November 22, 2024
Public Finance In India |12th Commerce Economics Maharashtra Board New Syllabus |CHP. 8 Economics.
 #Finance

Public Finance In India |12th Commerce Economics Maharashtra Board New Syllabus |CHP. 8 Economics. #Finance


अब कोरोना कल के बाद तो हर सरकार विकास करेंगे विकास करेंगे हान बेटा पानी आएगा घर में विकास होगा विकास होगा हर

सरकार और विकास की बात करती है फिर वो मोदी सरकार हो केजरीवाल सरकार हो कांग्रेस सरकार हो आप हो आप हेलो एवरीवन मैं हूं

जय इस राजकुमार और स्वागत है आप सभी का इस नए इंप्रेसिंग यूट्यूब वीडियो में दोस्तों हम पढ़ रहे हैं क्लास 12th का

इकोनॉमिक्स न्यू सिलेबस और ये है चैप्टर नंबर आते पब्लिक फाइनेंस का पहला वीडियो ये वीडियो ज्यादा से ज्यादा

स्टूडेंट्स तक pahunchaiye पब्लिक फाइनेंसर इंडिया ये एक जबरदस्त चैप्टर है इंपॉर्टेंट चैप्टर है और आप सभी को यह मार्क्स

दिला सकता है बहुत ही आसानी से तो इस वीडियो में हम इंट्रोडक्शन लेंगे इस चैप्टर का और साथ ही साथ जानेंगे की कैसे आने

वाले दिनों में पब्लिक फाइनेंसर इंडिया आसानी से पढ़ा जा सकता है तो चलिए आज की वीडियो शुरू करते हैं अगर आप इस चैनल पर

नए हैं तो जरूर से सब्सक्राइब कीजिए बेल आइकन दबाया क्योंकि यहां आपको लगातार ऐसे ही इनफॉर्मेटिव वीडियो मिलते

रहेंगे साथ ही साथ आप हमारे टेलीग्राम चैनल को जरूर ज्वाइन कर लीजिए नाम है स्काई एजुकेशन ऑफिशल यहां पर आपको ढेर सारे

पीडीएफ नोट्स एंड नोट्स मिलते रहेंगे यू कैन अलसो डाउनलोड एजुकेशन फ्रॉम प्ले स्टोर जहां पर एक सुपर स्टार बाग चल रहा

है इट इस साल के स्टूडेंट्स के लिए और ये भी अब्सोल्युटली फ्री है तो जरूर लिंक डिस्क्रिप्शन में है सुपरस्टार मैच

ज्वाइन कीजिए बैच कोड है सुपर स्टार 23 चलिए शुरू करते हैं आज का वीडियो पब्लिक फाइनेंस के बारे में जी हान दो शब्दों से

बनाया बस दो शब्दों से बना है ये चैप्टर पब्लिक और फाइनेंस याद रखिए इकोनॉमिक्स में पब्लिक बोले तो गवर्नमेंट और

फाइनेंस बोले तो इनकम एंड एक्सपेंडिचर तो बेसिकली इस चैप्टर का अर्थ बड़ा ही सिंपल सा है सरकार का कर्ज पूरा कच्चा

चिट्ठा जी हान सरकार का पूरा कच्चा चिट्ठा यहां पर हम जानने वाले हैं सरकार के हिसाब किताब को उनके इनकम को उनके

एक्सपेंडिचर को उनके लोन को हर चीज सरकार के खर्चे और इनकम के बारे में हर चीज सरकार के लिए लोन के बारे में तो बेसिकली

पब्लिक फाइनेंस एक ऐसा सब्जेक्ट है एक ऐसा विषय है जो की बॉर्डर लाइन पर है इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस की तो बोलोगे

सर कैसे पॉलिटिक्स तो याद यह सरकार की जो बातें होती है तो पॉलिटिक्स तो आती है और इसीलिए यह विषय जो है पब्लिक फाइनेंस

ये इकोनॉमिक्स का तो है क्योंकि इसमें फाइनेंस है इसमें आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया की बातें होती हैं लेकिन साथ ही

साथ उसमें पब्लिक है यानी सरकार की भी बात है डेट इसे वही दिस सब्जेक्ट दिस पार्टिकुलर टॉपिक और पब्लिक फाइनेंस ऑन डी

