November 25, 2024
Meaning and Sources of International Finance | B.Com 3rd Semester | Issues in Indian Commerce | PU
 #Finance

Meaning and Sources of International Finance | B.Com 3rd Semester | Issues in Indian Commerce | PU #Finance


सो हेलो एवरीवन वेलकम टू माय चैनल कॉमर्स नट्स आज हम इस वीडियो में इंटरनेशनल फाइनेंस जो हमारा चैप्टर है इश्यूज इन

इंडियन कॉमर्स बीकॉम थर्ड सेमेस्टर का उसको रिवीजन करने वाले हैं जिसमें से एक वेरी इंपोर्टेंट क्वेश्चन आंसर आपका

बनता है कि व्हाट डू यू मीन बाय इंटरनेशनल फाइनेंस एंड सोर्सेस ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस आपको क्या है पूछा जाता है तो

स्टार्ट करते हैं इस क्वेश्चन को इससे पहले हमने बहुत सारे इसी चैप्टर के क्वेश्चन आंसर्स भी किए हैं अगर आपने नहीं

देखा तो चैनल पे प्लेलिस्ट है आप वहां से जाक देख सकते हैं डिटेल में हमने चैप्टर वाइज भी सारे क्वेश्चन आंसर्स किए हैं

एंड सब्जेक्ट की प्लेलिस्ट भी पड़ी हुई है और हमने प्रीवियस ईयर का 2023 का जो इस सब्जेक्ट का पेपर था सेक्शन ए सेक्शन बी

सेक्शन सी उन तीनों को डिस्कस किया है डिटेल में तो उसमें भी बहुत सारे क्वेश्चन आंसर्स आपके कवर अप हो जाते हैं जो कि

स्टेटमेंट बेस्ड आए थे तो अगर आपने नहीं देखा तो सारा आप देख सकते हो जिससे आपको एग्जाम में हेल्प होगी तो स्टार्ट करते

हैं यह वाला और हमने कॉर्पोरेट डेट रिस्ट्रक्चरिंग एंड इन्वेस्टर्स प्रोटेक्शन है जो इनकी रिवीजन भी की है तो रिवीजन

वीडियो भी आप देख सकते हैं तो बहुत सारा कंटेंट है इस सब्जेक्ट से रिलेटेड आपको क्या करना है करते हैं अपनी मनी को कैसे

वो मैनेज करते हैं जब वो क्रॉस बॉर्डर में कहीं इन्वेस्ट कर रहे हैं या फिर ट्रांजैक्शन कर रहे हैं तो कैसे मनी मूव हो

रही है कैसे इसकी मैनेजमेंट हो रही है यह सारा हम इंटरनेशनल फाइनेंस में पढ़ते हैं इसके अंदर हम देखते हैं कि लाइक

एक्सचेंज कैसे हो रही है करेंसीज हम कैसे बोरो कर रहे हैं मनी अदर कंट्री से या हम कैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं किसी दूसरी

कंट्री के बिजनेस में तो ये सारी चीज देखना कैसे हम मनी मूव होती है कैसे हम इसको मैनेज करते हैं क्या-क्या चीजों को

देखना होता है ये सारा का सारा जब हम स्टडी करते हैं तो ये आ जाता है हमारा इंटरनेशनल फाइनेंस में तो फॉर एग्जांपल अगर

हम देख कि एक कंपनी है ठीक है इंडिया में उसने बाय किए गुड्स यूएसए से एंड उसने पे किया डॉलर में और अगर एक इन्वेस्टर है

जापान का उसने बाय किए शेयर यूरोप की कंपनी के ठीक है तो ये क्या है इसमें इन ये जब हम स्टडी कर रहे हैं इन सबको तो ये क्या

है पार्ट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस आ गया कि वो क्या है क्रॉस ब्रॉडर ट्रांजैक्शन कर रहे हैं इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं ठीक

है तो ये हेल्प करता है कंट्रीज की एंड कंपनीज की कि वो क्या है ग्रो हो सकती है कनेक्ट करके ग्लोबल इकॉनमी में तो आपको

इंटरनेशनल फाइनेंस क्या है पढ़ना होता है इसमें ये कुछ टॉपिक्स हम पढ़ हैं सो दैट जब हम एक कंपनी या फिर एक बिजनेस या

