November 5, 2024
Long term sources of finance || Equity share capital || easy explanation
 #Finance

Long term sources of finance || Equity share capital || easy explanation #Finance


ही गैस वेलकम बैक तू मनीषा कुमार क्लासेस ऑफ फाइनेंस जिसमें हम लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस के बारे में पढ़ेंगे

शॉर्ट टर्म सोर्सेस ऑफ फाइनेंस ट्रॉपिक है जो वो हम लास्ट वीडियो में कवर कर चुके हैं लिंक मैंने इसके नीचे

डिस्क्रिप्शन में दे दिया है अगर आपने वो वीडियो नहीं देखी तो आप डिस्क्रिप्शन बॉक्स में जाकर चेक कर सकते हैं और उसे

वीडियो को देख सकते हैं और इस और आज का जो लेक्चर है इसके नोट्स मैं अपने टेलीग्राम चैनल में शेयर कर दूंगी अगर आपने

टेलीग्राम चैनल नहीं ज्वाइन किया है तो प्लीज डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया हुआ है जाके टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन कर ले

और आप वहां से नोट्स डाउनलोड कर सकते हैं तो चलिए स्टार्ट करते हैं हम अपने आज का टॉपिक से लॉन्ग टर्म और सो फाइनेंस और

एक बात और आज जो वीडियो लेक्चर है इसमें मैं स्कूटी शर्ट के बारे में पढ़ते हैं तो जो लॉन्ग टर्म सोशल फाइनेंस है लॉन्ग

टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस जिसमें हमें फाइनेंस है जो वो ज्यादा समय के लिए चाहिए राइट लॉन्ग टर्म के लिए चाहिए लाइक 5

इयर्स 10 इयर्स 15 इयर्स जैसे मैं अपने असेट्स खरीदनी है है ना बिजनेस को expnd करना है उसके लिए तो हम वहां पे शॉर्ट टर्म

सोर्सेस ऑफ फाइनेंस को नहीं उसे करते हैं वहां हम क्या करते हैं लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस को उसे करते हैं तो लॉन्ग

टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस है जो वो तू टाइप्स के हैं एक तो keond कैपिटल और एक होती है बोर हो कैप्टन ओडी कैपिटल में क्या ए जाता

है जैसे उड कैपिटल में आते हैं प्रेफरेंस शेयर्स ऑन कैपिटल में आते हैं और रिटेन लर्निंग है जो वो अडं कैप्टन आती है

ठीक है और कैपिटल में ये ए जाता है जो आउटसाइड रिसोर्सेस होते हैं जैसे डिबेंचर हो गए या फिर लॉन्ग टर्म लोन हो गए तो वैन

बाय वैन सबको पढ़ेंगे तो हम पढ़ेंगे अच्छा आप सबको शेयर के बारे में पता होगा है ना की शेयर क्या होता है जैसे हम बोलते

हैं सिंपल जैसे ये एक पेपर है राइट ये एक पेपर है ठीक है तो ये पूरा पेपर है अगर मैं इस पेपर के पॉट कर डन छोटे-छोटे पार्ट

कर डन ठीक है मैंने जैसे इसके छोटे-छोटे पार्ट कर दिए ठीक है तो ये क्या बन गया इसका शेयर राइट ऐसे ही जब किसी बिजनेस को

चलाने के लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत पड़ती है जैसे मुझे एक बिजनेस को चलाने के लिए मैन लीजिए ₹1 लाख की जरूरत है छोटी

सी अमाउंट लेके चल रही हूं ₹1 लाख की जरूरत है तो ₹1 लाख नहीं कर सकता तो हम क्या करते हैं वो उसे ₹1 लाख को तोड़ देते हैं हम

ठीक है छोटे-छोटे अमाउंट में उसे एक लाख को क्या कर देंगे तोड़ देंगे जैसे ये टोटल ₹1 लाख है उसके मैंने क्या कर दिया

छोटे-छोटे पार्ट्स कर दिए ठीक है जैसे हर पार्ट है जो वो ₹100 का है क्लियर हर पार्ट हर यूनिट कितने की है ₹100 की है तो जो ये

जो एक पार्ट है ठीक है ये क्या है एक शेयर है क्लियर तो जो भी पर्सन एक पार्ट मतलब एक यूनिट या एक शेयर खरीदना है तो उसको