बॉर्डर लाइन ऑफ इकोनॉमिक्स अस वेल अस पॉलिटिकल साइंस हालांकि हम पुरी तरह से इस चैप्टर के अंदर पब्लिक रेवेन्यू यानी

सरकार की इनकम पब्लिक एक्सपेंडिचर यानी सरकार का खर्चा पब्लिक डेट यानी के सरकार के लोन के बारे में जानने वाले हैं तो

पूरे वीडियो अंत तक वॉच करके आप पुरी प्लेलिस्ट को मस्त तरीके से एकदम अच्छे से अपनी पढ़ को बूस्ट करने के लिए उसे कर

सकते हैं प्लेलिस्ट सेक्शन में ऑलरेडी वीडियो बने हुए हैं जरूर एक बार नजर daliyega दोस्तों बात करें पब्लिक फाइनेंस की फिर

एक बार तो बड़ी ही सिंपल सी दो शब्दों की मिश्रण है ये पब्लिक फाइनेंस इस ओल्ड ब्रांचेस ऑफ इकोनॉमिक्स याद रखिए विच

हाइलाइट्स डी रोल एंड फंक्शंस ऑफ डी गवर्नमेंट क्या है लाइट करता है रोल एंड फंक्शन ऑफ डी गवर्नमेंट रूल एंड फंक्शन ऑफ

डी गवर्नमेंट रूल एंड फंक्शन ऑफ डी गवर्नमेंट सरकार का कम क्या है वही पब्लिक फाइनेंस स्टडी करते हैं गवर्नमेंट इस अन

फॉर्मल और इनफॉर्मल इंस्टीट्यूशन क्रीटेड बाय डी पीपल इन अन स्पेसिफिक रीजन तू परफॉर्म वेरियस फंक्शंस सच अस

प्रोटेक्शन फ्रॉम एक्सटर्नल अटैक्स प्रोटेक्शन ऑफ प्राइवेट ऑफ डी पीपल जेनरेशन ऑफ एंप्लॉयमेंट मेंटेंनिंग इंटरनल

लायन ऑर्डर प्रोविजन ऑफ सोशल नीड्स लाइक एजुकेशन हेल्थ एक्जेक्ट्रा यानी जनता जनार्दन जो है वो अपने कामकाज में बिजी

हैं बाकी बहुत बिजी है हम लोगों टाइम ही नहीं मिलता है हम लोगों को टाइम नहीं मिलता है इसलिए हम क्या करते हैं इलेक्शन

के दौरान वोट देकर के कुछ नुमाइंदों को कुछ रिप्रेजेंटेटिव उसको चुनते हैं ताकि वो हमारे सी हैव पर सोशल वेलफेयर का कम

करें सामाजिक कल्याण का कम करें दोस्तों इन लोगों का है जिन्हें हम चुनते हैं जिनको हम वोट देते हैं ना इनका फर्ज है

देश की सुरक्षा में पुरी एकदम chakachaun रखें हमेशा एकदम परफेक्टली अलराइट हमारी मिलिट्री को आर्मी को मोटिवेटेड रखें उनके

लिए नए हथियार गुलाब बारूद रखें एक्सटर्नल अटैक से हमें बॉर्डर्स को हमारे बचा कर रखे हैं हमें प्रोटेक्टिव रखें और

साथ ही साथ हेल्थ एजुकेशन रोड इलेक्ट्रिसिटी जैसी जो बेसिक सुविधाएं हैं ये लोगों को सक्सेसफुली पहुंचने हैं तो ये

कुछ फंक्शंस हैं जो हर सरकार को निभाना चाहिए उनका कर्तव्य है उनका उत्तर दायित्व है अब भैया जो बात आती है इतने सारे

फंक्शंस निभाना की तो फोकट में तो कुछ भी नहीं होता फोकट में तो कुछ नहीं होता सरकार को भी पैसे तो लगेंगे रोड बनाने के

लिए एजुकेशन के लिए स्कूल्स बनाने के लिए हॉस्पिटल्स बनाने के लिए कहीं ना कहीं दोस्तों मिलिट्री को हथियार गोली