फिर एक इन्वेस्टर जब क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शंस कर रहा है तो उसको ये ये चीजें पता होनी चाहिए कैसी चीजें पता होनी

चाहिए लाइक एक्सचेंज करेंसी के बारे में अगर आप बोरो कर रहे हो किसी दूसरी कंट्री से मनी तब पता होना चाहिए इंटरनेशनल

फाइनेंस के बारे में आपको नॉलेज होनी चाहिए या फिर अगर आपको इन्वेस्ट करना है किसी दूसरे बिजनेस में तब भी आपको

इंटरनेशनल फाइनेंस की नॉलेज होनी चाहिए तो अब हम दोबारा से इसका थोड़ा और मीनिंग देख लेते हैं कि जो इंटरनेशनल

फाइनेंस है इसे हम इंटरनेशनल मॉनेटरी इकोनॉमिक्स भी बोलते हैं या ग्लोबल फाइनेंस भी बोल सकते हैं जो कि ब्रांच है

इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंस का ये स्टडी करता है पर्टिकुलर डायनामिक्स ऑफ फाइनेंशियल इंटरेक्शन जो होती है दो कंट्रीज

के बीच में ये फोकस करता है इंटरनेशनल ट्रेड में इन्वेस्टमेंट में और एक्सचेंज रेट में लाइक फॉरेन डायरेक्ट

इन्वेस्टमेंट हो गया ठीक है एंड फाइनेंशियल सिस्टम्स दैट फैसिलिटेट ग्लोबल अ ट्रांजैक्शंस तो ये फाइनेंशियल सिस्टम

भी हम देखते हैं इसमें जो क्या है कहीं ना कहीं हेल्प करता है हमारी ग्लोबल लेवल पे ट्रांजैक्शन करने पे तो ये बहुत ही

इंपोर्टेंट रोल प्ले कर रहा है बेसिकली मॉडर्न ग्लोबलाइज्ड इकॉनमी में कैसे यह कंट्री बिजनेस इंडिविजुअल को क्या है

हेल्प करता है जो जो भी मतलब इंटरनेशनल फाइनेंस अगर पता होता है नॉलेज पता होती है तो हम क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शंस

क्या अच्छे से कर सकते हैं और ऑप्टिमाइज कर सकते हैं अपने फाइनेंशियल रिसोर्सेस को ठीक है तो होप आपको मीनिंग क्लियर

हुआ होगा इंटरनेशनल फाइनेंस में हम क्या कर रहे हैं स्टडी कर रहे हैं ठीक है कि कैसे मनी मूव हो रही है कैसे

ट्रांजैक्शन हो रही है इंटरनेशनल लेवल पे जब अगर एक कंपनी ने किसी दूसरी कंट्री की कंपनी में इन्वेस्ट करना है ठीक है

ये सब क्या है हमें इंटरनेशनल फाइनेंस में ही हम पढ़ते हैं तो अब हम देख लेते हैं सोर्सेस ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस तो ये

भी आपको आया हुआ है और ये 15 मार्क्स का ही क्वेश्चन है तो उस अकॉर्डिंग लिए आपको लिखना भी पड़ेगा तो कह रहे हैं जो

इंटरनेशनल फाइनेंस है ना ये प्रोवाइड कर प्रोवाइड्स फंड फॉर बिजनेस इंटरनेशनल फाइनेंस प्रोवाइड करता है फंड बिजनेस

को गवर्नमेंट को जो भी क्या है ग्लोबल ट्रेड या इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो मेन सोर्सेस देखते हैं कि किसकी मतलब

जैसे अगर कोई बिजनेस है लाइक अगर उसको क्या है फाइनेंस चाहिए तो वो इंटरनेशनल लेवल पे भी जा सकती है तो इंटरनेशनल लेवल

पे कौन-कौन से सोर्सेस होते हैं एक बिजनेस के लिए कि वो क्या है वहां से फाइनेंस ले सकती है अगर उसको क्या है अपनी कंपनी

में इन्वेस्ट करना है या अपनी कंपनी को ग्रो करना है तो वो क्या है फाइनेंस ले सकती है अब वो अपनी कंट्री से भी बहुत सारे

मेथड्स होते हैं है ना फाइनेंस लेने के अगर वो इंटरनेशनल लेवल से ले रही है तो ऐसे कौन-कौन से सोर्सेस उसके पास अवेलेबल

