September 19, 2024
Industrial finance, industrial finance Sources and Institutions, Indian economy b.com 5th sem, bcom
 #Finance

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इसके लिए तो सबसे पहला सोच क्या होता है जो भी आपने अपना प्रॉफिट किया है प्रॉफिट जेन किया है अभी तक उसको उसे करिए

या फिर आप जो है किसी एक्सटर्नल सोर्स में जा सकते हैं तो हम बात करेंगे डिफरेंट सोर्सेस ऑफ इंडस्ट्रियल फाइनेंस की तो

जो सोर्सेस ऑफ फाइनेंस है वो टाइम ड्यूरेशन की बेसिस पे डिवाइड है यानी की आपको कितने समय तक के लिए फाइनेंस चाहिए उसके

विषय उसके बेसिस पे हम क्लासिफाई कर सकते हैं कैन बी क्लासिफाइड इन डी फॉलोइंग कैटिगरीज शॉर्ट टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस

यानी की ऐसे सोर्स जहां से आप छोटे समय के लिए कम समय के लिए फैंस ले सकते हैं फाइनेंस रिक्वायर्ड फॉर पीरियड ऑफ 1 ईयर

यानी की एक साल तक के लिए अगर आपको फाइनेंस चाहिए पैसा चाहिए फंड चाहिए तो आप इन सोर्सेस पे जा सकते हैं दूसरा है मीडियम

सोर्स ऑफ फाइनेंस यानी की इन सोर्स ऑफ फाइनेंशियल आप जो है एक से पंच तक साल तक के लिए फंड इकट्ठा कर सकते हैं फिर लॉन्ग

टर्म सोर्स ऑफ फ्रेंड्स जहां पे आपको 5 साल है उससे अधिक समय के लिए पैसा चाहिए फंड चाहिए तो इन सोर्सेस पे जा सकते हैं

मॉडर्न फाइबर तो आप जो सोर्सेस ऑफ फाइनेंस और लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस है शॉर्ट टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस में क्या

होता है जैसे की वर्किंग कैपिटल फाइनेंस चाहिए होता है आपको डेली जो डेली एक्सपेंसेस होते हैं लाइक पेमेंट ऑफ वेजेस

टेररिस्ट वर्कर और एम्पलाइज परचेज ऑफ रॉ मटेरियल टैक्स लायबिलिटी इन सबके लिए आपको क्या होता है शॉर्ट टर्म फाइनेंस

पे फोकस करना होता है वही मिड टर्म फाइनेंस पे जैसे की प्लांट हो गया मशीनरी हो गया डिबेंचर आप दे रहे हैं बौरोइंग कर

रहे हैं कमर्शियल बैंक से एक्सेप्ट पब्लिक देसर डिपॉजिट भी आप वेबसाइट कर सकते हैं तो इन सब चीजों के लिए आपको मिड टर्म

सोर्स में जाना होता है वहीं पे लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस में क्या है की आप जैसे की कैपिटल फिक्सचर्स परचेज करें

फर्नीचर प्लांट मशीनरी बिल्डिंग इन सब के लिए आपको क्या करना पड़ता है लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस की तरफ देखना

पड़ता है तो हम एक-एक करके देख लेते हैं की कौन-कौन से शॉर्ट टर्म सोर्सेस हैं कौन से एम्टेम सोर्स हैं कौन से लॉन्ग टर्म

सोर्स हैं तो सबसे पहले हम देखेंगे शॉर्ट टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस तो इसमें आता है ट्रेड क्रेडिट ट्रेड ट्रेड यानी की

व्यापार में उधर लेना तो ये क्या है अंडरस्टैंडिंग बिटवीन कंपनी यानी की आप जिनसे ट्रेड कर रहे हैं जैसे आप सप्लायर से

रॉ मटेरियल ले रहे हैं तो आप उनसे क्या कर सकते हैं की हम आपसे रॉ मटेरियल अभी ले लेने लेकिन आपको जो पेमेंट है हम वो