बारूद भी खरीद करके देना है तो पैसा तो लगेगा एंड डेट इस वही पब्लिक फाइनेंस में हम बात करते हैं इन्हीं खर्चो के बदले

में सरकार को लगने वाले पैसे की सरकार को लगने वाले इस पर नेचर की और सरकार को आने वाले रेवेन्यू की तो बस दोस्तों जरा तू

इंपॉर्टेंट फंक्शंस जो हर सरकार निभाती है दो इंपॉर्टेंट फंक्शन जो हर सरकार को निभाना हैं सबसे पहला फंक्शन जो निकल

कर के आता है वो बड़ा सिंपल सा है ऑब्लिगेटरी फंक्शन कौन से फंक्शन है ऑब्लिगेटरी फंक्शन डीज फंक्शंस ऑफ डी गवर्नमेंट

कैन बी क्लासिफाइड अस ऑब्लिगेटरी फंक्शंस एंड optioninal फंक्शंस दोस्तों याद रखिए ऑब्लिगेटरी वो होते हैं जो एकदम कंपलसरी

से माने जाते हैं ये वो फंक्शन से दोस्तों जहां पर प्रोटेक्शन फ्रॉम एक्सटर्नल अटैक्स यानी बाहरी अटैक से हमें बचाना

है मेंटेंनिंग इंटरनल नो एंड ऑर्डर कहीं देंगे फसाद हो रहे हैं तो मिलिट्री तैनात होनी चाहिए पुलिस वाले पहुंचने चीज

सीआरपीएफ के जवान पहुंच ने जी इंटरनल लॉ एंड ऑर्डर भी एक पकड़ होनी चाहिए सरकार की ये भी एक फंक्शन है डीज आर

ऑब्लिगेटरी फंक्शंस ऑफ डी गवर्नमेंट दूसरी तरफ बात करें ऑप्शनल फंक्शन की जिस पर कई सदियों तक तो सरकारों ने ध्यान ही

नहीं दिया अब कोरोना कल के बाद तो हर सरकार विकास करेंगे विकास करेंगे हान बेटा पानी आएगा हर में विकास होगा विकास होगा

हर सरकार विकास की बात करती है फिर वो मोदी सरकार हो केजरीवाल सरकार हो कांग्रेस सरकार हो आप हो बाप हो साफ हो हर कोई अब

विकास की बातें करता है और ये इसीलिए करता है क्योंकि आप पब्लिक जागरूक हो गई है ये है इनके ऑप्शनल फंक्शन जैसे की

प्रोविजन ऑफ एजुकेशन हेल्थ सर्विसेज प्रोविजन ऑफ सोशल सिक्योरिटी लाइक पेंशन एंड आदर वेलफेयर मेजर्स ऑप्शनल फंक्शन

के अंदर सारे सामाजिक कल्याण से रिलेटेड फंक्शन है में कम सरकार को ऑब्लिगेटरी फंक्शन है और इससे ज्यादा इंपॉर्टेंट

है की ऑप्शनल फंक्शन भी अब हर सरकार निभाए दोस्तों कोशिश है भारत एक बढ़ता हुआ देश है पापुलेशन तो बढ़ ही रहा है

दोस्तों इस देश को अगर समृद्ध बनाना है तो कहीं ना कहीं हर सरकार को ऑब्लिगेटरी आज वेल आज ऑप्शनल फंक्शन दोनों पे ही

ध्यान देना पड़ेगा यस माय डियर स्टूडेंट्स अब बढ़ते हैं आगे इन दोनों फंक्शंस के अलावा में कुछ खास बात बता डन तो

परफॉर्म डी बाउल मेंशन डी फंक्शन अगर सरकार को ऑब्लिगेटरी और ऑप्शन दोनों फंक्शंस निभाना हैं दोनों फंक्शंस निभाना

हैं दोनों फंक्शंस निभाना हैं तो फिर क्या करना पड़ेगा अन्य गवर्नमेंट नीड्स फैंस विच कैन बी रिसीव फ्रॉम वेरियस

सोर्सेस मतलब हर सरकार को पैसे लगेंगे बिना फंड्स के इतने सारे खर्चे कैसे होंगे और इसीलिए इस विषय में आज के इस टॉपिक

