतने के लेकिन जो इंसान हार
से बचने के लिए खेल रहा है उसके अंदर एक डर है और उसका फोकस किस पर है हार से बचने के लिए जीत के तरीके उसको नहीं मिलेंगे
उसको हार से बचने के तरीके मिलेंगे वो वहीं पर लड़ता रह जाएगा हार से बचने के लिए जीतने की तरफ तो ध्यान ही नहीं जाएगा
लेकिन जो जीतने के लिए खेल रहा है उसके पास जीतने के तरीके मिलते जाएंगे हार की तरफ कौन ध्यान दे रहा है वो तो जीतने के
ऊपर फोकस करता है मेरा एक दोस्त जिसका बड़ा अच्छा स्टोर है काम काफी अच्छा चल रहा है उसके सामने बिल्कुल एक सेम चीज का
स्टोर और खुल गया उसने कस्टमर बांट दिए कस्टमर उधर भी हो गए कुछ कस्टमर इसके पास रह गए अब ये मेरा दोस्त मुझे बोलता है कि
भैया उसका काम मुझे फेल करो बो है तो मैं कहा क्यों बोला यार मेरे कस्टमर वो ले गया मैं उसको एक ही बात बोली भैया तू उसका
फेल नहीं करवा पाएगा तू खुद का फेल करवा लेगा बोला जी वो क्यों मैं कहा क्योंकि तुम्हारा जो ध्यान है ना तुम्हारा ध्यान
किस पर गया उस इंसान को हराने के ऊपर गया जबकि तुम्हारा ध्यान किस पर होना चाहिए था कि अपने आप को ऊपर बढ़ाने के ऊपर कि
भाई मैंने अपने आप को ऊपर लेकर जाना तो मेरा ध्यान भी तो वहां रहना चाहिए तभी तो मैं वो स्ट्रेटेजी बनाऊंगा वो तरीके
बनाऊंगा जिससे मैं ऊपर जा सकू अगर मैं उसको हराने के लिए खेल रहा हूं तो मेरे माइंड में नेगेटिव थॉट आ गया और नेगेटिव
थॉट नेगेटिव ही रिजल्ट देगी लेकिन एक पॉजिटिव थॉट जब हमारा ध्यान उस तरफ जाएगा तो पॉजिटिव रिजल्ट देगी हमें वैसे
तरीके ढूंढ के देगी अमीर और गरीब इंसान में य फर्क हो जाता है कि अमीर इंसान जीतने के लिए खेलता है कि मुझे हर हाल में
जीतना है और उसके तरीके ढूंढने है और गरीब इंसान के अंदर डर होता है कि मैं हार ना जाऊ मेरी इंसल्ट ना हो जाए लोग क्या
कहेंगे इसी वजह से वो उन्ही चीजों में उलझा रह जाता है वो ग्रोथ की तरफ तो बढ़ ही नहीं पाता ग्रोथ की तरफ तो तब बढ़ेगा ना
जब वो इन चीजों से बाहर निकलेगा अमीर इंसान ने खुद को उलझाया नहीं इन चीजों में उसने फोकस ही सीधा जीत के ऊपर रखा समझो इस
चीज को अगर लाइफ में खेलना है तो जीतने के लिए खेलना हार से बचने के लिए नहीं तीसरा डिफरेंस अमीर लोग खुद पर काम करते हैं
और आम लोग खुद पर काम करने से बचते हैं अगर आप किसी इंसान को बता दो जो आम मेंटालिटी वाला इंसान है कि भैया यह चीज मत करना
इससे यह नुकसान होगा तो यह कर तो उसके माइंड में सबसे पहले एक नेगेटिव थॉट आए यार ये इंसान मुझे ऐसा क्यों बता रहा है आप
उसकी कमिया बता के बेशक उसको इंप्रूव कराना चाहते हो लेकिन उसका माइंड बोलेगा नहीं यार कुछ गड़बड़ है जो इंसान तेरे को
अच्छा बता रहा है और वही एक अमीर इंसान को अ जाके फीडबैक देना कि यह चीज ऐसी है वो उसको सोचेगा समझेगा कि इसमें कहां