है जिससे क्या है वो फाइनेंस ले सकती है तो वही हम क्या है वन बाय वन डिस्कस करने वाले हैं तो स्टार्ट करते हैं इसको तो

उससे पहले थोड़ा और देख लेते कि जो इंटरनेशनल फाइनेंस है इसके अंदर बेसिकली हम क्या फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन

इन्वेस्टमेंट ट्रांजैक्शंस जो भी दो कंट्री के बीच में हो रही है वो सारा देखते हैं ठीक है तो इसमें हम कुछ सोर्सेस

देखेंगे लाइक जीडीआर एडीआर एक्सटर्नल कमर्शियल बोरोंग ये सब क्या हम इसमें देखने वाले हैं ठीक है तो यहां पे दोबारा

से लिखा हुआ है इंटरनेशनल फाइनेंस रेफर्स टू द फ्लो ऑफ कैपिटल कि कैसे जो कैपिटल है वो फ्लो हो रही है एक कंट्री से

दूसरी कंट्री में ठीक है वेरियस बिजनेस की जो नीड्स है उसको फुलफिल करने के लिए एंड देखते हैं इसमें कि कैसे क है

इन्वेस्ट किया जाता है अगर इन्वेस्टमेंट ली जाती है अगर आपको फंड करना है तो कैसे किया जाता है तो बेसिकली इस वीडियो

में हम सोर्सेस देखने वाले हैं तो सबसे पहला सोर्स है जीडीआर जिसे हम ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीप्ट भी बोलते हैं अब अगर

इसका मीनिंग देखें तो जीडीआर ना फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है जिसको इशू करती है कंपनी ठीक है इंटरनेशनल मार्केट में

ये रिप्रेजेंट करते हैं शेयर शेयर्स ऑफ फॉरेन कंपनी एंड आर ट्रेडेड ऑन इंटरनेशनल स्टॉक एक्सचेंज तो बेसिकली जीडीआर

क्या है कहीं ना कहीं शो कर रहे हैं कि आपके पास क्या है शेयर है फॉरेन कंपनी के एंड ये ट्रेड किए जाते हैं इंटरनेशनल

स्टॉक एक्सचेंज में ठीक है नेक्स्ट है हाउ इट वर्क्स तो कैसे ये वर्क होता है तो एक कंपनी है उसने इशू किया शेयर जो कि

व्हिच आर डिपॉजिटेड विद अ फॉरेन डिपॉजिटरी बैंक जिसे डिपॉजिट कराया जाएगा किस डिपॉजिट हो रखे हैं वो फॉरेन डिपॉजिटरी

बैंक में अब ये जो बैंक है फिर ये इशू करेगा जीडीआर जैसे अलो होता है इन्वेस्टर को कि वो इनडायरेक्टली इन्वेस्ट कर सकता

है उस कंपनी में तो कंपनी इशू कर रही है शेयर जिसे क्या है डिपॉजिट किया जा रहा है फॉरेन डिपॉजिटरी बैंक में अब वो फॉरेन

डिपॉजिटरी बैंक आगे जाके क्या इशू करेगा उसी शेयर को इन द फॉर्म ऑफ जीडीआर जिससे ना उधर के इन्वेस्टर को क्या लॉ आ रहा

है कि वो इनडायरेक्टली यहां की अ कंपनी के क्या है शेयर ले पा रहा है तो ये होता है इन वेरी सिंपल लैंग्वेज ग्लोबल

डिपॉजिटरी रिसीप्ट अच्छा एडवांटेजेस देखें तो इससे ना इसकी हेल्प से ना आप ज्यादा इन्वेस्टर्स आपको मिल सकते हैं एंड

ये अट्रैक्ट करता है फॉरेन करेंसी इनफ्लो का एंड ये हेल्प करता है कंपनी की वो एक्सपेंड हो सकती है एक्सपेंड कर सकती है

अपनी ग्लोबल प्रेजेंस फिर आता है एडीआर ये भी एक सोर्स ऑफ फाइनेंस है इंटरनेशनल फाइनेंस है अमेरिकन डिपॉजिटरी

रिसीप्ट तो एडीआर वो इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जो अल करते हैं कि आप क्या है अ मतलब उन को अल करते हैं उन कंपनीज को जो कि