में हम जो हैं इस पूरे चैप्टर के दौरान पड़ने वाले हैं अबाउट पब्लिक रेवेन्यू पब्लिक एक्सपेंडिचर एंड हम पब्लिक डेट

के बारे में समझेंगे फाइनेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन के बारे में समझेंगे फिजिकल पॉलिसी को जानेंगे तो कुल मिलाकर के

दोस्तों इस चैप्टर के इंट्रोडक्शन में मैं आपको यही बताना चाहता हूं की यार सरकार सरकार को हम चुनते हैं उनका कर्तव्य

तो बहुत सारा है लेकिन उसके साथ ही साथ उन्हें पैसों की भी जरूरत पड़ती है फंड्स की जरूरत पड़ती है डी कॉन्सेप्ट ऑफ

पब्लिक फाइनेंस इस अन कांबिनेशन ऑफ तू शब्द एक ही पब्लिक और फाइनेंस पब्लिक इस डी कलेक्टिव फॉर डी इंडिविजुअल्स यानी

लोगों का ग्रुप लिविंग विद इन एडमिनिस्ट्रेटिव टेरिटरी इन इकोनॉमिक्स इट इस यूज्ड साइनिफाई डी गवर्नमेंट यानी

पब्लिक बोले तो गवर्नमेंट पब्लिक बोले तो गवर्नमेंट गवर्नमेंट विच रिप्रेजेंट्स अन पब्लिक फाइनेंस का मतलब तो सिंपल

है इनकम एंड एक्सपेंडिचर आ फाइनेंस का मतलब क्या है इनकम और एक्सपेंडिचर तो पब्लिक फाइनेंस का मतलब क्या है गवर्नमेंट

का इनकम एंड एक्सपेंडिचर क्या गवर्नमेंट का इनका एंड एक्सपेंडिचर क्या गवर्नमेंट का इनकम एंड एक्सपेंडिचर 10 पब्लिक

फाइनेंस नथिंग बट अन स्टडी ऑफ प्रिंसिपल्स ऑफ इनकम एंड एक्सपेंडिचर ऑफ डी गवर्नमेंट सिंपल है बॉस चैप्टर का मीनिंग

मैंने आपको समझा दिया पब्लिक फाइनेंस इन इंडिया मतलब गवर्नमेंट इनकम एंड एक्सपेंडिचर इन इंडिया उम्मीद करता हूं

दोस्तों यह कॉन्सेप्ट आपको दिमाग में एकदम फिट हो गया होगा दोस्तों मैं आपको बता डन यह जो इंपॉर्टेंट डेफिनेशन दिया

ना पब्लिक फाइनेंस की यह आपको कुछ खास चीज समझते पहला डेफिनेशन है पब्लिक फाइनेंस वैन ऑफ दो सब्जेक्ट्स विचार ऑन डी

बॉर्डर लाइन बिटवीन इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिक्स क्योंकि इसमें फाइनेंस भी है इकोनॉमी भी है और पॉलिटिक्स भी है सरकार

है इट इस कंसर्न विद इनकम एंड एक्सपेंडिचर ऑफ पब्लिक एंड विद डी एडजेस्टमेंट ऑफ वैन विच डी आदर यानी हाफ डेल्टन बोलते

हैं ये जो पब्लिक फाइनेंस है ना किस कंसर्न है ये इनकम एक्सपेंडिचर से कंसर्न है किसके पब्लिक अथॉरिटी इसके यानी

महानगरपालिका नगर पालिका केंद्र सरकार राज्य सरकार जितनी भी सरकारी कर्मचारी इन सभी के इनकम एक्सपेंडिचर से कंसर्न

है और कैसे इनका एडजेस्टमेंट होता है एक दूसरे के साथ वो समझते हैं साइंस सी स्टडी डी एक्टिविटी ऑफ डी गवर्नमेंट इन

पॉलिटिकल साइंस 2 पब्लिक फाइनेंस अलसो कांस्टीट्यूट्स अन पार्ट ऑफ डी स्टडी ऑफ पब्लिक फाइनेंस यानी पॉलिटिकल साइंस

तो कहीं ना कहीं क्योंकि पब्लिक फाइनेंस को पॉलिटिकल साइंस नाम के सब्जेक्ट में भी पढ़ा जाता है डाल्टन कहते हैं यहां