हम क्या बोलते हैं शेरहोल्डर होल्डर बोलते हैं क्लियर और टोटल जो शेयर्स है ठीक है टोटल शेयर्स की जो अमाउंट्स को हम

क्या बोलते हैं शेयर कैपिटल बोलते हैं राइट अब हम पढ़ते हैं की कुटी शेयर्स क्या होते हैं क्या क्या फीचर्स के के

एडवांटेजेस हैं क्या ड्रॉप एक्सिस की तो चलिए इक्विटी शेयर्स इक्विटी शेयर्स मैंने क्या लिखा है की जो इक्विटी शेयर

कैपिटल है वो मेजर सोर्स है फाइनेंस का किसी भी ऑर्गेनाइजेशन के लिए ठीक है क्योंकि इक्विटी शेयर होल्डर्स होते हैं

ना जो उनको हम आगे अन ओनर ट्रीट करते हैं क्योंकि जो इक्विटी शेयर्स है वो नॉर्मल शेयर्स होते हैं वो या और हम कहते हैं

ऑर्डिनरी शेयर्स होते हैं ठीक है जैसे आपने किसी अपने किसी बिजनेस में पैसा लगाया ठीक है आपने कोई बिजनेस खोला उसे

बिजनेस में पैसा लगाया तो आप ये नहीं बोलोगे ना की चलो अब मैं तो रिस्क नहीं लूंगा ठीक है या मैंने तो अपना पैसा अभी से

अभी निकलना है बिजनेस में से ठीक है ऐसे ही शेयर होल्डर्स होते हैं ऑर्डिनरी शेयर होल्डर्स होते हैं की इट इस कंसीडर्ड

आज अन लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस कंसीडर करते हैं हम इक्विटी शेयर्स को क्यों करते हैं क्योंकि

जब हम एक बार इक्विटी शेयर्स खरीद लेते हैं ना ठीक है तो कंपनी ने जब एक बार कटी शेयर इशू कर दिए तो वो उनको रिडीम नहीं

करेगी उनका पैसा वो वापस नहीं करेगी क्योंकि शेयर होल्डर्स को पैसा कब वापस दिया जाता है आते डी टाइम ऑफ लिक्विडेशन जब

कंपनी बंद होगी ठीक है तभी कुटी शेरहोल्डर्स को पैसा मिलेगा वो भी तब मिलेगा अगर कुछ कंपनी के पास बचेगा अगर कंपनी के

पास कुछ नहीं बचेगा तो कंपनी कुटी शेयर होल्डर्स को पैसा नहीं देगी तो इसलिए हम इसे लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ फाइनेंस मानते

हैं क्योंकि एक टाइप की परमानेंट कैपिटल है ठीक है यहां पर मैंने क्या लिखा है लॉन्ग टर्म सोर्स ऑफ परमानेंट सोर्स ऑफ

फैंस तू डी कंपनी पे कर सकते हैं इनको कब रिपीट किया जाता है मिली ना केसेस लिक्विड करता है ठीक है जो भी पर्सन मणि

कंट्रीब्यूट करता है मतलब शेयर्स खरीदना है उसे हम क्या बोलते हैं ओनर बोलते हैं ठीक है उन्हें हम क्या बोलते हैं ओनर

बोलते हैं कंपनी का अब फीचर्स क्या है देखिए जो पर्सन ने कुट्टी शेयर खरीद रहा है ठीक है उसे एक तो ओनरशिप मिल जाएगी

राइट उसी क्या मिल जाएगी ओनरशिप मिल जाएगी क्योंकि ओनर ही होता है जो सारे रिस्क बेयर करता है ठीक है रिस्क टेकर कौन

होता है ओनर ही रिस्क बेयर करता है की चलो कोई बात नहीं अगर प्रॉफिट बचेगा तो मुझे दे देना या फिर पहले सबको पे कर दे

उसके बाद अगर कुछ बचेगा तो मैं ले लूंगा राइट एक तो उससे ओनरशिप मिल जाती है वो मलिक होता है सेकंड इस परमानेंट कैपिटल