सच्चाई है और मुझे क्या काम करना एक छोटा सा टूथपेस्ट आता था उसकी सेल बड़ी कम थी तो वहां पर डिस्कशन चल रही है कि इसकी
सेल कम क्यों है तो काफी दिमाग लगाया गया कुछ पकड़ में नहीं आ रहा भाई माल बिक भी रहा है फिर भी रिपीट नहीं हो रहा सेल कम
हो रही है क्या चक्कर है वहां पर एक चाय देने वाला इंसान आया उसने एक आईडिया दिया लेकिन जहां वहां पर जो एक आम मेंटालिटी
लिए लोग बैठे थे ना वो बोलेरे चाय वाले का आईडिया कौन सुनता है इसके पास क्या क्या पता इसको हम इतनी डिग्री लिए बैठे हैं
इतने क्वालिफाइड है हम नहीं निकाल पा रहे ह ये क्या निकाले लेकिन उसका मालिक जो था वो ग्रोथ माइंड सेट वाला तो उसने
बोला ठीक है तुम बताओ चाय वाले ने बताया जो ट्यूब है उसका थोड़ा सा मुंह चौड़ा कर क्योंकि मुंह छोटा है वो धीरे-धीरे
निकलती है तो मुंह चौड़ा होगा तो ज्यादा निकलेगी जल्दी खत्म होगी फिर लेंगे उसके आईडिया काम कर गया और आज हर जितनी भी
ट्यूब होती है उनका सबका मुंह छोड़ा होता है एक आईडिया काम कर गया यहीं पर डिफरेंस पैदा हो जाता है अमीर लोग खुद के ऊपर
काम करते हैं लेकिन आम इंसान खुद के ऊपर काम करने से बचता है वो किसी का आईडिया नहीं लेना चाहता आप उसको अच्छा बताओ बुरा
बताओ उसको मतलब नहीं है लेकिन अमीर इंसान उसको कंसीडर जरूर करता है अब आप किसी को मेल भी करोगे वो सोचेगा कि इसके ऊपर
क्या वजह है जो मुझे ये मेल आई खुद के ऊपर काम करोगे तो खुद इंप्रूव होंगे लेकिन दूसरों के ऊपर काम करेंगे तो दूसरे
इंप्रूव कर रहे हो उनको भी नहीं करोगे बल्कि खुद जरूर नीचे फसे रहोगे क्योंकि आप लोगों के ऊपर ही फोकस कर रहे हो आप खुद
के ऊपर काम करो अमीर इंसान खुद की पर्सनालिटी के ऊपर काम करता है अपने माइंड सेट के ऊपर काम करता है कुछ नया सीखने की
कोशिश करता है जो उसको ग्रोथ दे रहा है आम इंसान नहीं करता आम इंसान वही फसा रहता है वो सीखने की तो कोशिश ही नहीं करता
कोशिश करो कि अपने ऊपर काम करो कुछ टाइम खुद के लिए निकालो कुछ नया सीखो अपनी पर्सनालिटी के ऊपर वर्क करो अपने माइंडसेट
के ऊपर काम करो कुछ नॉलेज कुछ बुक्स ऐसी पढ़ो जो आपकी लाइफ बदल सके खुद के ऊपर काम करोगे तो इंप्रूव होगे दूसरों के
ट्रैप में फसे रहोगे तो नीचे ही जाओगे फोर्थ डिफरेंस अमीर लोग खेलते हैं और आम लोग दर्शक बनते हैं लाइफ के अंदर जिस
इंसान ने भी खेलने का डिसीजन लिया है वो इंसान कामयाब ब लेकिन जो इंसान दर्शक बनक रह गया वो करोड़ों में है स्टेडियम के
अंदर जब खेलते हैं तो 11 प्लेयर खेलते हैं लेकिन देखने वाले लोग 11000 21000 6 हज होते हैं क्यों क्योंकि खेलने वाले इंसान ने
हिम्मत करी थी इसलिए वो इतने लोगों की भीड़ से निकल के आज वहां है जहां उसको लोग इतने देखने के लिए आ रहे हैं लेकिन आम