पर हम पॉलिटिकल सोशल साइंस की भी स्टडी कर ही रहे हैं दोस्तों दूसरा डेफिनेशन जो है यह प्रोफेसर भाई साहब कहते हैं

पब्लिक फाइनेंस इस डी स्टडी ऑफ डी प्रिंसिपल ऑफ पब्लिक अथॉरिटीज यानी सरकार के स्टैंडिंग और सरकार के रंग सरकार के

स्पेंडिंग और सरकार के रेटिंग सरकार के स्पेंडिंग सरकार के रेसिंग का पूरा कच्चा चिट्ठा है पब्लिक फाइनेंस उम्मीद

करता हूं दोस्तों दोनों ही डेफिनिशन आप समझे होंगे दोस्तों आज के इस वीडियो में कोशिश यही है की आप समझ पाएंगे पब्लिक

फाइनेंस में एक्चुअली में क्या है पब्लिक फाइनेंस में एक्चुअली में गवर्नमेंट का इनकम और एक्सपेंडिचर है यहां पर कुछ

डर आपको बताए गए हैं की एक्जेक्टली पब्लिक फाइनेंस और प्राइवेट फाइनेंस में फर्क क्या है तो भैया अब पब्लिक फाइनेंस

की सरकारी है सरकारी है प्राइवेट फाइनेंस नहीं है नॉन गवर्नमेंट है याद रखियो ऑब्जेक्टिव्स में ऑफर्स मैक्सिमम

एडवांटेज यह सामाजिक कल्याण के लिए है पब्लिक फाइनेंस किसके लिए सामाजिक कल्याण सोशल वेलफेयर सोसाइटी के लिए और जबकि

प्राइवेट फाइनेंस की फुलफिल प्राइवेट इंटरेस्ट यानी कहीं ना कहीं ये बेनिफिट के लिए है प्रॉफिट मोटिव के लिए है मकसद

ही अलग है दोस्तों determinanthan ऑफ एक्सपेंडिचर की बात करें तो सरकार जो है पहले देखती है कितना एक्सपेंडिचर होने वाला है और

फिर कितने तरीके से हम ये खर्चा कर सकते हैं क्योंकि दूसरी तरफ इंडिविजुअल जो होता है वो क्या सोचता है की पहले इनकम

कितनी है वो देखो उसके बाद खर्चे का सोचो सिंपल है ना अपने जैसा इनकम कितना है फिर खर्चा करो लेकिन सरकार ऐसा नहीं

सोचती सरकार को पता है रोड बनाना जरूरी है ब्रिज बनाना जरूरी है पानी पहुंचाना जरूरी है जरूरी ये सारी चीज जरूरी है तो

खर्चा तो बहुत होने ही वाला है सरकार सुखी किस तरीके खर्चा करेगी यह नहीं सोचती इनकम कहां से आएगी दूसरी चीज क्रेडिट

स्टेटस मार्केट में भाई पब्लिक फाइनेंस की तो इज्जत बहुत है क्रेडिट स्टेटस मतलब गुडविल कैसा है मार्केट में नाम कैसा

है तो पब्लिक फाइनेंस का बहुत है आप सिंपल ही देख लीजिए आप किसी बैंक में अपने माता-पिता को puchiyega अकाउंट खोलने के बारे

में तो ज्यादातर एसबीआई जैसी बैंक जो है सरकारी बैंक से उनके ऊपर भरोसा ज्यादा होता है लोगों का क्यों क्योंकि सरकारी

बैंक है उठेगी नहीं उठ नहीं जाएगी हान एक का पंच तीन का दो नहीं करेगी तो कहीं ना कहीं पब्लिक फाइनेंस पे क्रेडिट जो है

मार्केट का ज्यादा है और प्राइवेट इंडिविजुअल्स पे लिमिटेड है दें राइट तू प्रिंट करेंसी तो भैया सरकार के पास नोट की

छपाई का बहुत परमिशन है रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया जो है यही गवर्नमेंट की सबसे बड़ी अपेक्स बैंक है सरकारी जो की प्रिंट

कर सकती है करेंसी प्राइवेट इंडिविजुअल्स डोस नॉट एंजॉय ये लोग जो हैं ये नहीं कर सकते प्रिंट इलास्टिसिटी ऑफ फाइनेंस