ठीक है जो इक्विटी शेयर्स है वो एक परमानेंट कैपिटल है की हमने आज इक्विटी शेयर किए हैं किसी पर्सन से खरीदे हैं ठीक है

तो हमें उसे एक साल बाद उसके पैसे वापस करने हैं ऐसा तो है नहीं है जब एक बार इशू हो गए उसके बाद वो टाइम ऑफ लिक्विडेशन है

हम उनको रिपेयर करेंगे उससे पहले पे नहीं करेंगे तो यह परमानेंट सोर्स ऑफ कैपिटल हो गया राइट नेक्स्ट है नो फिक्स रेट

ऑफ डिफरेंट देखिए आपको भी पता है की कुटी शेयर्स को डिविडेंड पे किया जाता है राइट डिविडेंड मतलब पार्ट ऑफ प्रॉफिट

राइट जो भी प्रॉफिट होता है उसका जो पार्ट हम इक्विटी शेयर्स को देते हैं डेट इसे कोल्ड dvden डिविडेंड पे किया जाता है

इक्विटी शेयर्स को बट उन्हें कोई फिक्स रेट पे डिविडेंड पे ही नहीं किया जाता ठीक है क्योंकि वो ओनर है ओनर का क्या

होता है की जब सबको पे कर दिया जो बचा वो सारा का सारा ओनर का मतलब कोई फिक्स रेट डिविडेंड का नहीं होता नेक्स्ट है

रिजॉल्व क्लेम ऑन इनकम रेजिडेंट इनकम क्या है जैसे मैंने अभी आपको इसी पॉइंट में बताया ठीक है इसके लिए मैं एग्जांपल

देती हूं छोटा सा मैन लीजिए कंपनी का जो नेट प्रॉफिट है नेट प्रॉफिट ठीक है आफ्टर टैक्स लगा रही हूं मैं नेट प्रॉफिट

आफ्टर टैक्स ₹1 लाख हो गया ठीक है जिसमें हम डिबेंचर का भी पे कर चुके हैं बैंक के इंटरेस्ट बैंक लोन टैक्स वगैरह सब पे

करके नेट प्रॉफिट आफ्टर टैक्स हमारे पास आया है ₹1 लाख नेट प्रॉफिट ए गया राइट उसके बाद क्या करते हैं हम हम प्रेफर

शेरहोल्डर्स को पैक करते हैं राइट प्रेफरेंस शेरहोल्डर्स को हम डिविडेंड पे करते हैं तो जो प्रेफरेंस शेरहोल्डर्स

को डिविडेंड पे किया जाता है ना विद फिक्स रेट पे पी पे किया जाता है तो उनको प्रेफरेंस दी जाती है ठीक है मैन लीजिए 50000 है

जो वो हमने प्रेफरेंस शेरहोल्डर्स को पे कर दिया नेट प्रॉफिट में से कितना बच गया 50000 बच गया तो ये जो 50000 है ना ठीक है ये जो

15000 है ये बच गया मैन लीजिए कंपनी डिसाइड किया की हमने 10% डिविडेंड कितना बना 10000 ठीक है तो कितना बच गया ग्वालियर तो यह जो

40000 है एन नेटवर्क का ही हक है ठीक है मतलब वो रिजिजू इनकम है जो उसको क्लेम कर सकते हैं यहां पे जो मैंने बोला की हमने

कितना डिसाइड किया है तो ये हर साल डिसाइड किया जाता है की इस बार इक्विटी शेयर होल्डर्स को कितना देंगे मतलब क्या है

की कोई फिक्स रेट और नहीं होता है डिविडेंड पे करने का हर साल डिसाइड किया जाता है ये प्रॉफिट के हिसाब से किस पर इतना

प्रॉफिट हुआ है तो इतना पे करेंगे अगर प्रॉफिट नहीं होता तो इक्विटी शेयर और उसको पे नहीं किया जाता ठीक है मतलब

डिविडेंड कंपनी के ऊपर कोई बर्डन नहीं है नेक्स्ट है एडवांटेजेस ऑफ इक्विटी शेयर्स इक्विटी शेयर्स के एडवांटेजेस हम

दो पॉइंट ऑफ व्यू से समझेंगे उसको एक तो कंपनी के पॉइंट ऑफ व्यू से और एक शेरहोल्डर्स के पॉइंट ऑफ व्यू से तो देखते हैं