आपको इन फ्यूचर करेंगे तो अंडरस्टैंडिंग बिटवीन कंपनी और पेमेंट इस डिफॉल्ट फॉर ए पीरियड यानी की आप फ्यूचर में किसी

टाइम पे आप उसको पेमेंट करेंगे अभी तुरंत कैश पेमेंट आप नहीं करेंगे तो फ्लैक्सिबिलिटी ऑफ नॉट पेइंग स्टैचू यानी की

स्टेट में क्या होता है की आपको तुरंत पे करने जो होते हैं आप इन फ्यूचर किसी भी डेट पे जो भी अंडरस्टैंड होती है आप

अंडरस्टैंडिंग होती है आपकी और सप्लायर के बीच में उसे डेट पे जो है पे करते तो एक तरीके से आपको शॉर्ट टर्म फाइनेंस

यहां से आप जेन कर सकते हैं फिर एक्रवुड एक्सपेंसेस एक्रोड एक्सपेंशन क्या होता है एक्सपेंसेस जो की इनकॉर्ड हो चुके

हैं लेकिन आपने पेमेंट अभी नहीं किया है एक्सपेंसेस इनकॉर्ड बट पेमेंट इस नॉट मेड यहां पर अनूटी ने लिखा है तो नॉट मेड

है वो तो एक्सपेंसेस इनकॉर्ड बट पेमेंट इस नॉट पे यानी की आपने उसे समान ले लिया है सप्लायर से रॉ मटेरियल है लेकिन

आपने पेमेंट नहीं किया इन फ्यूचर कभी पेमेंट करेंगे तो ऐसे एटीट्यूड एक्सपेंसेस भी आप अपने पास रखते हैं जहां पे

शॉर्ट टर्म फाइनेंस के तरीके से कम करते हैं यानी की आपको तुरंत पेमेंट करने की जरूरत नहीं है इसी तरीके से डिफर्ट इनकम

भी होता है यानी की जो आपने इनकम को एडवांस में रिसीव कर ले किसी से आपको कोई प्रोडक्ट डिलीवर करना था लेकिन आपने उससे

पैसा पहले ले लिया और प्रोडक्ट डिलीवरी आप बाद में करेंगे किसी फ्यूचर डेट पर तो उसे टाइप कमर्शियल पेपर तो ये क्या है

एक उन सिक्योरिटी नोट है या मणि मार्केट इंस्ट्रूमेंट है जो की कंपनी द्वारा इशू किया जाता है जिस पर कुछ फेस वैल्यू

होती है जो की मैच्योरिटी डेट पे उसको पेमेंट करना होता है तो ये आप सप्लायर को बिजनेस मां को जिनसे भी आप ट्रेड कर रहे

हैं जिनको भी आप पेमेंट करना है उनको आप ये कमर्शियल पेपर इश्यू कर सकते हैं एक तरीके का प्रोमाइजिंग नोट है जिसमें

प्रॉमिस करते हैं उसको जो भी आप डेट देंगे ये नॉर्मली 15 से 1 ईयर का जो है आप देते हैं टाइम देते हैं तो उसे टाइम ड्यूरेशन

में आपको उसको फेस वैल्यू पे करेंगे तो इसमें कोई ग्रेस पीरियड का प्रोविजन नहीं होता है आपको फिर उसे मैच्योरिटी डेट

पे उतना अमाउंट जो फेज वैल्यू अपने मेंशन किया होगा उसे कमर्शियल पेपर पे उतना आपको अमाउंट पे करना होगा इसी तरीके से

सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट तो ये क्या है इस सूट बाय बैंक तू डिपॉजिट यानी की जो न्यू वेंचर्स जिसने वो क्या करता है की

बैंक में कुछ पैसे अमाउंट डिपॉजिट कर देता है और बैंक से एक सर्टिफिकेट इसको करवा देता है की हां उसके पास के पास कुछ