क्या है कहीं ना कहीं यूएस के अलावा और किसी कंट्री की कंपनी है वो उसको अगर रेज करना है फंड अमेरिका से ठीक है तो

अमेरिकन इन्वेस्टर्स क्या है उन कंपनी में इन्वेस्ट कर सकते हैं ठीक है तो एडीआर ये अल करता है नॉन अमेरिकन कंपनीज को

कि वो फंड अ क्या है ले सकते हैं अमेरिकन इन्वेस्टर से कैसे नॉन अमेरिकन कंपनीज है जो वो लिस्ट कर सकती है अपने शेयर्स

को यूएस स्टॉक एक्सचेंज में और वहां से फिर क्या है अमेरिकन जो इन्वेस्टर्स हैं वो क्या है उनके शेयर्स को बाय कर सकते

हैं तो ये कैसे वर्क किया जाता है बेसिकली शेयर्स को डिपॉजिट किया जाता है अ यूएस के बैंक्स में ठीक है एंड जो ये बैंक है

फिर ये इशू करते हैं आगे एडीआर के फॉर्म में इन शेयर्स को ठीक है उसके बाद है लाइक यूएस डॉलर में अमेरिकन इन्वेस्टर्स

को एडवांटेजेस देखें तो प्रोवाइड एक्सेस टू यूएस कैपिटल मार्केट आपको क्या है बाकी कंपनियों को क्या है एक्सेस मिल

जाता है यूएस कैपिटल मार्केट का वहां पे वो अपने शेयर्स को बेसिकली क्या कर रही हैं इशू कर रही हैं एनहांस होती है इससे

विजिबिलिटी एंड क्रेडिबिलिटी ग्लोबल मार्केट में आपकी प्रेजेंस भी बढ़ती है फिर आता है आपका थर्ड इंटरनेशनल सोर्स

ऑफ फाइनेंस एक्सटर्नल कमर्शियल बोरोंग जिसे ीबीस भी बोलते हैं तो एक्सटर्नल कमर्शियल बरो इंग्स वो लोन होता है जैसे

रेज किया जा रहा है अगर हम इधर की बात करें तो हमारी कंपनीज के द्वारा क्या है इसको इशू कि अ रेज किया जा रहा है लोन फॉरेन

लैंडर से लाइक बैंक से ले रहे हो आप किसी बाहर की कंट्री के या एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी से ले रहे हो या इंटरनेशनल

कैपिटल मार्केट से ले रहे हो ठीक है तो ये लोन टिपिकली फॉरेन करेंसी में होते हैं तो आपने क्या है लोन ले लिया बाहर के

बैंक से तो और वो फॉरेन करेंसी में होगा तो इसे बोलते हैं इसको एक्सटर्नल कमर्शियल बोरोंग बरो किया आपने यूसेज की बात

करें तो ईसीबी यूज की जाती है अगर आपको फंड करना है इंफ्रास्ट्रक्चर में या अपने ऑपरेशंस को एक्सपेंड करना है कंपनी के

या कोई मशीनरी परचेस करनी है तो आप क्या है ईसीबी के थ्रू भी क्या है फंड रेज कर सकते हो इंटरनेशनल मार्केट में बेनिफिट

देख लेते हैं तो एक्सेस टू फंड एट कंपटिंग रेट आपको क्या फंड मिल जाता है अच्छे खासे रेट पे बाहर से एंड लार्जर

फाइनेंसिंग ऑप्शन हो जाते हैं अगर हम कंपेयर करें डोमेस्टिक बोरोंग से अगर आपको कंट्री में ही बोरो करना था तो आपके

पास एक और ऑप्शन आ गया कि आप इंटरनेशनल लेवल पे भी क्या है बोरो कर सकते हो ईसीबी है ये क्या है रेगुलेट गवर्न किए जाते

हैं आरबीआई के द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा सो दैट इन शॉर्ट रहे कि प्रॉपर यूसेज हो रहा है ठीक है एंड रिस्क

मिनिमाइज है फिर आता है एक्सटर्नल कमर्शियल बोरिंग तो यहां पे और थोड़ा सा देख लेते हैं इसका मीनिंग कि ये लोन जो रेज

किए जा रहे हैं बिजनेस के द्वारा यहां के बिजनेस के द्वारा किसी बाहर की अ बाहर के बैंक से किसी बाहर के कंट्री के बैंक