की कंपनी के पॉइंट ऑफ व्यू से कंपनी को क्या-क्या एडवांटेजेस है जैसे की हमने अभी देखा की कंपनी के ऊपर ना कोई फिक्स

नहीं है की डिफरेंट पे करना ही करना है एस इन डी केस ऑफ प्रेफरेंस sharehold रिजल्ट प्रेफरेंस के केस में क्या होता है क्यों

क्योंकि वहां पे फिक्स होता है यार जैसे की हम सिंपली बैंक को उनका एग्जांपल ले रही हूं ठीक है और उसे पर 10% इंटरेस्ट है

तो वो 10% इंटरेस्ट आपको देना ही पड़ेगा चाहे आपको प्रॉफिट हो रहे हैं चाहे आपको लॉसेस हो रहे हैं राइट बट नहीं है अगर

आपको प्रॉफिट हो रहे हैं तो आप डिविडेंड पे करेंगे अगर proffits नहीं हो रहे हैं तो आप डिविडेंड पे नहीं करेंगे नेक्स्ट टाइम

नो एप्लीकेशन फ्री पेमेंट जैसे की मैंने आपको पहले ही बताया की कंपनी की कोई ऑब्लिगेशन यह रीपेमेंट की क्यों क्योंकि

जब मैं कुट्टी शेयर होल्डर दें जो उनको कब पे किया जाता है मैनली एट डी टाइम ऑफ लिक्विडेशन लिक्विडेशन के टाइम पे भी

क्या होता है जब कंपनी बंद होती है तो पहले हम आउटसाइड उसको पे करते हैं एडवेंचर्स को पे करते हैं है ना और फिर हम प्रेफर

शेरहोल्डर्स को पे करते हैं तो जरूरी नहीं है की हमने एक्यूरेट shareholdes को पे करना ही है अगर हमारे पास कुछ ना बचा तो अगर

हमारे पास असेट्स हैं तो हम इसको जरूर पे करेंगे एवं अगर कुछ बच्चे हैं तो वो उसे पे भी इक्विटी शेयर होल्डर्स का ही हक

होगा राइट बट अगर हमारे पास कुछ नहीं बज रहा है असेट्स हमारे पास नहीं है तो हमारी कोई एप्लीकेशन नहीं है उनको रिपे

करने की नेक्स्ट नो रिस्क कोई रिस्क नहीं है मैं क्या बोलूं हान जैसे क्रेडिटर्स है ठीक है जब आप किसी से लोन लेते हैं

ठीक है तो क्या होता है की आपको उसको करना ही पड़ता है आपको उसको इंटरेस्ट देना ही पड़ता है अगर आप किसी क्रेडिटर को पे

नहीं करोगे तो वो जाके कोर्ट में आपको सु कर सकते हैं और जो कोर्ट है वो अपनी कंपनी को बंद करवा सकता है राइट बट यहां पे

ऐसा कोई रिस्क नहीं है क्योंकि जो इक्विटी शेयर होल्डर्स हैं ठीक है उनको पे करना उनको डिविडेंड पे करना कोई यहां पे

बर्गर नहीं है प्रॉफिट होंगे तो कर देंगे adervise नहीं करेंगे और रीपेमेंट करने की भी कोई एप्लीकेशन नहीं है इसलिए हमें

कोई रिस्क नहीं है शेयर इश्यू करने में नेक्स्ट है जैसे की जब हम एडवेंचर इश्यू करते हैं या बैंक लोन लेते हैं तो हम

क्या करते हैं चार्ज क्रिएट किया जाता है है ना की अगर हम नहीं पे कर पाए तो वो असेट्स वह बेच के उससे अपना भरपाई जो वो

उनकी कर सकते हैं जैसे की मैंने किसी पर्सन से पांचो लाकर पे उधर ले लिए हैं राइट किसी पर्सन से मैंने ₹5 लाख उधर ले लिए

और उसके बदले में मैंने क्या किया अपनी मशीनरी ठीक है जो मशीनरी है उसको ऐसा चार्ज क्रिएट कर दे उसे पर चार्ज क्रिएट कर