अमाउंट डिपॉजिट है और वह सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट है वह व्यापार करने के लिए ट्रेड करने के लिए वो उसे कर सकता है सपोस

करके आपने सप्लाई से रॉ मटेरियल आपके पास कैश नहीं है तो आपने वो सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट सप्लायर को दे दिया है जब वो

डिपॉजिट मेच्योर हो जाएगा तो वो जो सप्लायर है उसको कैश कर सकते हैं या फिर इन बिटवीन आप जो है सप्लायर को कैश पेमेंट

करके वो सर्टिफिकेट वापस ले सकते हैं इसी तरीके से लेटर ऑफ क्रेडिट तो ये लेटर ऑफ क्रेडिट क्या है यानी उधर की चिट्ठी

तो फॉर्म ऑफ बैंक गारंटी ये क्या है बैंक आपको यानी की जो अंत में उसको गारंटी देती है की हां इनके पास आप इनको उधर दे

सकते हैं अगर ये उधर नहीं चुका पाएंगे तो हम यानी की बैंक उसको पे करेगी तो फॉर्म में बैंक क्वांटिटी तू ऑब्टेन क्रेडिट

फ्रॉम सप्लायर्स तो सप्लायर से अगर आपको रॉ मटेरियल चाहिए आपके पास पैसे नहीं है तो आप बैंक से लेटर ऑफ क्रेडिट इसको

करवा के आप उसको दे सकते हैं अगर आप उसे टाइम रोशन में पेमेंट नहीं कर पाते हैं तो बैंक फिर आप आपकी जगह पे वो पेमेंट

कारी और फिर बैंक आपको बैंक को पेमेंट करना होता है लेटर ऑफ क्रेडिट जो की बैंक देती है डिपॉजिट को ताकि वो ट्रेड कर सके

इसी तरीके से इंस्टॉलमेंट क्रेडिट नाम से क्लियर है की आप क्या करते हैं इसमें जो पेमेंट होता है उसको आप इंस्टॉलमेंट

में पे करते हैं सप्लायर्स जो भी आपने रॉ मटेरियल लिया है या फिर जो भी आपने परचेसिंग की है उसको आप क्या कहते हैं

इंस्टॉलमेंट में पे करते हैं इसी तरीके से लास्ट जो कॉमन सोर्स है वो है बैंक फाइनेंस यानी की बैंक से फाइनेंस लेना तो

ये कुछ शॉर्ट टर्म सोर्सेस हैं जहां से आप फिना से काटा कर सकते हैं अपने न्यू वेंचर के लिए फिर जो ऑलरेडी आपका वेंचर चल

रहा है अब हम देखेंगे की कुछ मीडियम टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस की यानी की एक से पंच तस पंच साल तक के लिए आपको फिनिश है तो

कहां से काटा कर सकते हैं फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन जैसे एलआईसी इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन है इंडस्ट्रियल फाइनेंस

कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया आईएफएससी स्टेट फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन एसएफसी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन सी

दी सी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया आईडीबीआई ये कुछ फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से जो की किसी भी न्यू

एंटरप्राइज को या फिर जो ऑलरेडी एंटरप्राइज बिजनेस चल रहे हैं उनको फाइनेंस प्रोवाइड करती है एक से पंच साल तक के लिए

इसी तरीके से कमर्शियल बैंक से पीएनबी एसबीआई सीबीआई सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अलग-अलग बैंक बैंक से भी आप जो है मीडियम

टाइम शॉर्ट टर्म फाइनेंस से लॉन्ग टर्म फाइनेंस जो है ले सकते हैं पब्लिक डिपॉजिट आप क्या करते हैं की पब्लिक से पैसा

मणि रिसीवड और कलेक्टेड फ्रॉम पब्लिक इदर इस डिपॉजिट और लोन वो उसको क्या कहते हैं पब्लिक डिपॉजिट कहते हैं इसके इसके