इंसान कभी भी मैदान में नहीं उतर सकता इसलिए वो दर्शक बनकर सिर्फ देखता रहता है व य देखेगा कोई इंसान नया काम कर रहा है
कोई इंसान स्ट्रगल कर रहा है जब मैं इस फील्ड में उतरा तो मेरे को मैंने अपने बिजनेस स्टार्ट किए मैं पॉडकास्ट में आया
तो मुझे कुछ लोग ऐसे मिले जिन्होंने मुझे पता क्या कहा या तू कर जिस दिन तू कर लेगा ना फिर बताना हम भी तेरे साथ आ जाए
यानी वो दर्शक बन के देख रहे थे किय स्ट्रगल कर रहा है अगर फेल होगा तो उनको एक मौका मिल जाता कि भैया फेल हो गया बातें
बनाने का अगर कर जाता तो फिर आके खड़े हो जाते देखा हम तेरे साथ हमें विश्वास दर्शक बन के रह गए दर्शक कभी आगे नहीं बढ़ते
हमेशा आगे वो बढ़ता है जो मैदान में उतरता है जो खेलता है फैसला अगर शुरू ना होती एलन मस्क अगर मैदान में ना उतरा होता तो
कभी टेस्ला इतनी बड़ी कंपनी ना बनती एलन मस्क दुनिया का सबसे अमीर आदमी ना बनता विराट कोहली अगर खेलने के लिए मैदान में
ना उतरता तो कभी भी महान ना बनता रोनाल्डो अगर स्ट्रगल ना करता अगर डिसीजन ना लेता कि मैं खेलूंगा क्या व इतना पैसा कमा
पाता पैसा क्यों कमाया क्यों एग्जांपल बने क्योंकि वह खेले वो खेलने का मतलब यह है कि उन्होंने शुरुआत की उन्होंने
एक्शन लिया और इंसान सिर्फ दूसरों को देखते ही रह जाते हैं कोई आया उसके आगे से निकल गया बस इतने लायक ही रह जाते हैं कि
फलाना ले गया फलाना ले गया बस खुद कभी भी वो कोशिश नहीं करें आगे बढ़ना है तो दर्शक नहीं बनना मैदान में उतरो कुछ करो कुछ
सीखो शुरुआत करोगे तो लोग आपको देखने आएंगे आप उनके आगे हीरो बनक खड़े होंगे फिथ डिफरेंस अमीर लोग खुद को प्रमोट करते
हैं और आम लोग दूसरों को प्रमोट करते हैं जितने आम लोग होते हैं ना वो आपस में डिस्कशन कैसे करते हैं ने यह किया उसने यह
किया वहां पर यह प्रोडक्ट आया यह हुआ वो हुआ इन् चीजों केपर काम होता और अमीर इंसान खुद के ऊपर काम करता है व अपने आप को
एक ब्रांड के रूप में लेक है रतन टाटा अंबानी अडानी अमिताभ बच्चन शाहरुख खान रोनाल्डो ट्रंप बाइड यह सारे के सारे आज
मोदी जी भी है सारे के सारे एक ब्रांड बनके आ रहे हैं क्यों क्योंकि इन्होने काम किया खुद को प्रमोट करने के अब मोदी जी
दुनिया के इतने पावरफुल लीडर कैसे बन क्योंकि उनकी ब्रांड वैल्यू है उनको एक ब्रांड के तौर पर पेश किया गया लेकिन आम
इंसान हमेशा दूसरों की बातें ही करता रह जाता है उसको मोदी जी अच्छे लगते हैं उसको ट्रंप भी अच्छा लगे उसको सारे अच्छे
लग रहे हैं क्योंकि वह सिर्फ फॉलो करना जानता है वो लीड करना नहीं जानता अमीर इंसान लीड करना जानता है वह अपनी
पर्सनालिटी के ऊपर काम करके खुद को डेवलप करके अपनी कमियों से सीख के अपनी जो स्ट्रेंथ है उसके ऊपर काम करके खुद को एक