दिया की अगर मैं ये नाप लेकर पाई आपके पैसे तो आप हमारी मशीनरी बेच के अपने पैसों की भरपाई कर सकते हैं राइट बट इक्विटी

शेयर्स के केस में ऐसा नहीं है अगर हम उनको पे कर पाएंगे तो अभी कोई बात नहीं क्यों क्योंकि वो ऑनर्स है कंपनी के इसलिए

किसी भी एसेट पर कोई चार्ज क्रिएट नहीं किया जाता नेक्स्ट टाइम बी डेट इसे फ्रॉम डी पॉइंट ऑफ शेरहोल्डर्स को क्या-क्या

एडवांटेजेस को क्या फायदे हैं उन्हें ओनरशिप मिल जाती है राइट मतलब क्या है की वो कंपनी का ओनर बन गया राइट चाहे आपने

ज्यादा शेयर खरीदते चाहे अपने कम शेयर खरीदते हैं तो ये भी एक बहुत बड़ी बात है की हमें ओनरशिप मिल रही है तो ये एक उनके

लिए एडवांटेज है सेकंड है हाई रिटर्न ऑन कैपिटल हाई रिटर्न भी मिलता है देखिए जैसे मैंने क्या बोला की हमें जितने भी

प्रॉफिट होते हैं प्रॉफिट में ऐसे जब हमने डिबेंचर को पे करना है वो भी फिक्स रेट पे पे करेंगे प्रेफरेंस शेयर और उसको

पे करना है वो भी फिक्स रेट पे पे करेंगे बट जितना भी हमारा प्रॉफिट बच गया 20 करोड़ 30 करोड़ जितना भी हमारे पास प्रॉफिट

बच रहा है सारा का सारा प्रॉफिट किसके पास जाएगा इक्विटी शेयर होल्डर्स के पास आता है राइट उसे पे कुछ शेयर होल्डर्स का

हक होता है सारे के सारे प्रॉफिट में मतलब जितना वो इन्वेस्ट कर रहे हैं ना उसे पर उन्हें हाई रिटर्न भी मिलता है

नेक्स्ट है राइट तू वोट ठीक है थर्ड पॉइंट इसे राइट तू वोट मतलब है ठीक है तो ऑनर्स है जो वही कंपनी में के जो डिसीजंस

होते हैं ठीक है उनको लेते हैं कंपनी के डेली फेयर्स है जो ठीक है कंपनी की मैनेजमेंट करते हैं कंपनी को कंट्रोल करते

हैं मतलब उन्हें राइट तू वोट डालने का अधिकार है जैसे डायरेक्टर्स को चूज किया जाता है ठीक है तो वहां पर अपनी वोटिंग

करते हैं मतलब वो कंपनी के जो इंपॉर्टेंट डिसीजंस हैं उनमें वो वोट कर सकते हैं बट और कोई वोट नहीं कर सकता जैसे

प्रेफरेंस शेयर होल्डर्स वोट नहीं कर सकते बोट नहीं कर सकते बट शेयर वोट कर सकते हैं बिकॉज दे आर ऑनर्स ऑफ डी कंपनी

नेक्स्ट ट्रांसपेरेंट ये एक बहुत बड़ा एडवांटेज है शेयर होल्डर्स को क्योंकि वो जो अपने शेयर्स है ना वो ट्रांसफर कर

सकते हैं ठीक है जैसे पार्टनरशिप में क्या है की जब हम पार्टनरशिप में होते हैं तो अपना शेयर हम किसी को ट्रांसफर नहीं

कर सकते राइट होता है ना बट कंपनी में क्या है जब हम खरीदते हैं तो अपना शेयर हम किसी पर्सन को ट्रांसफर कर सकते हैं जैसे

की मैंने आज शेयर्स खरीदी है ₹5000 के ठीक है तुम मुझे कल पैसे चाहिए तो मैं क्या कर सकती हूं कल जाकर मैं स्ट्रोक्स में

किसी और पर्सन को भेज सकती हूं शेयर मतलब मैं इजीली यहां पे क्या है शेड्स को ट्रांसफर किया जा सकता है एक पर्सन से

दूसरे तरफ प्रश्न को जब भी हमें पैसे की नीडल हम किसी दोनों सेल कर देते हैं ठीक है की जो इन्वेस्टर्स है की उन्हें