थ्रू भी आप जो है फाइनेंस जो है इकट्ठा कर सकते हैं अपने बिजनेस के लिए याद है की जो शेयर और डिबेंचर सिर्फ पैसा आता है

वो मीडियम 100 में पब्लिक डिपॉजिट में नहीं आता है वो लॉन्ग टर्म सोर्स में आता है इसी तरीके से हायर परचेज हायर परचेज के

हैरिंग ऑफ एंड एसिड फॉर ए स्पेसिफिक टाइम पीरियड पेमेंट इसे डैन इंस्टॉलमेंट एंड आफ्टर पेइंग लास्ट इंस्टॉलमेंट

बिकम ओनर यानी की आप क्या कहते हैं की आप कोई मशीनरी इक्विपमेंट चाहिए होता था आप उसको परचेज उसको जो है हायर कर लेते

हैं ठीक उसके बाद उसका पेमेंट इंस्टॉलमेंट से करते हैं और फिर जब लास्ट इंस्टॉलमेंट आप उसको पे कर देते हैं तो फिर आप

उसके ओनर होते हैं जब तक आप इंस्टॉलमेंट में पे कर दे तब तक आप उसके ओनर नहीं हो तो हां लेकिन आप उसको उसे कर सकते हैं अगर

आप इंस्टॉलमेंट पूरा पे नहीं कर पाते उसकी पूरी अमाउंट पे नहीं कर रहे हो तो फिर सेलर जो है वो उसको दोबारा से

प्रक्रिया कर लेटा है अपने अपने कब्जे में ले लेटा है तो परचेज कभी ऑप्शन है इसी लिस्ट फाइनेंस इंग्लिश फाइनेंसिंग

क्या है रेंटिंग एंड एसेट यानी की आप क्या कहते हैं उधर पर कोई समान लेते हैं उसको उसे करते हैं उसको फिर वापस कर देते

हैं लिस्ट फाइनेंसिंग भी कर सकते हैं मीडियम मिड टर्म में इसी तरीके से आता है फिर लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंशियल

लॉन्ग टर्म में क्या है जैसे शेयर्स हो गया आप शेयर शिशु कर सकते हैं अपने जो कैपिटल है उसको स्मॉल डिवाइड करके उसको

शेयर करते हैं अभी शेयर को आप पब्लिक को सेल कर देते हैं तो शेयर होल्डर से क्या हो जाता है फिर वो ऑनेस्ट भी हो जाते हैं

उसे कंपनी के जितनी शेयर होल्डिंग होती है उसके अकॉर्डिंग फिर आप देबेंचर्स इशू कर सकते हैं इसके थ्रू भी लॉन्ग टर्म

सोर्स आप इकट्ठा कर सकते हैं टर्म लोन होता है जो बैंक से आप लेते हैं लंबे समय तक के लिए एक साल से 10 साल तक के लिए आप बैंक

से शुरू कर सकते हैं फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से ले सकते हैं टर्म लोन जो की लॉन्ग टर्म सोर्स है इस तरीके से लेस

फाइनेंसिंग जो भी आपने ऊपर देखिए आप क्या करते हैं की रेंट पे लेते हैं कोई भी समान और उसके बाद उसको वापस कर देते हैं तो

ये कुछ सोर्सेस है और फाइनेंस है शॉर्ट टर्म आइटम और लॉन्ग टर्म जिसके थ्रू आप फिलहाल सकते हैं अपने नए बिजनेस को

स्टार्ट करने के लिए या फिर जो ऑलरेडी बिजनेस चल रहा है उसको कंटिन्यू सक्सेसफुली रन करने के लिए

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11 thoughts on “Industrial finance, industrial finance Sources and Institutions, Indian economy b.com 5th sem, bcom #Finance

  1. Sir plzz kch replie de do sir maine challenge evaluation kraya tha usme grace se pass ho gya tha pr maine pwg htane k liye cop diya usme pass hu pr sir challenge wale marks se division de diya ab one view pr

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