ब्रांड बना देता है और आम इंसान सिर्फ दूसरों की लाइफ में होहा इसी नॉलेज के रह जाता है मत फसो ऐसे ट्रैप में खुद को
ब्रांड बनाओ आज आप शुरुआत तो करो दिलजीत दोसांज के कंसर्ट में हजारों लोग आ गए बड़ा इशू बना इतने लोग आ गए कैसे आ गए
लेकिन वो दिलजीत दोसांज जिसकी कंसर्ट में इतने हजारों लोग आए थे लाखों लोग आए थे उसको कितनी जर्नी तय करनी पड़ी यहां तक
पहुंचने के लिए य किसी ने नहीं देखा वैल्यू करो खुद की उन्होंने खुद के ऊपर काम किया खुद को ब्रांड वैल्यू बनाया तभी
इतने लोग उनकी झलक पाने के लिए बेताब हो जाते हमेशा वही लोग उनकी झलक पाने के लिए बेताब होंगे जो खुद के ऊपर काम ही नहीं
कर पाए खुद की ब्रांड वैल्यू बना ही नहीं स्गल करनी पड़ेगी लेकिन ब्रांड वैल्यू बनेगी सिक्स डिफरेंस अमीर लोग खुद के
लिए काम करते हैं और आम लोग दूसरों के लिए काम करते हैं आज जितने भी आम लोग नौकरी पेशा हैय एक बात आप याद रख लेना जितने
बड़े बड़े लोग है जो टॉप के ह 500 अमीर लोगों में बैठे सारे के सारे बिजनेसमैन क्यों क्योंकि उन्होंने खुद के लिए काम
किया उनका सपना था उस सपने के लिए उन्होंने काम किया और दूसरे लोग उनके उस सपने को पूरा करवाने के लिए काम करते रहे सपना
किसी ने देखा मुझे तेरी कंपनी में जॉब चाहिए वो उस कंपनी में जॉब के उस इंसान के सपने के लिए दिन रात मेहनत कर ऐसा ही
होता है गेम जो आम इंसान है वो इसी ट्रैप में फसा रहता है वो सिर्फ दूसरों के सपने पूरा कराने के लिए दिन रात मेहनत करता
है लेकिन अमीर इंसान खुद के सपने पूरा कर ने के लिए काम करता है व सपना देखता है एक्शन लेता है लोगों को हायर करता है और
सपने को अचीव करता है और आम इंसान सिर्फ एक छोटी सी सैलरी के चक्कर में रह जाता है और किसी और इंसान के सपने के लिए पूरी
जिंदगी मेहनत करता है चाहे वह गवर्नमेंट जॉब हो चाहे प्राइवेट जॉब जॉब वाला इंसान कहीं ना कहीं इसे दूसरे इंसान के
सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहा है आज जितनी बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री है किसी में एक लाख एंप्लॉई किसी में दो लाख
एंप्लॉई है वो एक लाख दो लाख लोगन लोगों के लिए जो मालिक है उनके सपनों के लिए काम कर रहे हैं अभी लाय में अगर लाखों लोग
काम कर रहे हैं तो वो अब मैं आप अभी तक बने हुए इसका मतलब आपको अच्छा लगा है ना दिल पर हाथ रख के कहो अच्छा लगा है ना तो फिर
अच्छा लगा तो लाइक करने में किस बात की शर कमेंट करो शेयर करो यार क्योंकि हमें भी तो आपकी जरूरत है बिना आपके तो हम भी
नहीं पढ़ सकते जल्दी से शेयर करो मिलते हैं फिर अगले वीडियो में कुछ नया कुछ यूनिक लेके टिल देन जय हिंद
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Excellent knowledgeable video sir.
Very nice