तो भाई यहां पे मोर इलास्टिक है मतलब फाइनेंस बड़ा भी सकते हैं जरूरत पड़ने पर बजट को बढ़ा भी देंगे यार पिछले बजट के

हिसाब से कम नहीं हो रहा वैसे चाहिए तो और करोड़ रुपए का बजट पास भी हो सकता है लेकिन पब्लिक फाइनेंस के अलावा अगर

प्राइवेट फाइनेंस की बात करें तो नॉट मच को भी एक बार बजट पास हो जाता है तो भाई उसी बजट में कम करना पड़ेगा नहीं तो ठन-ठन

गोपाल हो जाएगा तो प्राइवेट फाइनेंस में स्कोप नहीं है इफेक्ट ऑन इकोनॉमी की बात करें तो भैया ट्रेंड्स बैक पब्लिक

फाइनेंस का ट्रिमेंडस इंपैक्ट सोसाइटी के लिए क्योंकि सोसाइटी के लिए तो हो रहा है सब कुछ तो सोसाइटी समाज समाज

कल्याण के लिए जब हो रहा है तो उसका इंपैक्ट ट्रिमेंडस होगा और दूसरी तरफ प्राइवेट फाइनेंस की बात करें तो मार्जिनल

इफेक्ट है सबसे ज्यादा इफेक्ट उसे इंडिविजुअल पर होगा मतलब नुकसान हम maniyega वो तो पहला नुकसान मणि गई होगा बाद में देश का

होगा लेकिन अगर सरकार का नुकसान हुआ तो भैया देश का ही नुकसान हो जाएगा तो कहीं ना कहीं ये जो है मार्जिनल इफेक्ट और

यहां पर ट्रिमेंडस इफेक्ट है तो ये कुछ खास बातें थी दोस्तों मैं आपको बता डन आखिर में ये जो चार्ट आपको दिया हुआ है ना

ये चार्ट एकदम इंपॉर्टेंट है ये चार्ट ही पूरा चैप्टर है पूरा चैप्टर अगली वीडियो से मैं आपको क्या पढ़ने वाला हूं

अगले वीडियो से मैं आपको सबसे पहले पढ़ाऊंगा पब्लिक एक्सपेंडिचर और पब्लिक एक्सपेंडिचर के अंदर ये चारों चीज इसके

बाद मैं आपको पढ़ाऊंगा अगली वीडियो में पब्लिक रेवेन्यू और वहां आपको ये सारी चीज पढ़ाऊंगा मतलब ये जो चार्ट में चीज

हैं बस वही इस चैप्टर में है और कुछ भी नहीं है ये चार्ट कंप्लीट चैप्टर कंप्लीट सिंपल है पब्लिक एक्सपेंडिचर हम

पढ़ेंगे पब्लिक रेवेन्यू पढ़ेंगे उसके बाद पब्लिक डेट यानी के सरकार का कर्जा इंटरनल एक्सटर्नल इसके अलावा हम फिसल

पॉलिसी के बारे में पढ़ेंगे और इसके अंदर तो भाई वही चीज हैं एक्सपेंडिचर रेवेन्यू और डेट और आखिर में हम फाइनेंशियल

एडमिनिस्ट्रेशन पढ़ेंगे यानी बजट वगैरा के बारे में तो इस प्रकार से ये चैप्टर जो है छोटा सा नाना मुन्ना सा चैप्टर है

लेकिन मार्क्स बहुत देकर जाता है इजी चैप्टर है तो वीडियो में लगातार आप बने रहिएगा प्लेलिस्ट सेक्शन में जाकर के

वीडियो देख सकते हैं चैप्टर के पुराने वीडियो भी आपको बहुत कम आएंगे हम ऐसे ही वीडियो लगातार आपके लिए लेकर आते रहेंगे

अपना प्यार बरकरार रखिए दोस्तों तो चैनल को pahunchaiye शेयर कीजिए सब्सक्राइब कीजिए और हम ऐसी वीडियो आपके लिए लेकर आते

रहेंगे फिर एक बार कुछ और नए वीडियो के साथ तब तक के लिए दो लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब

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