से सोर्सेस हो गए लाइक किस किसी ने एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसीज या फिर फॉरेन सप्लायर से ले लिया ठीक है या बैंक से ले

लिया अब एडवांटेजेस देखें तो भाई लोअर रेट इंटरेस्ट पे आपको मिल जाता है ये लोन एंड ये लॉन्ग टर्म फाइनेंसिंग ऑप्शन

अच्छा है रेगुलेशन अगर हम बात करें तो यहां पे क्या है रेगुलेट किया जाता हैय आरबीआई के द्वारा जो आरबीआई ने गाइडलाइंस

दी है उनके द्वारा क्या है रेगुलेट किया जाता है इसमें बहुत सारी वो मतलब आपको रूल्स रेगुलेशंस क्या है फॉलो करने

पड़ते हैं फिर है फोर्थ हमारा इंटरनेशनल फाइनेंस फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट अब एफडीआई क्या है लॉन्ग टर्म

इन्वेस्टमेंट आप अ इसमें होती है इसमें क्या है फॉरेन एंटिटीज होती है जो वो क्या है हमारी कंट्री में कंपनीज में क्या

कर सकती है इन्वेस्ट कर सकती है यहां की कंपनी में इन्वेस्ट कर सकती है या फिर यहां के किसी प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट कर

सकती है कोई बाहर की कंपनी इसमें यूजुअली इवॉल्व होता है डायरेक्ट कंट्रोल मतलब बाहर की जो भी कंपनी ने हमारी कंपनी के

शेयर शेयर कह रही हूं हमारी कंपनी खरीद ली या फिर क्या है यहां का कोई प्रोजेक्ट में पैसा लगा दिया ठीक है तो उनका ना

डायरेक्ट कंट्रोल हो जाएगा यहां पे ओनरशिप टाइप का हो जाएगा उनका ये ठीक है एग्जांपल अगर बात करें तो लाइक अगर कोई बाहर

की कंट्री है कि कोई बिजनेस है ठीक है या कोई कंपनी है उसने इन्वेस्ट कर दिया हमारे इंडिया में इंडिया की किसी कंपनी

में तो अब उस इंडिया की जो कंपनी है उसपे उसका डायरेक्ट कंट्रोल हो जाएगा ठीक है ओनरशिप राइट भी आ जाएंगे बाहर की कंपनी

के हमारी इंडिया की कंपनी में ठीक है एडवांटेजेस देखें तो देखो कैपिटल आ रही है ठीक है एडवांस टेक्नोलॉजी भी आ रही है

वहां से क्योंकि वहां से की इन्वेस्टमेंट इधर आ रही है एंड यहां पे फिर क्या है बहुत सारी एंप्लॉयमेंट अपॉर्चुनिटी भी

क्या होती है क्रिएट होती हैं फिर आता है फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट एफपीआई ये भी इंटरनेशनल सोर्स ऑफ फाइनेंस

है जैसे एफपीआई में बेसिकली शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट होती है जो कि बाहर की ही कंपनी यहां इधर की कंपनियों में

इन्वेस्ट तो करेगी पर कंपनी के स्टॉक्स में इन्वेस्ट करेगी कंपनी के बॉन्ड्स में इन्वेस्ट करेगी बेसिकली फाइनेंशियल

एसेट्स में क्या करेगी इन्वेस्ट करेगी कौन फॉरेन कंपनी कहां के इंडिया की कंपनी के शेयर्स और स्टॉक में क्या करने

वाली है वो इन्वेस्ट करने वाली है ठीक है तो देखते हैं भाई इससे फाइनेंशियल मार्केट और स्ट्रांग होती है एंड फॉरेन

एक्सचेंज रिजर्व्स क्या हमारे बढ़ जाते हैं क्योंकि बाहर की जो कंट्री है वो क्या जो बाहर की कंट्री की कंपनी है वो

क्या कर रही है कहीं ना कहीं हमारी कंपनी अ जो इंडिया की कंपनीज हैं उनमें क्या कर रही हैं स्टॉक शेयर्स में क्या है

इन्वेस्ट कर रही हैं फिर अब हम ना ये समरी चार्ट देख लेते हैं इससे आपको और क्लियर हो जाएगा लाइक एडीआर है तो ये क्या है