रेगुलर इनकम मिलेगी ही या नहीं मिलेगी जैसे मैन लो आपने बहुत सारा पैसा स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर दिया शेयर्स

में इन्वेस्ट कर दिया तो आप ये नहीं का सकते पुरी के साथ की हर मैन था आपको डिफरेंट मिलेगा ही मिलेगा हर छह महीने बाद

आपको डिविडेंड मिलेगा ही मिलेगा या नहीं मिलेगा ये डिपेंड करता है सिचुएशंस के ऊपर कंपनी के ऊपर डिपेंड करता है की वो

आपको डिफरेंट दे रही है या नहीं दे रही उनको proffits हो रही है तो वो दे रही है अगर उनको लॉस हो रही है तो वो नहीं दे मतलब आपको

रेगुलर इनकम आएगी ही आएगी कंपनी जब किसी से लोन लेती है ठीक है तो उसको पता है की आज हमारे पास कम पैसे द ठीक है मैन लो

पहले हमने दो साल पहले लोन लिया दो साल लोन पहले हमारे पास कम पैसे द तो हमने 5 लाख का लोन ले लिया आज हमारे पास ज्यादा

पैसे तो हमने लोन को रेप कर दिया राइट तो बट जब हम शेयर यीशु कर देते हैं ना ठीक है लॉन्ग टर्म सोर्सेस के लिए मालूम है

शेयर कर दिए जब हमने एक बार शेयर इशू कर दिया तो वो शेर इशू हो गए अब उन्हें अब हम उन्हें redeed नहीं कर सकते क्योंकि जो

शेयर्स है उन्हें हम रे पे कब कर दें आते डी टाइम ऑफ लिक्विडेशन उन्हें रिपे नहीं कर सकते तो जो कंपनी का कैपिटल

स्ट्रक्चर है ना वो रिजेल हो सकता है फ्लेक्सिबल नहीं रखता नेक्स्ट बेनिफिट कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता बैंक लोन

लेते हैं हम उसे पर टैक्स बेनिफिट मिलता है टैक्स बेनिफिट मिलता है टैक्स बेनिफिट कैसे मिलता है देखिए मैं बताती हूं

आपको यहां पे जैसे मैं यहां पे छोटा सा प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट बना रही हूं छोटा सा ठीक है जैसे हम ऐसे प्रॉफिट एंड लॉस

अकाउंट बनाते हैं इधर हमारे एक्सपेंसेस ए गए और इधर हमारी इनकम ए गई राइट तो हम क्या करते हैं यहां पर हमारा ग्रॉस

प्रॉफिट है उसमें से हम सारे एक्सपेंसेस माइंस करते हैं तो हमारे पास नेट प्रॉफिट निकल के आता है और इस नेट प्रॉफिट के

ऊपर लगता है टैक्स राइट नेट प्रॉफिट के ऊपर लगता है ना तो हम जो नेट पर निकल के ए रहा है टैक्स – हो रहा है उसके बाद हम

डिविडेंड पे करते हैं क्योंकि उनको सबसे लास्ट में पे किया जाता है बट अगर वहीं हमने एक्सपेंसेस में शो कर देते

एक्सपेंसेस में शो करते तो ये हमारा नेट प्रॉफिट है जो वो यहां पे कम शो होता राइट क्योंकि ग्रॉस प्रॉफिट में से इनकम

में से जब हम एक्सपेंसेस – करेंगे तो इसमें इंटरेस्टिंग होगा नेट पर जितना कम होगा नहीं मिलता नेक्स्ट है जैसे

अंडरराइटर को कमीशन देनी है है ना ब्रोकरेज हो गया तो जो इक्विटी शेयर्स है उसके केस में जो फ्लोटेशन कोस्ट है वो हाई

हो सकती है राइट तो ये ड्रॉबैक्स द इक्विटी शेयर्स के आई होप आपको समझ ए गया होगा वैसे काफी दिन हो गए पढ़ाया नहीं है की

इक्विटी शेयर्स क्या होती है नेक्स्ट वीडियो जल्दी अपलोड करूंगी प्रेफरेंस शेयर्स के ऊपर तो थैंक यू आप और टेलीग्राम

चैनल जरूर ड्राइंग करें थैंक यू फॉर वाचिंग

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