वो इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जिसमें सॉरी जिसमें हम क्या है शेयर्स शेयर्स के थ्रू क्या है मतलब अपने शेयर्स इशू कर

सकते हैं ठीक है और बाहर के जो अमेरिकन इन्वेस्टर्स हैं वो क्या है इन शेयर्स को वहां से ले सकते हैं ठीक है तो ये इनकी

जो मार्केट होती है वो यूएस मार्केट होती है एंड ये इक्विटी फाइनेंसिंग है जीडीआर की बात करें तो ये भी एडीआर की तरह है

बट ट्रेड होती है ग्लोबल मार्केट में ग्लोबल मार्केट इसकी की मार्केट है और ये भी एक इक्विटी फाइनेंसिंग है फिर है

एक्सटर्नल कमर्शियल बोरोंग ये लोन होते हैं जिसे रेज किया जाता है कंपनीज के द्वारा ठीक है अ कंपनीज के द्वारा बाहर के

किसी बैंक से या फिर कोई फॉरेन लेंडर से इसकी मार्केट है ग्लोबल लेंडर एंड यूज केस अगर हम बात करें तो ये डेट

फाइनेंसिंग है फॉर प्रोजेक्ट्स के लिए एफडीआई की बात करें तो ये डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट होती है जो कि फॉरेन कंपनीज

क्या है हमारी कंपनीज में इंडिया की कंपनीज में क्या है इन्वेस्ट करती है तो इसकी की मार्केट देख लेते हैं तो ऑल ग्लोबल

मार्केट होती है एंड ये लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है फिर एफबीआई की बात कर ले तो पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट होती है ये

जो कि बाहर के फॉरेन इन्वेस्टर्स के है हमारे इंडिया की जो कंपनीज है उनके फाइनेंशियल एसेट्स में क्या करते हैं

इन्वेस्ट करते हैं तो अगर इसकी की मार्केट देखें तो स्टॉक एंड बॉन्ड मार्केट हो गया एंड यूज केस देखें तो शॉर्ट टर्म

कैपिटल इनफ्लो हो गया ठीक है तो अब हम लास्ट में कंक्लूजन देख लेते हैं इसके साथ हमारा ये क्वेश्चन क्या है खत्म होने

वाला है हमने डिटेल में किया है तो होप आपको समझ आ रहा होगा अगर समझ आ रहा है तो लाइक भी कर देना कमेंट भी कर देना एंड इस

वीडियो को अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर भी करना है और चैनल भी सब्सक्राइब कर देना बिकॉज आपके आगे और भी पेपर हैं तो अगर

रिस्पांस अच्छा आएगा तो सारे सब्जेक्ट के जो भी प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस वैसे हमने ऑलमोस्ट करे हैं और भी हम पेपरों के

टाइम पे करेंगे तो कंक्लूजन क्या है कि जो चॉइस है इंटरनेशनल फाइनेंस आपको कौन सा सोर्स ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस सेलेक्ट

करना है ये जो चॉइस है ये डिपेंड होती है बहुत सारे फैक्टर्स में लाइक आपका पर्पस ऑफ फंडिंग क्या है कॉस्ट ऑफ कैपिटल

कितनी पड़ रही है कितनी रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट्स है ठीक है आपका मतलब रिस्क टेकिंग एबिलिटी कितनी है तो जो सोर्स

सोर्सेस जो भी हमने पढ़े ये कलेक्टिवली ना बेसिकली हेल्प करते हैं कि आप क्या है और ज्यादा से ज्यादा फंडिंग कर सको ठीक

है अपनी कंपनीज को अगर आपने बढ़ाना है कंपनी के ऑपरेशंस बढ़ाने हैं तो तब ये आपके पास ऑप्शन होता है आप इनके थ्रू क्या

है फंड ले सकते हो प्रोजेक्ट्स में अगर इन्वेस्ट करवाना है तब आप इनके थ्रू क्या है फंड ले सकते हो बेसिकली ये सपोर्ट

करते हैं बिजनेस को और बूस्ट करते हैं इकोनॉमिक ग्रोथ को ठीक है तो ये था हमारा क्वेश्चन तो मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो

में तब तक के लिए थैंक यू फॉर वाचिंग दिस वीडियो

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